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रद्दी पर रार! कबाड़ी के पास मिले किसानों को बंटने वाले हजारों प्रमाण पत्र

उज्जैन में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत मिलने वाला प्रमाण पत्र रद्दी हो गया है, जिसे पिछली सरकार ने किसानों को बांटने के लिए छपवाया था. इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया.

Home Minister Narottam Mishra
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
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Published : Mar 17, 2021, 11:22 AM IST

Updated : Mar 17, 2021, 4:13 PM IST

उज्जैन। बड़नगर रोड स्थित एक कबाड़ की दुकान में रद्दी मिली है, जिसमें हजारों किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रमाण पत्र हैं. महंगे एसीपी सीट पर बने हजारों प्रमाण पत्र ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार की पोल खोल कर रख दी. उज्जैन पहुंचे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रमाण पत्र ताम्र के हों या कागज के, सरकार पूरी झूठ पर खड़ी थी. आप न मेरी सुनो न ही कांग्रेस की, एक ऐसा किसान लाकर बताओ, जिसका कर्ज माफ हुआ हो. वहीं इसके बाद कांग्रेस प्रदेश सचिव ने तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों को ऋण माफी पत्र न बांटने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल शहर के बड़नगर मार्ग स्थित एक कबाड़ी वाले को इंदौर के एक बैंक द्वारा रद्दी बेची गई. यह आम कागज की रद्दी नहीं है बल्कि एसीपी सीट पर बनी किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के महंगे प्रमाण पत्रों की रद्दी है, जिसे पूर्व में आई कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए छपवाया गया था. सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर है. बात बड़ी इसलिए है, क्योंकि सरकार किसानों की ऋण माफी के नाम पर बनी. दावा किया गया कि सबके ऋण 10 दिन में माफ किए जाएंगे. अगर सबके ऋण माफ हुए हैं, तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेदार कौन है ? अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान ने कहा कि मैं निंदा करता हूं और इसकी सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं.

रद्दी में मिला किसानों को बंटने वाला ऋण माफी प्रमाण पत्र

नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा ?
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका जवाब तो कमलनाथ ही अच्छे से दे सकते हैं. प्रमाण पत्र ताम्र के हों या कागज के, सरकार पूरी झूठ पर खड़ी थी. आप न मेरी सुनो न ही कांग्रेस की, एक ऐसा किसान लाकर बताओ, जिस का कर्ज माफ हुआ हो.

लाखों रुपए के हैं एसीपी के प्रमाण पत्र

कबाड़ में मिले ताम्र पत्र हजारों की संख्या में है. इनकी कीमत लाखों रुपए होने की संभावना जताई जा रही है, जो कि जनता के पैसों से बनाई गई है. इसको लेकर राजनीति आगे देखने को जरूर मिल सकती है.

विधानसभा में हुआ था हंगामा

भोपाल में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार पर योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया. विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था. इस पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले किसान हूं और बाद में विधायक. मंत्री और विधायकों ने जो भी सुझाव दिए हैं और मांग रखी है, मैं उन्हें पूरा करने की कोशिश करूंगा.

उज्जैन। बड़नगर रोड स्थित एक कबाड़ की दुकान में रद्दी मिली है, जिसमें हजारों किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रमाण पत्र हैं. महंगे एसीपी सीट पर बने हजारों प्रमाण पत्र ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार की पोल खोल कर रख दी. उज्जैन पहुंचे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रमाण पत्र ताम्र के हों या कागज के, सरकार पूरी झूठ पर खड़ी थी. आप न मेरी सुनो न ही कांग्रेस की, एक ऐसा किसान लाकर बताओ, जिसका कर्ज माफ हुआ हो. वहीं इसके बाद कांग्रेस प्रदेश सचिव ने तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों को ऋण माफी पत्र न बांटने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल शहर के बड़नगर मार्ग स्थित एक कबाड़ी वाले को इंदौर के एक बैंक द्वारा रद्दी बेची गई. यह आम कागज की रद्दी नहीं है बल्कि एसीपी सीट पर बनी किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के महंगे प्रमाण पत्रों की रद्दी है, जिसे पूर्व में आई कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए छपवाया गया था. सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर है. बात बड़ी इसलिए है, क्योंकि सरकार किसानों की ऋण माफी के नाम पर बनी. दावा किया गया कि सबके ऋण 10 दिन में माफ किए जाएंगे. अगर सबके ऋण माफ हुए हैं, तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेदार कौन है ? अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान ने कहा कि मैं निंदा करता हूं और इसकी सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं.

रद्दी में मिला किसानों को बंटने वाला ऋण माफी प्रमाण पत्र

नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा ?
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका जवाब तो कमलनाथ ही अच्छे से दे सकते हैं. प्रमाण पत्र ताम्र के हों या कागज के, सरकार पूरी झूठ पर खड़ी थी. आप न मेरी सुनो न ही कांग्रेस की, एक ऐसा किसान लाकर बताओ, जिस का कर्ज माफ हुआ हो.

लाखों रुपए के हैं एसीपी के प्रमाण पत्र

कबाड़ में मिले ताम्र पत्र हजारों की संख्या में है. इनकी कीमत लाखों रुपए होने की संभावना जताई जा रही है, जो कि जनता के पैसों से बनाई गई है. इसको लेकर राजनीति आगे देखने को जरूर मिल सकती है.

विधानसभा में हुआ था हंगामा

भोपाल में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार पर योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया. विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था. इस पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले किसान हूं और बाद में विधायक. मंत्री और विधायकों ने जो भी सुझाव दिए हैं और मांग रखी है, मैं उन्हें पूरा करने की कोशिश करूंगा.

Last Updated : Mar 17, 2021, 4:13 PM IST
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