टीकमगढ़। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के गोद लिए सांसद आदर्श गांव गोर में आज भी छुआछूत का बोलबाला है. यहां आज भी गरीबों और नीचले तबके के लोगों को दबंगों की तानाशाही का शिकार होना पड़ता है. यहां अलग-अलग समाज के 4 शमशान घाट बने हुए हैं, यहां दबंग नीचले तबके के लोगों को दूसरे समाज के शमशान घाट में अंतिम संस्कार नहीं करने देते हैं.
आज के सूचना और संचार के दौर में बुंदेलखंड अंचल में तानाशाही और हिटल शाही बरकरार है. कहने को तो 4 हजार 5 सौ की आबादी वाले गोर गांव को केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने सांसद आदर्श गांव योजना के तहत गोद ले रखा है. लेकिन यहां फैली समाज की विसंगतियों को वे आज तक दूर नहीं कर पाए. ये एक मात्र गोर गांव का मामला नहीं है. बुंदेलखंड अंचल में आज भी ऐसे कई गांव है जहां छुआछूत जैसी कुरूतियां आज भी बखूभी मौजूद हैं.
वहीं जब गांव के नीचले तबके के लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बड़ी समाज के लोग आज भी उन्हें घृणा की नजरों से देखते हैं. वे दूसरे शमशान घाट में अंतिम संस्कार नहीं करने देते, अगर ऐसा प्रयास किया जाता है तो मारपीट की नौबत आ जाती है.
वहीं जब आदिमजाति और प्रशासनिक अधिकारी से हमारे सहयोगी ने बात करनी चाही, तो कोई भी अधिकारी इस मामले में कैमरे के सामने आने के लिए तैयार नहीं हुआ.