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कोरोना की रोकथाम के लिए 15 घंटे नॉनस्टॉप चली नृत्यांजलि, देश-विदेश के कलाकारों ने लिया हिस्सा - उज्जैन में ऑनलाइन डांस

उज्जैन में रविवार को कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए नृत्यांजलि का आयोजन किया गया. इसमें विदेश समेत भारत के कई राज्यों के लगभग 200 कलाकारों ने हिस्सा लिया. नृत्यांजलि नॉनस्टॉप 15 घंटे चली.

dance in ujjain
उज्जैन में नृत्यांजलि
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Published : Jun 20, 2021, 8:06 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित अमेरिका और नार्वे से जुड़े करीब 200 कलाकारों ने 15 घंटे तक एक साथ चलने वाली नृत्य आराधना की. प्रतिवर्ष महाकाल के दरबार में होने वाली इस आराधना को कोविड के कारण बंद पड़े महाकाल मंदिर में करने की इजाजत नहीं मिल पायी थी, जिसके चलते समूह के लोग अपने-अपने घर से फेसबुक के माध्यम से सुबह 6:30 बजे से जुड़ना शुरू हुए और रात 9:30 बजे तक लगातार जुड़ते रहे. इन 15 घण्टों में नृत्यांजलि के माध्यम से कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए आराधना करते रहे. खास बात यह रही कि इस आराधना के लिए शालीन परिधान जैसे- सूट, साड़ी, धोती, चुन्नी, पायजामा और कुर्ता अनिवार्य किये गए थे. हर परफॉर्मर को 15 से 20 मिनट का समय दिया गया.

200 कलाकारों ने किया नृत्य.

कोरोना की मुक्ति के लिए दो वर्षों से ऑनलाइन नृत्य
कोरोना से मुक्ति के लिए दो वर्षों से और 33 वर्षों से उज्जैन की एक नृत्य संस्था इस नृत्यांजलि का आयोजन कर रही है. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे नृत्य के जरिये भगवन शिव की आराधना करते हैं. कोरोना काल में बंद हुए मंदिरों के चलते अब ऑनलाइन माध्यम से नृत्यांजलि दी जा रही है.

गोंड जनजातीय नृत्य 'करमा एवं सैला' की हुई प्रस्तुति

इसमें गणेश वंदना, शिव प्रस्तुति, माता स्तुति, प्रभु महिमा के साथ साथ लोकगीत भजन आदि पर नृत्य आराधना की प्रस्तुति अलग अलग शहरों और देशों से जुड़े 200 लोगों ने दी. भगवान के प्रति ये आराधना नॉनस्टॉप चलती रही. एक के बाद एक नृत्यांजलि दी गई.

उज्जैन। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित अमेरिका और नार्वे से जुड़े करीब 200 कलाकारों ने 15 घंटे तक एक साथ चलने वाली नृत्य आराधना की. प्रतिवर्ष महाकाल के दरबार में होने वाली इस आराधना को कोविड के कारण बंद पड़े महाकाल मंदिर में करने की इजाजत नहीं मिल पायी थी, जिसके चलते समूह के लोग अपने-अपने घर से फेसबुक के माध्यम से सुबह 6:30 बजे से जुड़ना शुरू हुए और रात 9:30 बजे तक लगातार जुड़ते रहे. इन 15 घण्टों में नृत्यांजलि के माध्यम से कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए आराधना करते रहे. खास बात यह रही कि इस आराधना के लिए शालीन परिधान जैसे- सूट, साड़ी, धोती, चुन्नी, पायजामा और कुर्ता अनिवार्य किये गए थे. हर परफॉर्मर को 15 से 20 मिनट का समय दिया गया.

200 कलाकारों ने किया नृत्य.

कोरोना की मुक्ति के लिए दो वर्षों से ऑनलाइन नृत्य
कोरोना से मुक्ति के लिए दो वर्षों से और 33 वर्षों से उज्जैन की एक नृत्य संस्था इस नृत्यांजलि का आयोजन कर रही है. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे नृत्य के जरिये भगवन शिव की आराधना करते हैं. कोरोना काल में बंद हुए मंदिरों के चलते अब ऑनलाइन माध्यम से नृत्यांजलि दी जा रही है.

गोंड जनजातीय नृत्य 'करमा एवं सैला' की हुई प्रस्तुति

इसमें गणेश वंदना, शिव प्रस्तुति, माता स्तुति, प्रभु महिमा के साथ साथ लोकगीत भजन आदि पर नृत्य आराधना की प्रस्तुति अलग अलग शहरों और देशों से जुड़े 200 लोगों ने दी. भगवान के प्रति ये आराधना नॉनस्टॉप चलती रही. एक के बाद एक नृत्यांजलि दी गई.

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