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टीकमगढ़: घुटने तक पानी में चलकर बच्चे जाते हैं स्कूल, निर्माण के कुछ ही महीने बाद उखड़ गई सड़क

टीकमगढ़ के सुकोरा गांव में ग्रामीण एक सड़क के लिए कितनी जहमत उठा रहे हैं इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि बच्चे घुटने तक पानी में चलकर स्कूल पहुंच रहे हैं.

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Published : Aug 22, 2019, 1:46 PM IST

घुटने तक पानी में स्कूल जाते छात्र

टीकमगढ़। बल्देवगढ़ जनपद पंचायत में स्थित सुकोरा गांव में आज भी ग्रामीणों घुटनों तक पानी में चलकर अपने घर पहुंचते हैं. स्कूल जाने के लिए बच्चों को सड़क से नहीं बल्कि दरिया से गुजरकर जाना पड़ता है. गांव में रहने वाले एक युवक ने बताया, कि दो साल पहले ही गांव में सड़क बनी थी. लेकिन कुछ ही महीने में उखड़ गई. जिससे गांव से शहर के लिए आवागमन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पानी में चलकर जाते छात्र

सुकोरा गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग पूरनलाल रैकवार ने बताया कि गांव में ना सड़क है और ना ही रास्ते. उन्होंने बताया कि उनके गांव से नगर में जाने के लिए भी पांच- पांच किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है. गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पूरी तरह अभाव है.

सबसे खास बात गांव के बच्चे बारिश के दिनों में स्कूल नहीं जा पाते हैं. उन्होंने इसके लिए ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को जिम्मेदार बताया है.
वहीं छात्रों का कहना है कि बारिश के दिनों में रास्ते में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, छात्रों को घुटनें तक पानी में चलकर स्कूल का

सफर तय करना पड़ता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ.

टीकमगढ़। बल्देवगढ़ जनपद पंचायत में स्थित सुकोरा गांव में आज भी ग्रामीणों घुटनों तक पानी में चलकर अपने घर पहुंचते हैं. स्कूल जाने के लिए बच्चों को सड़क से नहीं बल्कि दरिया से गुजरकर जाना पड़ता है. गांव में रहने वाले एक युवक ने बताया, कि दो साल पहले ही गांव में सड़क बनी थी. लेकिन कुछ ही महीने में उखड़ गई. जिससे गांव से शहर के लिए आवागमन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पानी में चलकर जाते छात्र

सुकोरा गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग पूरनलाल रैकवार ने बताया कि गांव में ना सड़क है और ना ही रास्ते. उन्होंने बताया कि उनके गांव से नगर में जाने के लिए भी पांच- पांच किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है. गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पूरी तरह अभाव है.

सबसे खास बात गांव के बच्चे बारिश के दिनों में स्कूल नहीं जा पाते हैं. उन्होंने इसके लिए ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को जिम्मेदार बताया है.
वहीं छात्रों का कहना है कि बारिश के दिनों में रास्ते में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, छात्रों को घुटनें तक पानी में चलकर स्कूल का

सफर तय करना पड़ता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ.

Intro:बल्देवगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत लुहर्रा के सुकोरा का नाला उफान के चलते छात्र स्कूल और ग्रामीण बाजार नही पहुच पा रहे है।ग्रामीणों ने पुलिया ओर सड़क निर्माण कराने की मांग प्रशासन से की है।Body:जिले की बल्देवगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत लुहर्रा के सुकोरा गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाला रास्ता नहीं है जिसके कारण छात्रों को पगडंडी रास्ता से ही आहार और लुहर्रा के स्कूल जाना पड़ता है बरसों से बारिश के समय पानी में तैर कर छात्रों को स्कूल जाना पड़ रहा है छात्रों का कहना है कि सकोरा गांव के पास लार नारायणपुर लुहर्रा अहार लगा हुआ है लेकिन इन गांवों को जोड़ने के लिए कहीं भी पक्की रास्ता नहीं बनाई गई है जिसके कारण बारिश के समय स्कूल नहीं जा पाते हैं इसके साथ ही ग्रामीण सुरेंद्र वर्मा पुराने अखबार ने बताया कि शुक्राणुओं के लिए रास्ता नहीं होने के कारण यहां ना तो एंबुलेंस आती है और ना ही घटना होने पर 100 डायल।Conclusion:शिक्षा पाने के लिए बच्चों को 3 किलोमीटर दूर पानी के तेज बहाव वाले नाले के बीच जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर बने हुए हैं लेकिन ना तो जिम्मेदार पंचायत सरपंच सचिव ध्यान दे रहे और ना ही प्रशासन।
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