टीकमगढ़। जिले के ये सभी यतीम बच्चे आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने पर मजबूर हैं. कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान अनाथ बच्चों ने आकर अपनी दुख भरी दास्तान सुनाई, जहां अधिकारियों ने औपचारिकता कर उन्हें चलता कर दिया, लेकिन जैसे ही कलेक्टर को पूरे मामले की जानकारी हुई, उन्होंने तुरंत बच्चों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. इन बच्चों के सिर से माता- पिता का साया उठ चुका है, जिस कारण ये दर- दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं, जबकि इनके पिता शिक्षा विभाग में एक शिक्षक थे.
कलेक्टर ने दिए मदद के निर्देश
जब बच्चे कलेक्टर सौरभ सुमन के पास अपनी समस्याओं के लेकर पहुंचे तो उन्होंने इनकी समस्या को गम्भीरता से सुना, साथ ही इन बच्चों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया कलेक्टर ने अनाथ बच्चों के पिता की भविष्य निधि से 1 लाख 30 हजार रुपया बच्चों को दिए जाने के निर्देश दिए जिला शिक्षा अधिकारी को दिया. साथ ही दो बच्चियों को 4 हजार रुपया प्रतिमाह देने के निर्देश दिए और उनके पिता की पेंशन प्रकरण बनाकर उनके बच्चों को देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इन बच्चों की हर संभव मदद की जाएगी.
पिता थे सरकारी शिक्षक
पलेरा तहसील के तापरियांन गांव के इनके पिता टीचर थे, जिनकी सितंबर माह में बीमारी के मौत हो गई थी. लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से इन बच्चों की कोई भी मदद नहीं की गई, इन बच्चों के सर से 2017 में ही मां का साया भी छिन गया है. जिस कारण अब ये बच्चे पूरी तरह यतीम हो गए हैं.
बड़ी बहन ही है माता-पिता
माता-पिता की मौत के बाद इन सभी बच्चों की आर्थिक हालत खराब हो गई है. आज ये सभी बच्चे दाने- दाने के लिए मोहताज हैं. गरीबी के कारण सभी बच्चों ने स्कूल से पढ़ाई भी छोड़ दी और बस किसी तरह पेट भरने की जुगत में लगे रहते हैं. इन सभी 5 बच्चों के लिए उनकी 17 साल की बहन ही मां बाप है.