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टीकमगढ़: आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे मंदिर, प्रशासन करेगी मदद

टीकमगढ़ में मंदिरों के कायाकल्प के लिए प्रशासन ने एक योजना बनाई है. इस योजना के तहत सभी छोटे-बड़ें मंदिरों में सुधार करने के लिए पुजारियों से सुझाव मांगे गए हैं, जिससे मंदिरों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में होने वाले खर्च के लिए पुजारियों को दूसरों से पैसे न मांगने पड़ें.

Suggestions asked from priests
पुजारियों से मांगे गए सुझाव
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Published : Nov 5, 2020, 4:57 PM IST

टीकमगढ़। जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट मंदिरों की आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रेदश शासन ने उनके जीर्ण-शीर्ण के लिए निर्देश जारी किए हैं. इन्हीं निर्देशों पर जिला प्रशासन ने सभी जिले भर के सभी मंदिरों की हालात को ध्यान में रखते हुए मंदिरों के काया-कल्प की योजना बनाई है. इस योजना के तहत सभी छोटे-बड़ें मंदिरों में सुधार करने के लिए पुजारियों से सुझाव मांगे गए हैं, जिससे मंदिरों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में होने वाले खर्च के लिए पुजारियों को दूसरों से पैसे न मांगने पड़ें.

पुजारियों से मांगे गए सुझाव

प्रशासन ने तैयार किया प्लान

जिले के सभी 1250 मंदिरों की आर्थिक हालत को देखते हुए उनके सुधार को लेकर जिला प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत सभी मंदिरों की जो करीब 13,000 एकड़ सरकारी जमीन है, उसे दबंगों से मुक्त करवाया जाएगा और फिर उसमें फलदार वृक्ष और औषधियों की खेती की जाएगी. इस हर्बल गार्डन में तुलसी सहित तमाम प्रकार के पौधे लगाकर मंदिर की आय को दोगुना किया जाएगा. इसके साथ-साथ जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को दुरुस्त भी करवाया जाएगा. कुछ मंदिरों की जमीनों पर तालाब, कुएं आदि भी बनवाए जाएंगे, जिससे पानी की कमी दूर हो सके, और पानी के चलते मंदिरों की जमीनों पर बेहतर खेती हो.

ये भी पढे़ं- अब घर पर उगाएं शुद्ध और ताजी सब्जियां, कृषि विभाग दे रहा टेरेस फार्मिंग की ट्रेनिंग

दबंगों ने किया है मंदिरों की जमीनों पर कब्जा

जिले कई मंदिरों की जमीन दबंगों के कब्जे में है, जिसके केस कोर्ट में पेंडिंग है. प्रशासन अब मंदिरों की जमीन से दंबगों के कब्जों को हटाने में जुट गई है. इसके अलावा जिले में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां भगवान के भोग के लिए भी पुजारियों के पास पैसे नहीं हैं. साथ ही वहां पानी की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में इन मंदिरों को दुरुस्त करने का भी काम प्रशासन की टीम करेगी.

टीकमगढ़। जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट मंदिरों की आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रेदश शासन ने उनके जीर्ण-शीर्ण के लिए निर्देश जारी किए हैं. इन्हीं निर्देशों पर जिला प्रशासन ने सभी जिले भर के सभी मंदिरों की हालात को ध्यान में रखते हुए मंदिरों के काया-कल्प की योजना बनाई है. इस योजना के तहत सभी छोटे-बड़ें मंदिरों में सुधार करने के लिए पुजारियों से सुझाव मांगे गए हैं, जिससे मंदिरों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में होने वाले खर्च के लिए पुजारियों को दूसरों से पैसे न मांगने पड़ें.

पुजारियों से मांगे गए सुझाव

प्रशासन ने तैयार किया प्लान

जिले के सभी 1250 मंदिरों की आर्थिक हालत को देखते हुए उनके सुधार को लेकर जिला प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत सभी मंदिरों की जो करीब 13,000 एकड़ सरकारी जमीन है, उसे दबंगों से मुक्त करवाया जाएगा और फिर उसमें फलदार वृक्ष और औषधियों की खेती की जाएगी. इस हर्बल गार्डन में तुलसी सहित तमाम प्रकार के पौधे लगाकर मंदिर की आय को दोगुना किया जाएगा. इसके साथ-साथ जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को दुरुस्त भी करवाया जाएगा. कुछ मंदिरों की जमीनों पर तालाब, कुएं आदि भी बनवाए जाएंगे, जिससे पानी की कमी दूर हो सके, और पानी के चलते मंदिरों की जमीनों पर बेहतर खेती हो.

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दबंगों ने किया है मंदिरों की जमीनों पर कब्जा

जिले कई मंदिरों की जमीन दबंगों के कब्जे में है, जिसके केस कोर्ट में पेंडिंग है. प्रशासन अब मंदिरों की जमीन से दंबगों के कब्जों को हटाने में जुट गई है. इसके अलावा जिले में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां भगवान के भोग के लिए भी पुजारियों के पास पैसे नहीं हैं. साथ ही वहां पानी की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में इन मंदिरों को दुरुस्त करने का भी काम प्रशासन की टीम करेगी.

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