जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section) को यूपीएससी की परीक्षा में अन्य रिजर्व कैटेगरी के समान छूट प्रदान करने के अंतरिम आदेश जारी कर दिए हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि "नियुक्ति याचिका अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे." युगलपीठ ने आवेदन की तिथि बढाने पर यूपीएससी से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई मंगलवार को निर्धारित की है.
सामान्य वर्ग के समान ही ईडब्ल्यूएस पर लागू है नियम
मैहर निवासी आदित्य नारायण पांडेय की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि "ईडब्ल्यूएस वर्ग को आरक्षित श्रेणी में रखे जाने के बावजूद भी किसी प्रकार की छूट लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में प्रदान नहीं की गयी है. रिजर्व कैटेगरी के अन्य वर्गों को आयु सीमा में 5 साल व 3 अतिरिक्त अटेंप्ट की छूट प्रदान की गयी है. जबकि सामान्य वर्ग की तरह ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए भी आयु निर्धारित है. यूपीएससी ने साल 2025 में 979 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 25 मई को आयोजित होनी है.
हाईकोर्ट ने यूपीएससी को दिया था निर्देश
पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने अपने आदेश में यूपीएससी को निर्देशित किया है था कि "याचिकाकर्ता सहित अन्य समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन बाकी की रिजर्व कैटेगरी को मिलने वाले छूट के साथ स्वीकार किये जाएं." यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है, जिससे ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य रिजर्व कैटेगरी के समान अवसर मिल सकेंगे. युगलपीठ ने कहा है कि नियुक्ति याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहेगी.
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याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने का आग्रह किया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद यूपीएससी से इस संबंध में जवाब मांगा है.