उज्जैन। शहर के बड़नगर रोड स्थित एक कबाड़ की दुकान पर रद्दी मिली है, एसीपी सीट पर किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के प्रमाण पत्रों की रद्दी है. इससे पूर्व में आए कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए छपरा गया था. सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर है और लिखा है कि शब्दों में किसान सम्मान पत्र परिचय कमलनाथ के हस्ताक्षर भी है. बात बड़ी इसलिए है क्योंकि सरकार किसानों के ऋण माफी के नाम पर बनी और वादा किया गया सब के 10 दिनों में कर्ज माफ किए जाएंगे. अगर सब के ऋण माफ नहीं हुआ तो रद्दी में पड़े इन महीने प्रमाण पत्रों का जिम्मेवार कौन और यहां एक्स्ट्रा है, तो फिर जनता की कमाई के पैसों की बर्बादी क्यों.
ऋण माफी के मुद्दे पर बनी थी कमलनाथ सरकार
पूर्व में किसानों के नाम पर बनी सरकार बनने वाली कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए महंगे एसीपी एलुमिनियम शीट से बनाए गए लाखों रुपए के हजारों प्रमाण पत्र उज्जैन के बड़नगर रोड कबाड़ी की दुकान से मिले हैं. कबाड़ी वाले का कहना है कि उसने इंदौर की एक बैंक से इसे खरीदा है. आम लोगों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई बर्बाद हुई. आप वीडियो फुटेज में साफ देख सकते हैं कि पूरा मामले में अब कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल सिंह चौहान का कहना है कि योजना में प्रमाण पत्र ना बांटने के जिम्मेवार तत्कालीन अधिकारी हैं, जिन्होंने कार्य को ठीक से नहीं किया अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल सिंह चौहान चेहरा हैं.
लाखों रुपए के हैं एसीपी के प्रमाण पत्र
कबाड़ में मिले ताम पत्र हजारों की संख्या में है और इनकी कीमत लाखों रुपए होगी जो कि जनता के पैसों से बनाई गई है. अब कबाड़ी की दुकान से मिले हजारों की तादात में किसानों के प्रमाण पत्र मिले हैं. जिनको लेकर राजनीति आगे जरूर देखने को मिलेगी. वहीं जांच का विषय है कि आखिर इंदौर की किस बैंक से इन्हें खरीदा गया है और जब कमलनाथ सरकार थी और उनके दावे के अनुसार किसानों के ऋण माफी हुई तो आखिर क्यों प्रमाण पत्र क्यों बांटे नहीं गए और अब कबाड़ी की दुकान पर मिले हैं.
आज ही विधानसभा में हुआ हंगामा
भोपाल में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए वर्क आउट किया. विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने कांग्रेस ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था. सरकार पर योजना को बंद करने का आरोप लगाया गया तो कृषि मंत्री कमल पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले किसान हूं और बाद में विधायक और मंत्री विधायकों ने जो भी सुझाव दिए हैं और मांग रखी है मैं उन्हें पूरा करने की कोशिश करूंगा प्रदेश के किसानों से ही आत्मनिर्भर होगा.