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Bhasm Aarti: 17 माह बाद हुई बाबा महाकाल की भस्म आरती, जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर - उज्जैन न्यूज

17 माह बाद शनिवार सुबह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो गया. हालांकि 696 श्रद्धालुओं (Baba Mahakal Devotee) को दी गई परमिशन में से किसी भी भक्त को नंदी हॉल में प्रवेश नहीं मिला. इस मौके पर श्रद्धालु मंदिर की व्यवस्थाओं से खुश नजर आये.

bhasma aarti
भस्म आरती
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Published : Sep 11, 2021, 8:35 AM IST

Updated : Sep 11, 2021, 10:35 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple Ujjain) में 17 माह बाद शनिवार सुबह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो गया. हालांकि 696 श्रद्धालुओं (Baba Mahakal Devotee) को दी गई परमिशन में से किसी भी भक्त को नंदी हॉल में प्रवेश नहीं मिला. हालांकि पहले मंदिर समिति की हुई बैठक में निर्णय ले लिया गया था, जिसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश और दर्शन मिले. इस मौके पर श्रद्धालु मंदिर की व्यवस्थाओं से खुश नजर आये. दिल्ली, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य जगहों से शीश झुकाने पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि के साथ कोविड से मुक्ति के लिए कामना मांगी.

भस्म आरती में शामिल होने के लिए 696 श्रद्धालुओं को दी गई परमिशन.

गेट नंबर-4 से मिली आम श्रद्धालुओं को एंट्री
बाबा महाकाल के दरबार में अल सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलने के बाद आम श्रद्धालुओं को गेट नंबर-4 और प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर-5 से प्रवेश दिया गया. प्रवेश अनुमति को चेक करने के लिए मंदिर समिति ने प्रवेश द्वार पर ही व्यवस्था जुटाई थी. हालांकि 1000 भक्तों के प्रवेश और बैठने पर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन जरूर नहीं हो पाया और भीड़ को इकट्ठा कर छोड़ा गया, जिससे भक्तों की कतार गणेश मंडप और कार्तिकेय मंडप तक पहुंच गयी.

17 माह बाद खुला बाबा का दरबार
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जुनवाल ने बताया कि 17 माह बाद शुरू हुई भस्म आरती (Bhasma Aarti) के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला. मंदिर में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया है. शनिवार को हुई भस्म आरती के लिए कुल 696 परमिशन दी गयी थी. किसी भी श्रद्धालु को गर्भ ग्रह में जाकर जल चढ़ाने की इजाजत नहीं दी गयी.

भगवान शिव के जयकारों से गूंजा परिसर
कई भक्त सोला पहनकर मंदिर में भस्म आरती में शामिल हुए. महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से श्रद्धालु खुश नजर आये. सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर में प्रवेश करना शुरू कर दिया था. उज्जैन से आरती में शामिल हुए आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि प्रशासन की व्यवस्था बहुत अच्थी थी. बीते डेढ़ साल से इस पल का इंतजार कर रहा था. जयपुर से आये श्रद्धालु अशोक मेहता ने बताया कि कोरोना से पहले वर्ष में दो बार भस्म आरती में शामिल होता था, लेकिन कोविड के चलते डेढ़ वर्ष से आरती में शामिल नहीं हो पाया था. आज सब मनोकामना पूर्ण हो गयीं.

ताजे भस्म से होता है महाकाल का पहला श्रृंगार, जानिए महिलाएं क्यों करती हैं यहां घूंघट

1000 भक्तों की परमिशन के लिए खोले गए थे लिंक
12 ज्योतिर्लिंगो में से एक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लीग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर हर महादेव के जयकारों के साथ भस्म आरती के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना अल सुबह से ही शुरू हो गया था. बाबा महाकाल के दरबार मे 1000 भक्तों को परमिशन के लिए लिंक खोली गई थी, लेकिन शनिवार को हुई भस्म आरती के लिए कुल 696 परमिशन दी गयी. बाबा महाकाल को सभी पंडे पुजारियों ने नियम अनुसार जल चढ़ाया ततपश्चात दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद बाबा का श्रृंगार कर भगवान महाकाल को भस्म रमाई गई. भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया था.

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple Ujjain) में 17 माह बाद शनिवार सुबह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो गया. हालांकि 696 श्रद्धालुओं (Baba Mahakal Devotee) को दी गई परमिशन में से किसी भी भक्त को नंदी हॉल में प्रवेश नहीं मिला. हालांकि पहले मंदिर समिति की हुई बैठक में निर्णय ले लिया गया था, जिसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश और दर्शन मिले. इस मौके पर श्रद्धालु मंदिर की व्यवस्थाओं से खुश नजर आये. दिल्ली, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य जगहों से शीश झुकाने पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि के साथ कोविड से मुक्ति के लिए कामना मांगी.

भस्म आरती में शामिल होने के लिए 696 श्रद्धालुओं को दी गई परमिशन.

गेट नंबर-4 से मिली आम श्रद्धालुओं को एंट्री
बाबा महाकाल के दरबार में अल सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलने के बाद आम श्रद्धालुओं को गेट नंबर-4 और प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर-5 से प्रवेश दिया गया. प्रवेश अनुमति को चेक करने के लिए मंदिर समिति ने प्रवेश द्वार पर ही व्यवस्था जुटाई थी. हालांकि 1000 भक्तों के प्रवेश और बैठने पर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन जरूर नहीं हो पाया और भीड़ को इकट्ठा कर छोड़ा गया, जिससे भक्तों की कतार गणेश मंडप और कार्तिकेय मंडप तक पहुंच गयी.

17 माह बाद खुला बाबा का दरबार
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जुनवाल ने बताया कि 17 माह बाद शुरू हुई भस्म आरती (Bhasma Aarti) के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला. मंदिर में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया है. शनिवार को हुई भस्म आरती के लिए कुल 696 परमिशन दी गयी थी. किसी भी श्रद्धालु को गर्भ ग्रह में जाकर जल चढ़ाने की इजाजत नहीं दी गयी.

भगवान शिव के जयकारों से गूंजा परिसर
कई भक्त सोला पहनकर मंदिर में भस्म आरती में शामिल हुए. महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से श्रद्धालु खुश नजर आये. सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर में प्रवेश करना शुरू कर दिया था. उज्जैन से आरती में शामिल हुए आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि प्रशासन की व्यवस्था बहुत अच्थी थी. बीते डेढ़ साल से इस पल का इंतजार कर रहा था. जयपुर से आये श्रद्धालु अशोक मेहता ने बताया कि कोरोना से पहले वर्ष में दो बार भस्म आरती में शामिल होता था, लेकिन कोविड के चलते डेढ़ वर्ष से आरती में शामिल नहीं हो पाया था. आज सब मनोकामना पूर्ण हो गयीं.

ताजे भस्म से होता है महाकाल का पहला श्रृंगार, जानिए महिलाएं क्यों करती हैं यहां घूंघट

1000 भक्तों की परमिशन के लिए खोले गए थे लिंक
12 ज्योतिर्लिंगो में से एक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लीग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर हर महादेव के जयकारों के साथ भस्म आरती के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना अल सुबह से ही शुरू हो गया था. बाबा महाकाल के दरबार मे 1000 भक्तों को परमिशन के लिए लिंक खोली गई थी, लेकिन शनिवार को हुई भस्म आरती के लिए कुल 696 परमिशन दी गयी. बाबा महाकाल को सभी पंडे पुजारियों ने नियम अनुसार जल चढ़ाया ततपश्चात दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद बाबा का श्रृंगार कर भगवान महाकाल को भस्म रमाई गई. भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया था.

Last Updated : Sep 11, 2021, 10:35 AM IST
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