उज्जैन। शहर की लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले समाजसेवी अनिल डागर का मकान उज्जैन निगम प्रसाशन ने तोड़ दिया. कुछ दिनों पहले अनिल को बदमाशों को संरक्षण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत जेल भेज दिया गया था. वहीं अनिल डागर का कहना है कि उन्होंने ASP के खिलाफ याचिका लगाई है, जिसकी वजह से प्रशासन ने उन पर गलत कार्रवाई की है.
प्रदेशभर में मुख्यमंत्री ने भूमाफिया और बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं. इसी के चलते शहर में भी कई बदमाशों के मकान पुलिस और प्रशासन की मदद से निगम ने जमींदोज किए हैं. इसी कड़ी में निगम प्रशासन ने समाजसेवी अनिल डागर का मकान तोड़ा. इस दौरान अनिल डागर ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया की उन पर गलत कार्रवाई की जा रही है.
पहले बदमाशों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने अनिल पर रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया था. डागर जब जेल से छूटे तो उन्होंने अपने ऊपर हुई गलत कार्रवाई को चुनौती देते हुए एसपी सचिन अतुलकर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.वहीं जब निगम के अधिकारियों से कार्रवाई के दौरान जानकारी लेना चाही गई तो निगम के अधिकारी बात को टालते नजर आए.