टीकमगढ़ः जिला अस्पताल में पदस्थ दो डॉक्टरों के तबादले को लेकर सियासत गर्मा गई है. लोगों ने कमलनाथ सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. लोगों का कहना है कि जिन दो डॉक्टरों का तबादला किया गया है जिला अस्पताल इन्हीं के दम पर चलता था. लेकिन अब ये डॉक्टर चले जायेंगे तो यह अस्पताल कैसे चलेगा. इससे सैकड़ों मरीजों को मौत का मुंह देखना पड़ सकता है. यदि इन डॉक्टरों के तबादले नहीं रोके गए तो जनता सड़क पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर होगी.
दरअसल टीकमगढ़ जिला अस्पताल से लगभग एक हजार गांव जुड़े हुए हैं. लाखों लोग इस अस्पताल में अपना इलाज करवाने आते हैं. प्रतिदिन सुबह से शाम तक यहां पर पांच सौ से लेकर एक हजार तक मरीजों की ओपीडी होती है. इस अस्पताल में काफी सालों से डॉक्टरों का टोटा है. यहां पर कुल 53 डॉक्टरों के पद स्वीकृत है लेकिन वर्तमान में यहां पर 23 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. उनमें भी विशेषज्ञ डॉक्टर नाम मात्र के ही हैं. यह जिला अस्पताल पहले से ही भगवान भरोसे था. जो दो अनुभवी डॉक्टर अजित जैन और अमित शुक्ला यहां थे जिनके दम पर अस्पताल चल रहा था. शासन ने इन दोनों डॉक्टरों का ही तबादला कर दिया है. इनके जाने से लोगों को सही उपचार न मिलने की चिंता सता रही है.
लोगों का कहना है कि लाखों लोगों के जीवन के साथ कमलनाथ सरकार खिलवाड़ करने जा रही है. यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. चाहे इसको लेकर कितना भी बड़ा आंदोलन क्यों न करना पड़े पर डॉक्टरों का तबादला हम नहीं होने देंगे.
टीकमगढ़ जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर अजित जैन का तबादला श्योपुर वहीं दूसरे डॉक्टर अमित शुक्ला का तबादला झाबुआ के लिए किया गया है. इससे जिले की जनता नाराज है. डॉक्टरों के तबादले को रुकवाने के लिए टीकमगढ़ के विधायक राकेश गिरी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.