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उज्जैन: रिश्वतखोर बड़नगर थाना प्रभारी और एसआई लाइन अटैच, ऑडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई

उज्जैन के बड़नगर में थाना प्रभारी अर्चना नागर और एसआई जीवन डिंडोरे पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जिसका ऑडियो भी वायरल हो रहा था, ऑडियो वायरल होने के बाद दोनों को लाइन अटैच कर दिया गया है,

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Published : Oct 18, 2020, 5:55 PM IST

उज्जैन। जिले के बड़नगर में थाना प्रभारी अर्चना नागर और एसआई जीवन डिंडोरे पर पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हे लाइन अटैच कर दिया गया है, दोनों पर आरोप है कि फरियादी ओम परमार से उन्होंने 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसका ऑडियो भी फरियादी ओम परमार ने मीडिया और एसपी को शिकायत कर सौंपा था, जिसके तत्काल बाद एसपी ने बड़नगर SDOP को पूरे मामले की छान-बिन करने के आदेश दिए, और थाना प्रभारी अर्चना नागर और एसआई जीवन को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया गया.

बड़नगर थाना प्रभारी और एसआई लाइन अटैच

दरअसल उज्जैन के बड़नगर तहसील का ये पूरा मामला है, जहां थाना बड़नगर में ओम परमार नामक युवक ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने 3 महीने पहले अपनी बोलेरो गाड़ी रतलाम नीवासी परिचित अंकित को बेच दी थी, दोनों के बीच तय कीमत पर सौदा हुआ, जिसके बाद अंकित ने फरियादी को 33 हजार रुपये देकर गाड़ी रख ली. वाहन फाइनेंस था इसलिए बाकी की किश्ते अंकित को भरनी थी, जिसे अंकित ने नहीं भरा, और जब फायनेंस के पैसे भरने की बात फरियादी ओम परमार ने अंकित से कही, तो आरोपी अंकित उनके साथ गाली गलौच करने लगा, जिसके बाद फरियादी ओम परमार पूरे मामले की शिकायत करने बड़नगर थाने पहुंचे,

फरियादी ओम की शिकायत पर रतलाम निवासी अंकित से गाड़ी बुलवा ली, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब फरियादी ओम के अनुसार वह अपनी गाड़ी लेने थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने उससे 35 हजार की रिश्वत मांगी, बिना रकम के गाड़ी नहीं देने का भी हवाला दिया. फरियादी ओम उस वक्त तो वहां से निकल गए, लेकिन उन्होंने फ़ोन पर ये सब बातें रिकॉर्ड कर लीं, और दबाव में आकर 15 हजार रुपये दे भी दिए. वहीं जब बाकी 20 हजार के लिए उस पर दबाव बनाया गया, तो इस बात की शिकायत अंकित ने क्षेत्रीय विधायक और जिले के एसपी मनोज सिंह से की, जिसके बाद एसपी ने SDOP को पूरे मामले की जांच करने के लिए आदेश दिया, और थाना प्रभारी और आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया.

उज्जैन। जिले के बड़नगर में थाना प्रभारी अर्चना नागर और एसआई जीवन डिंडोरे पर पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हे लाइन अटैच कर दिया गया है, दोनों पर आरोप है कि फरियादी ओम परमार से उन्होंने 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसका ऑडियो भी फरियादी ओम परमार ने मीडिया और एसपी को शिकायत कर सौंपा था, जिसके तत्काल बाद एसपी ने बड़नगर SDOP को पूरे मामले की छान-बिन करने के आदेश दिए, और थाना प्रभारी अर्चना नागर और एसआई जीवन को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया गया.

बड़नगर थाना प्रभारी और एसआई लाइन अटैच

दरअसल उज्जैन के बड़नगर तहसील का ये पूरा मामला है, जहां थाना बड़नगर में ओम परमार नामक युवक ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने 3 महीने पहले अपनी बोलेरो गाड़ी रतलाम नीवासी परिचित अंकित को बेच दी थी, दोनों के बीच तय कीमत पर सौदा हुआ, जिसके बाद अंकित ने फरियादी को 33 हजार रुपये देकर गाड़ी रख ली. वाहन फाइनेंस था इसलिए बाकी की किश्ते अंकित को भरनी थी, जिसे अंकित ने नहीं भरा, और जब फायनेंस के पैसे भरने की बात फरियादी ओम परमार ने अंकित से कही, तो आरोपी अंकित उनके साथ गाली गलौच करने लगा, जिसके बाद फरियादी ओम परमार पूरे मामले की शिकायत करने बड़नगर थाने पहुंचे,

फरियादी ओम की शिकायत पर रतलाम निवासी अंकित से गाड़ी बुलवा ली, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब फरियादी ओम के अनुसार वह अपनी गाड़ी लेने थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने उससे 35 हजार की रिश्वत मांगी, बिना रकम के गाड़ी नहीं देने का भी हवाला दिया. फरियादी ओम उस वक्त तो वहां से निकल गए, लेकिन उन्होंने फ़ोन पर ये सब बातें रिकॉर्ड कर लीं, और दबाव में आकर 15 हजार रुपये दे भी दिए. वहीं जब बाकी 20 हजार के लिए उस पर दबाव बनाया गया, तो इस बात की शिकायत अंकित ने क्षेत्रीय विधायक और जिले के एसपी मनोज सिंह से की, जिसके बाद एसपी ने SDOP को पूरे मामले की जांच करने के लिए आदेश दिया, और थाना प्रभारी और आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया.

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