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Tikamgarh News: माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाने का विरोध तेज, लोग सड़कों पर उतरे, CM शिवराज सिंह को दी चेतावनी

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में स्थापित करने को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. लोगों का कहना है कि टीकमगढ़ के लिए सिंधिया परिवार का कोई योगदान नहीं रहा है. टीकमगढ़ के जो राजा-महाराजा रहे हैं, जिन्होंने बलिदान दिया है, उनकी मूर्ति स्थापित करना चाहिए.

protest intensified against Madhavrao Scindia statue
माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाने का विरोध तेज, लोग सड़कों पर उतरे
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Published : Aug 4, 2023, 12:53 PM IST

माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाने का विरोध तेज, लोग सड़कों पर उतरे

टीकमगढ़। आंदोलनकारियों ने 5 अगस्त को टीकमगढ़ पहुंच रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने मूर्ति का अनावरण किया तो जनता मुंहतोड़ जवाब देगी. जिलेभर में उग्र प्रदर्शन किए जाएंगे. दरअसल, टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में एक साल पहले अचानक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मूर्ति रातों-रात स्थापित कर दी गई. मूर्ति की स्थापना के साथ स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था. इसलिए पिछले एक साल से मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया.

मूर्ति के पास पुलिस तैनात : पिछले एक हफ्ते से अचानक मूर्ति के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया और निर्माण कार्य चालू कर दिया गया. लोगों ने पता किया तो जानकारी मिली कि 5 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह टीकमगढ़ पहुंच रहे हैं और वह माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण करेंगे. इसके बाद माधवराव सिंधिया की मूर्ति के अनावरण के खिलाफ टीकमगढ़ की जनता सड़कों पर उतर आई है. स्थानीय लोगों ने विरासत बचाओ आंदोलन के नाम से प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और मध्य प्रदेश सरकार को तानाशाह बताते हुए नारेबाजी करते हुए कहा है कि यदि माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया गया तो जिलेभर में विशाल प्रदर्शन होंगे.

माधवराव की ही मूर्ति क्यों : लोगों का कहना है कि यदि मूर्ति लगानी है तो जिन्होंने टीकमगढ़ के लिए त्याग, बलिदान ओर संघर्ष किया, उनकी लगाना चाहिए. टीकमगढ़ के महाराजा वीरसिंह जूदेव, टीकमगढ़ जिले में जन्मे महाराजा छत्रसाल या फिर अयोध्या से राजा राम को लाने वाली कुंअर गणेश की मूर्ति लगाई जाए. माधवराव सिंधिया का जिले के लिए कोई योगदान नहीं रहा है. ऐसे में उनकी मूर्ति लगना अनुचित है और इसका विरोध जमकर होगा. समाजसेवी सुरेश सिंह दोंदरया का कहना है कि इस मामले को लेकर लोगों में भारी रोष है.

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बीजेपी की तानाशाही नहीं चलने देंगे : दरअसल, मूर्ति के आसपास पुलिस की तैनाती और निर्माण कार्य शुरू होने के कारण माना जा रहा है कि 5 अगस्त को टीकमगढ़ पहुंच रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण करेंगे. इसीलिए विरासत बचाओ आंदोलन के बैनर तले स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को चेतावनी दी है कि यदि मूर्ति का अनावरण किया तो सैकड़ों लोग सड़कों पर लेटकर प्रदर्शन करेंगे, जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा. रातों-रात माधवराव सिंधिया की मूर्ति लगा दी गयी. किसी को पता भी नहीं चला, कहां से बजट आया और ना अनुमति ली गयी. यह भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही है, जिसे जिले की जनता सहन नहीं करेगी.

माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाने का विरोध तेज, लोग सड़कों पर उतरे

टीकमगढ़। आंदोलनकारियों ने 5 अगस्त को टीकमगढ़ पहुंच रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने मूर्ति का अनावरण किया तो जनता मुंहतोड़ जवाब देगी. जिलेभर में उग्र प्रदर्शन किए जाएंगे. दरअसल, टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में एक साल पहले अचानक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मूर्ति रातों-रात स्थापित कर दी गई. मूर्ति की स्थापना के साथ स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था. इसलिए पिछले एक साल से मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया.

मूर्ति के पास पुलिस तैनात : पिछले एक हफ्ते से अचानक मूर्ति के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया और निर्माण कार्य चालू कर दिया गया. लोगों ने पता किया तो जानकारी मिली कि 5 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह टीकमगढ़ पहुंच रहे हैं और वह माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण करेंगे. इसके बाद माधवराव सिंधिया की मूर्ति के अनावरण के खिलाफ टीकमगढ़ की जनता सड़कों पर उतर आई है. स्थानीय लोगों ने विरासत बचाओ आंदोलन के नाम से प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और मध्य प्रदेश सरकार को तानाशाह बताते हुए नारेबाजी करते हुए कहा है कि यदि माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया गया तो जिलेभर में विशाल प्रदर्शन होंगे.

माधवराव की ही मूर्ति क्यों : लोगों का कहना है कि यदि मूर्ति लगानी है तो जिन्होंने टीकमगढ़ के लिए त्याग, बलिदान ओर संघर्ष किया, उनकी लगाना चाहिए. टीकमगढ़ के महाराजा वीरसिंह जूदेव, टीकमगढ़ जिले में जन्मे महाराजा छत्रसाल या फिर अयोध्या से राजा राम को लाने वाली कुंअर गणेश की मूर्ति लगाई जाए. माधवराव सिंधिया का जिले के लिए कोई योगदान नहीं रहा है. ऐसे में उनकी मूर्ति लगना अनुचित है और इसका विरोध जमकर होगा. समाजसेवी सुरेश सिंह दोंदरया का कहना है कि इस मामले को लेकर लोगों में भारी रोष है.

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