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गर्ल्स कॉलेज की भृत्या के पक्ष में उतरी कांग्रेस, भाजपा पर लगाए आरोप

नागदा में गर्ल्स कॉलेज की भृत्या को पद से प्रथक करने को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष के दबाव में आकर महिला को बेवजह नौकरी से निकाला जा रहा है.

Congress came out in favor of women's college female act
गर्ल्स कॉलेज की महिला भृत्य के पक्ष में उतरी कांग्रेस
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Published : Aug 7, 2020, 5:16 PM IST

उज्जैन। नागदा के गर्ल्स कॉलेज में बीते चार साल से भृत्या के पद पर कार्यरत महिला को नौकरी से निकालने पर कांग्रेस महिला पक्ष में उतर आई है. जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने कहा कि सत्ता पक्ष के दवाब में महिला को बेवजह नौकरी से निकाला जा रहा है, जिससे उसके परिवार पर आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा.

दरअसल, नागदा गर्ल्स कॉलेज में भृत्या के पद पर 40 वर्षीय कविता चार साल से कार्यरत है. सप्ताहभर पहले काॅलेज प्रबंधन ने बगैर कोई कारण बताए उसे नौकरी से हटा दिया गया. कॉलेज प्राचार्य का कहना है कि महिला के पास भृत्या के पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता नहीं है. कविता पांचवीं पास भी नहीं है, इसी के चलते वो भृत्या के पद के योग्य नहीं है.

भाजपा नेताओं के इशारे पर छीन रहे नौकरी

कॉलेज का घेराव करने वाले कांग्रेसियों ने कहा कि कोरोनाकाल में पहले ही रोजगार का संकट है.इसके बावजूद भाजपा नेताओं के इशारे पर कविता को नौकरी से निकाला जा रहा है. अगर महिला के पास शैक्षणिक योग्यता नहीं थी, तो चार साल से वो कैसे काम कर रही थी. इससे ही जाहिर होता है कि कॉलेज प्रबंधन सत्ता पक्ष के इशारे पर मनमानी कर एक गरीब महिला के साथ अन्याय कर रहा है.

भाजपा ने कांग्रेस पर इस पूरे मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि किसी को भी नौकरी पर रखने और निकाले जाने के लिए नियम होते हैं. भाजपा ऐसी ओछी राजनिति नहीं करती है. जबकि कांग्रेस के ही पूर्व के कार्यकाल में एक दलित अनुकम्पा पर लगे युवक को प्रताड़ित किया गया था, तब कांग्रेस कहां थी. मामले की पूरी जानकारी लेकर महिला के साथ न्याय हो, भाजपा इसके लिए पूरा प्रयास करेगी.

उज्जैन। नागदा के गर्ल्स कॉलेज में बीते चार साल से भृत्या के पद पर कार्यरत महिला को नौकरी से निकालने पर कांग्रेस महिला पक्ष में उतर आई है. जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने कहा कि सत्ता पक्ष के दवाब में महिला को बेवजह नौकरी से निकाला जा रहा है, जिससे उसके परिवार पर आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा.

दरअसल, नागदा गर्ल्स कॉलेज में भृत्या के पद पर 40 वर्षीय कविता चार साल से कार्यरत है. सप्ताहभर पहले काॅलेज प्रबंधन ने बगैर कोई कारण बताए उसे नौकरी से हटा दिया गया. कॉलेज प्राचार्य का कहना है कि महिला के पास भृत्या के पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता नहीं है. कविता पांचवीं पास भी नहीं है, इसी के चलते वो भृत्या के पद के योग्य नहीं है.

भाजपा नेताओं के इशारे पर छीन रहे नौकरी

कॉलेज का घेराव करने वाले कांग्रेसियों ने कहा कि कोरोनाकाल में पहले ही रोजगार का संकट है.इसके बावजूद भाजपा नेताओं के इशारे पर कविता को नौकरी से निकाला जा रहा है. अगर महिला के पास शैक्षणिक योग्यता नहीं थी, तो चार साल से वो कैसे काम कर रही थी. इससे ही जाहिर होता है कि कॉलेज प्रबंधन सत्ता पक्ष के इशारे पर मनमानी कर एक गरीब महिला के साथ अन्याय कर रहा है.

भाजपा ने कांग्रेस पर इस पूरे मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि किसी को भी नौकरी पर रखने और निकाले जाने के लिए नियम होते हैं. भाजपा ऐसी ओछी राजनिति नहीं करती है. जबकि कांग्रेस के ही पूर्व के कार्यकाल में एक दलित अनुकम्पा पर लगे युवक को प्रताड़ित किया गया था, तब कांग्रेस कहां थी. मामले की पूरी जानकारी लेकर महिला के साथ न्याय हो, भाजपा इसके लिए पूरा प्रयास करेगी.

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