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सिहंस्थ घोटाला: 6 अलग- अलग मामलों की EOW ने शुरू की जांच

EOW ने सिंहस्थ घोटाले के 6 अलग-अलग मामलों में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें पानी की टंकी, शौचालय निर्माण और इलेक्ट्रिक पोल की खरीदी में अनियमितताओं को लेकर उज्जैन नगर निगम और प्रदेश के अलग अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों पर आरोप लगे हैं.

EOW , भोपाल
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Published : Sep 12, 2019, 8:05 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 8:31 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में ई-टेंडर घोटाले की जांच के बाद अब EOW ने सिंहस्थ घोटाले के 6 अलग- अलग मामलों में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें एलईडी लाइट, शौचालय, इलेक्ट्रिक पोल, डिवाइडर और पानी की टंकी खरीदी शामिल हैं. अब EOW इनको लेकर जानकारियां जुटाकर रिकॉर्ड तैयार कर रहा है.

EOW is all set to take action against 2016 sinhastha mahakumbh ujjain
EOW ने शुरू की सिहंस्थ घोटाले की जांच

साल 2016 में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हुए सिंहस्थ मेले में विपक्ष ने घोटाले का आरोप लगाया था, जिसको लेकर अब ईओडब्ल्यू ने 6 मामलों की जांच शुरू कर दी है. ईओडब्ल्यू ने इन शिकायतों को लेकर अब रिकॉर्ड जुटाने शुरू कर दिए हैं.

ईओडब्ल्यू को मिली शिकायतों में पानी की टंकी, शौचालय निर्माण और इलेक्ट्रिक पोल की खरीदी में अनियमितताओं को लेकर उज्जैन नगर निगम और प्रदेश के अलग- अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों पर आरोप लगे हैं.

आरोप इस प्रकार हैं
1- दो हजार LED लाइट्स गुम है, जिनकी कीमत करीब 3.6 करोड़ रुपये है, इस मामले में नगर निगम उज्जैन और एचपीएल एंड पॉवर सर्विसेज के अधिकारियों पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
2- 434 पानी की टंकियां और स्टैंड स्टोर शाखा में जमा नहीं किये गए हैं, इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो इंजीनियर्स पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
3- मेला क्षेत्र में ट्रांसफार्मर और पोल के लिए 17 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था, लेकिन इसे वापस खोलने के लिए अलग से करीब साढ़े 4 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया, इस मामले में एमपीएसीबी के एक अधिकारी पर आरोप लगे हैं.
4- सिंहस्थ के दौरान 2.9 किलोमीटर डिवाइडर बनाने, विद्युत पोल और लाइट लगाने के लिए 1.11 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था, लेकिन महज 900 मीटर ही काम किया गया, पर भुगतान पूरे काम का किया गया है. इस मामले में लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारी जांच के घेरे में हैं.
5- मेले के हर पड़ाव पर 500 शौचालय और 10 चेजिंग रूम में भी मानक के अनुरूप कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई, इस मामले में नगर निगम उज्जैन के सफाई विभाग पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
6- होल्ड अप फैन्स के लिए अजंता वायर एन्ड फेब्रिकेशन वर्क्स को 12 करोड़ रुपये के क्रय का आदेश दिया गया था, लेकिन फर्म को 3 हजार रुपये की सामग्री के बदले 6 हजार रुपये से भी ज्यादा का भुगतान किया गया.
सिंहस्थ को लेकर हुई इन 6 शिकायतों पर EOW की टीम अब बारीकी से जांच कर रही है और साथ ही शिकायतों के आधार पर रिकॉर्ड भी जुटाना शुरू कर दिया है. प्रारंभिक जांच के बाद इन शिकायतों के आधार पर FIR भी दर्ज की जा सकती है, साथ ही इस घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारी राजनेता और तत्कालीन मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में ई-टेंडर घोटाले की जांच के बाद अब EOW ने सिंहस्थ घोटाले के 6 अलग- अलग मामलों में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, जिसमें एलईडी लाइट, शौचालय, इलेक्ट्रिक पोल, डिवाइडर और पानी की टंकी खरीदी शामिल हैं. अब EOW इनको लेकर जानकारियां जुटाकर रिकॉर्ड तैयार कर रहा है.

EOW is all set to take action against 2016 sinhastha mahakumbh ujjain
EOW ने शुरू की सिहंस्थ घोटाले की जांच

साल 2016 में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हुए सिंहस्थ मेले में विपक्ष ने घोटाले का आरोप लगाया था, जिसको लेकर अब ईओडब्ल्यू ने 6 मामलों की जांच शुरू कर दी है. ईओडब्ल्यू ने इन शिकायतों को लेकर अब रिकॉर्ड जुटाने शुरू कर दिए हैं.

ईओडब्ल्यू को मिली शिकायतों में पानी की टंकी, शौचालय निर्माण और इलेक्ट्रिक पोल की खरीदी में अनियमितताओं को लेकर उज्जैन नगर निगम और प्रदेश के अलग- अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों पर आरोप लगे हैं.

आरोप इस प्रकार हैं
1- दो हजार LED लाइट्स गुम है, जिनकी कीमत करीब 3.6 करोड़ रुपये है, इस मामले में नगर निगम उज्जैन और एचपीएल एंड पॉवर सर्विसेज के अधिकारियों पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
2- 434 पानी की टंकियां और स्टैंड स्टोर शाखा में जमा नहीं किये गए हैं, इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो इंजीनियर्स पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
3- मेला क्षेत्र में ट्रांसफार्मर और पोल के लिए 17 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था, लेकिन इसे वापस खोलने के लिए अलग से करीब साढ़े 4 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया, इस मामले में एमपीएसीबी के एक अधिकारी पर आरोप लगे हैं.
4- सिंहस्थ के दौरान 2.9 किलोमीटर डिवाइडर बनाने, विद्युत पोल और लाइट लगाने के लिए 1.11 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था, लेकिन महज 900 मीटर ही काम किया गया, पर भुगतान पूरे काम का किया गया है. इस मामले में लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारी जांच के घेरे में हैं.
5- मेले के हर पड़ाव पर 500 शौचालय और 10 चेजिंग रूम में भी मानक के अनुरूप कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई, इस मामले में नगर निगम उज्जैन के सफाई विभाग पर घोटाले के आरोप लगे हैं.
6- होल्ड अप फैन्स के लिए अजंता वायर एन्ड फेब्रिकेशन वर्क्स को 12 करोड़ रुपये के क्रय का आदेश दिया गया था, लेकिन फर्म को 3 हजार रुपये की सामग्री के बदले 6 हजार रुपये से भी ज्यादा का भुगतान किया गया.
सिंहस्थ को लेकर हुई इन 6 शिकायतों पर EOW की टीम अब बारीकी से जांच कर रही है और साथ ही शिकायतों के आधार पर रिकॉर्ड भी जुटाना शुरू कर दिया है. प्रारंभिक जांच के बाद इन शिकायतों के आधार पर FIR भी दर्ज की जा सकती है, साथ ही इस घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारी राजनेता और तत्कालीन मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है.

Intro:भोपाल- मध्यप्रदेश में ई टेंडर घोटाले की जांच के बाद अब EOW ने सिंहस्थ घोटाले को लेकर 6 PE (Preliminary inquiry) दर्ज कर ली है। EOW ने 6 अलग-अलग मामलों में यह प्रारंभिक जांच दर्ज की है जिसमें एलईडी लाइट, शौचालय, इलेक्ट्रिक पोल, डिवाइडर और पानी की टंकी खरीदी शामिल हैं। अब EOW इसको लेकर जानकारियां इकट्ठा कर रिकॉर्ड तैयार कर रहा है।


Body:साल 2016 में मध्य प्रदेश के उज्जैन मैं हुए सिंहस्थ मेले घोटाले को लेकर अब ईओडब्ल्यू ने 6 प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है ईओडब्ल्यू को मिली 6 अलग-अलग शिकायतों को लेकर यह जांच दर्ज की गई है। ईओडब्ल्यू ने इन शिकायतों को लेकर अब रिकॉर्ड इकट्ठा करना भी शुरू कर दिया है। इओडब्ल्यू को मिली शिकायतों में पानी की टंकी, शौचालय निर्माण और इलेक्ट्रिक पोल की खरीदी में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। ये आरोप उज्जैन नगर निगम और प्रदेश के अलग अलग सरकारी विभागों के अधिकारियों पर लगे हैं।

ये है 6 अलग अलग शिकायतें।

1- दो हज़ार LED लाइट्स गुम है, जिनकी कीमत करीब 3.6 करोड़ रुपये है। इस मामले में नगर निगम उज्जैन और एचपीएल एन्ड पॉवर सर्विसेज़ के अधिकारियों पर घोटाले के आरोप है।

2- 434 पानी की टंकियां और स्टैंड स्टोर शाखा में जमा नही किये गए हैं। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 2 इंजीनियर्स पर घोटाले के आरोप है।

3- मेला क्षेत्र में ट्रांसफार्मर और खंभो के लिए 17 करोड़ का ठेका दिया गया था। लेकिन इसे वापस खोलने के लिए अलग से करीब साढ़े 4 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया। इस मामले में एमपीएसीबी के एक अधिकारी पर आरोप लगे हैं।

4- सिंहस्थ के दौरान 2.9 किलोमीटर डिवाइडर बनाने, विद्युत खंभे और लाइट लगाने के लिए 1.11 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था। लेकिन महज 900 मीटर ही काम किया गया। पर भुगतान पूरे काम का किया गया है। इस मामले में लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारी जांच के घेरे में है।

5- मेले के प्रत्येक पड़ाव पर 500 शौचालय और 10 चेंजिंग रूम्स में भी तय की गई कोई भी सुविधा उपलब्ध नही करवाई गई। इस मामले में नगर निगम उज्जैन के सफाई विभाग पर घोटाले के आरोप है।

6- होल्ड अप फेन्स के लिए अजंता वायर एन्ड फेब्रिकेशन वर्क्स को 12 करोड़ रुपये के क्रय का आदेश दिया गया था। लेकिन फर्म को 3 हज़ार रुपये की सामग्री के बदले 6 हज़ार रुपये से भी ज्यादा का भुगतान किया गया।


Conclusion:सिंहस्थ को लेकर हुई इन 6 शिकायतों पर EOW की टीम अब बारीकी से जांच कर रही है और साथ ही साथ शिकायतों के आधार पर रिकॉर्ड भी इकट्ठा किया जा रहा है माना जा रहा है कि प्रारंभिक जांच के बाद चल रही इनसे शिकायतों के आधार पर FIR भी दर्ज की जा सकती है इसके साथ ही इस घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारी राजनेता और तत्कालीन मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।
Last Updated : Sep 12, 2019, 8:31 PM IST
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