सतना: प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रेलवे प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है. यात्री जान जोखिम में डालकर बिना आरक्षण के ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं. इससे स्थिति यह बन गई है कि जिनका टिकट है उनको यात्रा करने में परेशानियां आ रही हैं. अधिक भीड़ होने की वजह से कई कंफर्म टिकट वालों की ट्रेन भी छूट जा रही है. इससे निपटने के लिए सतना रेलवे प्रशासन बिना टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफार्म के अंदर नहीं आने दे रहा है. इसके लिए गेट पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है.
सतना स्टेशन पर रोजाना 60 गाड़ियों का ठहराव
सतना रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 50 गाड़ियों का ठहराव होता है. इसके अलावा वर्तमान समय में प्रयागराज महाकुंभ के लिए इस रूट पर 10 स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं. यानी यहां प्रतिदिन 60 ट्रेनों का ठहराव होता है. ऐसे में महाकुंभ जाने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ जुटती है. सतना रेलवे प्रबंधन ने जीआरपी, आरपीएफ और जिला पुलिस की मदद से बिना टिकट यात्रियों को प्लेटफार्म पर पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी गई है. सुरक्षाकर्मी गेट पर टिकट चेक कर रहे हैं. जिसके पास टिकट है उसी को स्टेशन के अंदर जाने दिया जा रहा है.
जनरल टिकटों की बिक्री बढ़ी
बिना टिकट प्रवेश बैन होने से जनरल टिकटों की बिक्री भी बढ़ गई है. जानकारी के मुताबिक ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) से 17 फरवरी को 1365 टिकट और टिकट काउंटर से 939 टिकट यात्रियों ने प्रयागराज के लिए लिया. इसके अलावा 18 फरवरी को ATVM से 2066 और टिकट काउंटर से 1803 टिकट यात्रियों ने खरीदा. दोनों दिन मिलाकर करीब 5 लाख रुपए का जनरल टिकट सतना स्टेशन से यात्रियों ने लिया. इसके अलावा बुधवार को खबर लिखे जाने तक दोनों माध्यमों से करीब 3500 टिकट बिके. इस दौरान करीब 1500 प्लेटफार्म टिकट भी खरीदे गए.
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कंफर्म टिकट वालों को मिली बड़ी राहत
आरपीएफ प्रभारी बप्पन लाल ने बताया कि "रेलवे स्टेशन के अंदर अब अनाधिकृत रूप से लोग नहीं आ सकेंगे, क्योंकि अब रेलवे प्रशासन ने प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग लगा दी है. लगातार सभी यात्रियों की टिकट चेकिंग की जा रही है. इससे थोड़ी राहत मिली है. यात्रियों की भीड़ कम हुई है और टिकटों की बिक्री भी बढ़ी है. बैरिकेडिंग हो जाने से अन्य रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को भी राहत मिली है, क्योंकि अभी तक लोग आरक्षित बोगी में बैठ जाते थे. जिससे कंफर्म टिकट वालों को जगह नहीं मिलती थी. भीड़ की वजह से कई लोगों की ट्रेन भी छूट जाती थी."