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जनता सब देख रही है: पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में नोकझोंक

उज्जैन विकास योजना 2035 को लेकर बृहस्पति भवन में शुक्रवार को जिला स्तरीय समिति ने आपत्तियों और सुझाव की सुनवाई की गई. जो मंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री और तत्कालीन उत्तर से विधायक पारस जैन और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. इसका वीडियो भी सामने आया है.

Ex-minister and current minister held noises,
पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में नोंकझोंक
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Published : Mar 20, 2021, 12:33 PM IST

उज्जैन। उज्जैन विकास योजना 2035 को लेकर बृहस्पति भवन में शुक्रवार को जिला स्तरीय समिति ने आपत्तियों और सुझाव की सुनवाई की गई. जो मंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री व तत्कालीन उत्तर से विधायक पारस जैन और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. इसका वीडियो भी सामने आया है. दोनों बैठक के बीच एक दूसरे को चुप कराने लगे. इस बीच पारस जैन ने यह तक कह दिया कि "बाद में जनता को जवाब भी देना है मेरी बात तो पूरी हो जाने दो मैं आपके बीच बिल्कुल नहीं बोला हूं."

पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में नोंकझोंक
पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में तीखी नोंकझोंकसुनवाई में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव विधायक व पूर्व मंत्री पारस जैन विधायक रामलाल मालवीय कलेक्टर आशीष सिंह निगमायुक्त सिंगल नगर और ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक सहित बड़ी संख्या में आपत्ति प्रस्तुतकर्ता और सुझाव देने के लिए नगर के वरिष्ठ जन अभिभाषक और पत्रकार मौजूद थे. समिति ने सभी की आपत्ति को सुना और यथोचित निर्णय लेने के लिए प्राप्त आपत्तियों को सूचीबद्ध कर राज्य शासन के विचारार्थ भेजने का फैसला लिया गया. शिप्रा नदी किनारे मंगलनाथ से त्रिवेणी तक आवासी को लेकर दोनों नेता भिड़ गए. दरअसल, मंगलनाथ से लेकर त्रिवेणी तक शिप्रा नदी के किनारे मास्टर प्लान में आवास योजना शामिल है जिसको लेकर कई साधु संत सहित विधायक पारस जैन चाहते हैं नदी किनारे कुंभ मेले का आयोजन होता हैं और ऐसे में कॉलोनियों के निर्माण से शिप्रा नदी और गंदी हो जाएगी. इस कारण इसे आवासी क्षेत्र से मुक्त करा देना चाहिए. बैठक में इस बात को लेकर मोहन यादव और पारस जैन भिड़ गए और पारस जैन ने कहा कि "आप मेरी बात भी पूरी नहीं होने दे रहे हैं. बैठक के बाद अलग सवाल होने से पहले ही पारस जैन भाग खड़े हुए क्योंकि वह जानते थे कि बैठक में हुई बहस पर मीडिया कर्मी सवाल करेंगे. लेकिन उन्होंने मीडिया से बात की और कहने लगे जिसको कॉलोनी काटना है, वह इंदौर चले जाए उज्जैन की पहचान ही सिंहस्थ से है. यहां सिंहस्थ भूमि के अलावा बहुत से प्लाट का मकान खाली है. वो भी बिक नहीं रहे हैं.

उज्जैन में एक साथ 34 नये मामले, मास्क नहीं पहनने वालों पर कार्रवाई

कुल 463 आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए
सुनवाई के दौरान सर्वाधिक 258 अपत्ति सिंहस्थ भूमि से मुक्त कर आवासी करने के संबंध में प्राप्त हुई है. इसी तहत सिंहस्थ क्षेत्र के लिए भूमि आरक्षित करने के लिए कुल 14 आपत्ति सिंहस्थ क्षेत्र में कृषि से संबंधितव है. निर्माण की अनुमति जारी करने के लिए नवीन प्रस्तावित मार्गो की चौड़ाई कम करने, हटाने और नए मार्ग बनाने के संबंध में 41. दशहरा मैदान को आवासीय सह वाणिज्यक करने के संबंध में 5. शिप्रा नदी तट से 30 मीटर तक अधोसंरचान का विकास तथा 30 मीटर. 200 मीटर तक बाकि उपयोग स्वीकार्य करने के संबंध में 9. त्रिवेणी संगम से तपोभूमि चौराहे तक सर्विस रोड के संबंध में 8. कृषि से आवासीय अथवा मिश्रित लैंडयूज के संबंध में 15. पीएसपी से आवासीय/वाणिज्यक औद्योगिक करने के संबंध में 25. आमोद - प्रमोद से आवासीय वाणिज्यक से आवासीय, पीएसपी मिश्रित करने के लिए 18 आपत्ति और शेष सुझाव प्राप्त हुए.

उज्जैन। उज्जैन विकास योजना 2035 को लेकर बृहस्पति भवन में शुक्रवार को जिला स्तरीय समिति ने आपत्तियों और सुझाव की सुनवाई की गई. जो मंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री व तत्कालीन उत्तर से विधायक पारस जैन और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. इसका वीडियो भी सामने आया है. दोनों बैठक के बीच एक दूसरे को चुप कराने लगे. इस बीच पारस जैन ने यह तक कह दिया कि "बाद में जनता को जवाब भी देना है मेरी बात तो पूरी हो जाने दो मैं आपके बीच बिल्कुल नहीं बोला हूं."

पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में नोंकझोंक
पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री में तीखी नोंकझोंकसुनवाई में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव विधायक व पूर्व मंत्री पारस जैन विधायक रामलाल मालवीय कलेक्टर आशीष सिंह निगमायुक्त सिंगल नगर और ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक सहित बड़ी संख्या में आपत्ति प्रस्तुतकर्ता और सुझाव देने के लिए नगर के वरिष्ठ जन अभिभाषक और पत्रकार मौजूद थे. समिति ने सभी की आपत्ति को सुना और यथोचित निर्णय लेने के लिए प्राप्त आपत्तियों को सूचीबद्ध कर राज्य शासन के विचारार्थ भेजने का फैसला लिया गया. शिप्रा नदी किनारे मंगलनाथ से त्रिवेणी तक आवासी को लेकर दोनों नेता भिड़ गए. दरअसल, मंगलनाथ से लेकर त्रिवेणी तक शिप्रा नदी के किनारे मास्टर प्लान में आवास योजना शामिल है जिसको लेकर कई साधु संत सहित विधायक पारस जैन चाहते हैं नदी किनारे कुंभ मेले का आयोजन होता हैं और ऐसे में कॉलोनियों के निर्माण से शिप्रा नदी और गंदी हो जाएगी. इस कारण इसे आवासी क्षेत्र से मुक्त करा देना चाहिए. बैठक में इस बात को लेकर मोहन यादव और पारस जैन भिड़ गए और पारस जैन ने कहा कि "आप मेरी बात भी पूरी नहीं होने दे रहे हैं. बैठक के बाद अलग सवाल होने से पहले ही पारस जैन भाग खड़े हुए क्योंकि वह जानते थे कि बैठक में हुई बहस पर मीडिया कर्मी सवाल करेंगे. लेकिन उन्होंने मीडिया से बात की और कहने लगे जिसको कॉलोनी काटना है, वह इंदौर चले जाए उज्जैन की पहचान ही सिंहस्थ से है. यहां सिंहस्थ भूमि के अलावा बहुत से प्लाट का मकान खाली है. वो भी बिक नहीं रहे हैं.

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कुल 463 आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए
सुनवाई के दौरान सर्वाधिक 258 अपत्ति सिंहस्थ भूमि से मुक्त कर आवासी करने के संबंध में प्राप्त हुई है. इसी तहत सिंहस्थ क्षेत्र के लिए भूमि आरक्षित करने के लिए कुल 14 आपत्ति सिंहस्थ क्षेत्र में कृषि से संबंधितव है. निर्माण की अनुमति जारी करने के लिए नवीन प्रस्तावित मार्गो की चौड़ाई कम करने, हटाने और नए मार्ग बनाने के संबंध में 41. दशहरा मैदान को आवासीय सह वाणिज्यक करने के संबंध में 5. शिप्रा नदी तट से 30 मीटर तक अधोसंरचान का विकास तथा 30 मीटर. 200 मीटर तक बाकि उपयोग स्वीकार्य करने के संबंध में 9. त्रिवेणी संगम से तपोभूमि चौराहे तक सर्विस रोड के संबंध में 8. कृषि से आवासीय अथवा मिश्रित लैंडयूज के संबंध में 15. पीएसपी से आवासीय/वाणिज्यक औद्योगिक करने के संबंध में 25. आमोद - प्रमोद से आवासीय वाणिज्यक से आवासीय, पीएसपी मिश्रित करने के लिए 18 आपत्ति और शेष सुझाव प्राप्त हुए.

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