टीकमगढ़। लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार की रिश्वत लेते एक महिला बीएमओ को रंगे हाथों ट्रैप किया है. घूसखोर बीएमओ, निजी क्लीनिक संचालक से उसका सील्ड क्लीनिक खोलने के नाम पर 50 हजार रुपए की मांग कर रही थी. जानकारी के मुताबिक टीकमगढ़ जिले के पलेरा ब्लॉक अंतर्गत मबई गांव में कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग की पलेरा बीएमओ डॉ. अर्चना राजपूत द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉ. निलेश विश्वकर्मा का क्लीनिक सील कर दिया गया था. लेकिन कुछ दिन बाद उसे दोबारा खोलने के नाम पर बीएमओ ने 50 हज़ार रुपए की मांग की थी.
बीएमओ ने 25 हजार में किया था सेटलमेंट: बीएमओ द्वारा भ्रष्टाचार करने के लिए मांगी जा रही रिश्वत को लेकर क्लीनिक संचालक नीलेश विश्वकर्मा ने इसकी शिकायत सागर लोकायुक्त से की. फरियादी ने बताया कि ''बीएमओ डॉ. अर्चना राजपूत ने शुरुआत में 50 हज़ार रुपए की मांग की थी, बाद में 30 रुपए मांगे अंत में 25 हज़ार रुपए में बात फाइनल हुई. इन बातों के सबूत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस को उपलब्ध कराए थे. उसी के तहत सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने बीएमओ को रुपए लेते पकड़ लिया.
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लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा: सागर लोकायुक्त पुलिस की निरीक्षक मंजु सिंह ने बताया कि ''फरियादी की और से शिकायत मिलने पर इस मामले की जांच कराई गई थी. शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई के लिए प्लानिंग के तहत सेटलमेंट के लिए 25 हज़ार रुपए पर केमिकल लगाकर फरियादी के हाथों पहुंचाए गए थे. जब बीएमओ डॉ. अर्चना राजपूत अपने चैम्बर में फरियादी से घूस के रुपए ले रही थीं, तभी लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. इसके बाद जब उनके हाथ धुलवाए गये तो केमिकल की वजह से उनके हाथों में रंग पाया गया''.
गिरफ़्तारी के साथ मामला भी दर्ज: लोकायुक्त निरीक्षक मंजू सिंह के मुताबिक़, रिश्वत लेने की पुष्टि के साथ ही बीएमओ को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही उनके ख़िलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 (शासकीय सेवकों द्वारा रिश्वत लेने के सम्बंध में) के तहत प्रकरण भी पंजीबद्ध किया गया है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.