उज्जैन। केंद्रीय सरकार ने कृषि कानून लागू किए हैं, जिसका देश भर में विरोध किया जा रहा है. इन तीन कानूनों के विरोध में पिछले 18 दिन से कई राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन का समर्थन कई राजनीतिक पार्टियां भी कर रही हैं. 6 बार किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता के बाद भी अब तक हल नहीं निकल पाया है. कोरोना बीमारी का भय और कई राज्यो में बढ़ते किसान आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए केंद्र ने अब राज्य स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस अभियान को मध्य प्रदेश में भी शुरू किया गया है. जिसकी शुरूआत भोपाल और उज्जैन में हुई. ऐसे में कार्यक्रम को संबोधित करने CM शिवराज सिंह चौहान उज्जैन पहुंचे.
किसानों को समझाने की जा रही कोशिश
किसान इन कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं. किसानों का कहना है ये कि किसान विरोधी कानून है. लगातार बढ़ रहे आंदोलन की वजह से देश को करोड़ो रुपए का नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों को कृषि कानून के बारे में समझाइश देने के लिए केंद्रीय सरकार ने जागरूकता अभियान की शुरुआत की है. उज्जैन संभाग स्तर पर आयोजित हुए कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और कई मंत्रियों को करीब 4000 से ज्यादा किसानों ने सुना.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कही मुख्य बातें
- किसान बहनों-भाइयों की, महाकाल की, भारत माता की जय के उदघोष के साथ सीएम ने कहा, मैं शीश झुका कर आप सबको प्रणाम करता हूं. प्लेन से आज आते-आते देर हो गई. कोहरे की वजह से पायलट ने कहा विमान उज्जैन नहीं उतरेगा, तो हम भी जिद्दी हैं. भले ही मौसम बेईमान हो जाए, जमाना खिलाफ हो जाए, शिवराज किसानों से विमुक्त नहीं हो सकता. किसानो को छोड़ नहीं सकता, इसलिए इंदौर गया और सड़क मार्ग से आपके बीच पहुंचा. महाकाल महाराज की नगरी में.
- आज घड़ियालु आंसू बहाए जा रहे हैं. मोदी जी को गालियां, किसान हितों की चर्चा हो रही है. कमलनाथ ने कहा शिवराज किसान पुत्र हैं. अरे हम तो खुद किसान है. वाह रे, कमल नाथ! हम किसान विरोधी और तुम हितैषी. तुमने नहीं तुम्हारे नेता ने कहा था सभी का कर्ज माफ करेंगे. 1से 10 तक गिनती गिनी थी. हालात ये हो गए कि सबको डिफॉल्टर कर दिया.
- जो किसान की बात कर रहे हैं, वो कदम-कदम पर किसानों को धोका देने वाले हैं. जब हमने फाइल देखी तो महाकाल महाराज के यहां खुले आम कह रहा हूं, कमलनाथ ने 2200 करोड़ खाए हैं.
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- मुझे गर्व है ये कहते हुए कि 2200 करोड़ कोरोना काल की कड़की में निकाल कर फसल बीमा योजना को पूरा किया गया. 2019-20 फसल बीमा में रबी फसल का पैसा भी ये खा गए.
- 0 फीसदी ब्याज पर कर्जा हमने देना शुरू किया. प्रधानमंत्री जब 6000 रुपए किसान सम्मान निधि भेजते थे, तो उसकी सूची इन्होंने नहीं भेजी. वहां बेइमानी की, इसलिए लाखों किसानों को पैसा नहीं मिला. हमने 6000 रुपए के साथ 4000 रुपए जोड़े. कोरोना की कड़की में 10 हजार रुपए राशि की.
- 18 तारीख को राहत की राशि 1600 करोड़ रुपए किसानो के खाते में डाल दी जाएगी. हम फिर आ गए, वनवास था हमारा, अब वनवास खत्म. कर्ज माफी के नाम पर इन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र बांटे.
- महाकाल मंदिर का परिसर स्मार्ट सिटी के नहीं मालवा के लोग बनाएंगे.
- किसान बिल के विरोध में घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं. मोदी का नाम सुनते ही पसीने आ जाते हैं.
- राहुल गांधी का नाम लेकर ये विरोध कर रहे हैं. राहुल गांधी को ये नहीं पता प्याज कहां से उगता है. जमीन के नीचे उगता है या ऊपर. उनको ये नहीं पता भिंडी कैसे उगती है. गांव नहीं देखा, खेत नहीं देखा और किसान हित की बात कर रहे हैं.
किसान कानून को लेकर क्या बोले सीएम शिवराज
- पहला कानून
पहले कानून था कि मंडी के बाहर किसान अनाज नही बेच सकता था. अब किसान मंडी के बाहर बेच सकता है. अब कोई भी घर आकर खेत पर, कहीं भी सौदा कर सकता है. मर्जी की कीमत में तो क्या गलत है. बिचौलिया को निपटाने का कानून है मेरी मर्जी जहां चाहे वहां बेचूं अनाज. जब शिवराज कह रहा है कि मंडी बंद नहीं होगी. मंडी को और अच्छा बनाएंगे, बेहतर सुविधाएं देंगे. किसान की मर्जी जहां अच्छा रेट मिलेगा, वहां बेचगा. मंडी हो या घर,जब किसान विरोधी नहीं है बिल तो क्यों खून के आंसू बहाना.
- दूसरा कानून
कानून नंबर दो कहता है अगर किसान को बोनी के समय ही सही रेट मिल जाए, जैसे 4000 रुपए क्विंटल मंडी में सोयाबीन भाव है, तो बोनी के समय ही किसान से कांट्रेक्ट कर लिया. अगर 6000 रुपए में मिला तो 2000 का फायदा होगा. अगर किसानों को फायदा नहीं हुआ तो खरीदी करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी.
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- तीसरा कानून
अभी तक स्टोरेज की लिमिट थी. अब कोई स्टॉक लिमिट नहीं है. जितना रखना है रखो. जितना बेचना है बेचो. किसान मुक्त है अब.
मोदी जी बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं
इस दौरान सीएम शिवराज ने सबसे हाथ ऊंचे करवा कर कानून के समर्थन में नारे भी लगवाए. सबने कहा मोदी जी आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं. कानून लागू करो, जारी रखो हम तुम्हारे साथ हैं. उन्होंने महाकाल महाराज, नर्मदा मां और किसानो की जय-जय कार के साथ कार्यक्रम में शब्दों को विराम दिया.
किसान सम्मेलन में शामिल हुए नेता
किसान सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, उज्जैन उत्तर से विद्यायक पारस जैन, उज्जैन के क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया, जिला अध्यक्ष बहादुर सिंह और कई जिला अध्यक्ष, सांसाद, पूर्व सांसद साथ ही संभाग स्तरीय पार्टी के विद्यायक, पूर्व विद्यायक भी सभा में शामिल हुए.
उड़ी कोविड गाइडलाइन की धज्जियां
पूरे कार्यक्रम में जिला प्रशासन व्यवस्था नहीं संभाल पाया. देश भर में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बड़ी संख्या में किसानों और नेताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभा स्थल में व्यवस्था की गई थी. लेकिन उसको जिला प्रशासन संभाल नहीं पाया. कई किसान और नेता बिना मास्क के भी नजर आए. साथ ही एंट्री गेट पर लगी सैनिटाइजर मशीन का भी अव्यवस्था के कारण उपयोग नहीं हुआ.