टीकमगढ़ । कोरोना से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन के चलते देश में सारे पर्यटन स्थल बंद कर दिए गए थे. सैलानियों को इन जगहों पर जाने पर पाबंदी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने के दूसरी फेज में आ गया है और स्थानीय प्रशासन की अनुमति से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने स्मारकों को खोलने के निर्देश दे दिए हैं. ओरछा स्मारकों को भी स्थानीय व्यवसायियों ने खोलने की अपील की है, जिससे कि स्मारकों से जुड़े व्यापारियों की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ सके.
हाल ही में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने निर्देश जारी किया था, जिसके चलते भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण संस्थान के सारे स्मारक खोलने की अनुमति स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा से दे दी गई थी. भारत के कुछ स्मारक जैसे ग्वालियर का किला, खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिर और राजस्थान के कई स्मारक भी खोल दिए गए हैं. काफी कम तादात में लोगों की आवाजाही इन स्मारकों में होने लगी है.
जैसे ही कोरोना महामारी दूर होगी, सैलानियों की आवाजाही पहले जैसी हो जाएगी. इसी के चलते ओरछा में भी लोगों ने ओरछा के स्मारकों को खोलने के लिए आवाज उठानी चालू कर दी है. ओरछा के स्मारक मध्यप्रदेश पुरातत्व एवं सर्वेक्षण संस्थान के अंतर्गत आते हैं और अभी तक इस विभाग ने स्मारक को खोलने की परमिशन नहीं दी है. ओरछा की 80 फीसदी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है.
पर्यटन से जुड़े लोगों की जुबानी
ओरछा के गाइड सुनील सिंह का कहना है कि जिस तरह से पूरे भारत में धीरे-धीरे स्मारकों को खोला जा रहा है, वैसे ही अगर ओरछा के स्मारक भी खुल जाएं तो चार महीने से खराब पड़ी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती है. इसके खुलने से लोगों को रोजगार फिर शुरू हो सकता है. अमर महल होटल के मैनेजर सुधांशु त्रिपाठी कहते हैं कि मार्च महीने में हुआ नमस्ते ओरछा महोत्सव ओरछा पर्यटन के लिए एक बहुत बड़ा महाकुंभ था, जिसके बाद ओरछा के पर्यटन में भारी उछाल आने की संभावना थी.
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश पर्यटन विभाग सुचारू रूप से पर्यटन का संचालन शुरू कर देता है, तो ओरछा आने वाले पर्यटकों की तादात में काफी इजाफा होगा और नुकसान की भरपाई होने की भी आशंका है. पुरातत्व संग्रहालय अध्यक्ष घनश्याम बाथम का कहना है कि अभी तक उनको शासन से कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं. फिर भी मुख्यालय स्तर पर स्मारकों को खोलने की तैयारी की जा रही है.