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5 और चीतों को मिला कूनो से आजादी का टिकट, जंगल में भरेंगे फर्राटा, खुली हवा में शिकार - 5 CHEETAHS RELEASED IN FOREST

कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से शुक्रवार को 5 और चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जायेगा. अब जंगल में कुल 12 चीते हो जाएंगे.

5 CHEETAHS RELEASED IN OPEN FOREST
5 चीतों को मिलेगी आजादी (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 12:45 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 5:31 PM IST

श्योपुर, (नीलमणि वैष्णव): कूनो प्रबंधन ने कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर बड़े बाड़े में बंद चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को कूनो प्रबंधक द्वारा पांच चीते और छोड़े जाएंगे, जिससे कूनो सेंचुरी में आने वाले पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा चीतों का दीदार हो सकेगा. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला और उसके दो नर शावक एवं दो अन्य नर चीता आज खुले जंगल में विचरण करने के लिए छोड़े जाएंगे.

जंगल में देखने को मिलेंगे 12 चीते
इन चीतों को खासकर खजूरी टूरिज्म क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटकों को अब पालपुर धूर्रेडी खजूरी और केरखो क्षेत्र में चीतों का दीदार हो सकेगा. आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क में 5 चीतों को छोड़ा था. इसके पहले भी अग्नि और वायु चीता को खुले जंगल में छोड़ा गया था. पर्यटकों को 7 नहीं अब 12 चीते देखने को मिलेंगे. जिसकी जानकारी मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने अपने फेसबुक और 'X' पेज से पब्लिक को दी है.

सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

सीएम मोहन यादव ने 'X' हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता संवर्द्धन की ओर एक और बड़ा कदम. नामीबिया से कूनो लाई मादा चीता ज्वाला और हाल ही में जन्मे उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा शावक) को आज खजूरी टूरिज्म क्षेत्र अंतर्गत खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से 7 चीते खुले में विचरण कर रहे है और अब 5 चीते छोड़े जाने से कुल 12 चीते खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण करेंगे जिससे निश्चित ही इस क्षेत्र में पर्यटकों का रोमांच और अधिक बढ़ेगा. यह कदम हमारी जैव विविधता को समृद्ध करने के साथ ही भारत में चीता पुनर्स्थापन के संकल्प को और मजबूती प्रदान करेगा.''

5 CHEETAHS RELEASED IN OPEN FOREST
खुली हवा में शिकार करेंगे चीते (ETV Bharat)

कैद में जन्में चीते इंसानी दखल से प्रभावित
देशी शावकों को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने ईटीवी भारत को बताया, ''कैप्टिविटी यानी कैद में जन्मे चीते इंसानी दखल से प्रभावित रहते हैं. पिछले ढाई सालों में चीतों के जिन शावकों ने जन्म लिया, वे सभी कैप्टिविटी में जन्मे. ऐसे में खुले या जंगल में जन्मे चीतों के मुकाबले इनकी इम्युनिटी और नेचर प्रभावित होता है. इंसानों के ज्यादा करीब रहने से ये चीते वाइल्ड नहीं रह पाते और जंगल में शिकार और सर्वाइव कर पाना मुश्किल हो जाता है. जंगल में छोड़े गए इन चीतों को वहां के माहौल में ढलने में थोड़ा टाइम लगेगा.''

INDIAN CHEETAHS DOMINATE KUNO
कूनो नेशनल पार्क का आधिकारिक लेटर (ETV Bharat)

अब तक हाथ में मिला भोजन, अब खुद करना होगा शिकार
चीतों को जंगल में छोड़े जाने को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने कहा, ''जंगल में जिंदा रहने के लिए चीतों को शिकार करना होगा. अब तक इंसानों की देखरेख में उन्हें भोजन मिलता रहा है. इससे उनकी शिकार करने की कैपेसिटी भी कमजोर पड़ती है. इनका शिकार सीमित होता है और ये छोटे हिरण और चौसिंघा को अपना शिकार बनाते हैं. हिरणों को भी यहां बाहर से लाया गया है. देखना होगा कि जंगल इन चीतों को किस तरह से स्वीकार करता है. इनमें शामिल 3 देशी शावकों पर सभी की खास निगाहें होंगी, क्योंकि इनपर चीता प्रोजेक्ट का भविष्य निर्भर करेगा.''

SHEOPUR KHAJURI TOURISM AREA FOREST
जंगल में छोड़े जाएंगे 5 और जीते (ETV Bharat)

5 फरवरी को सीएम ने जंगल में छोड़े थे चीते
बता दें कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 फरवरी को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर पांच चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में सफलतापूर्वक छोड़ा था. जिसमें मादा चीता धीरा और आशा व उसके 3 शावक शामिल थे. मौजूदा समय में खुले जंगल में चीतों की संख्या 7 है और आज जब 5 और चीतों को छोड़ा जायेगा. तब खुले जंगल मे चीतों की संख्या 12 हो जायेगी.

कूनो से भागकर रिहायशी इलाके में पहुंचा चीता
हाल ही में एक चीता कूनो नेशनल पार्क से रिहायशी इलाकों में पहुंच गया है, जिससे वहां के किसान डरे हुए हैं. किसानों ने कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों और वन विभाग की टीमों को अवगत कराया. तभी से अधिकारी चीते की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कूनो वन्यप्राणी मंडल के डीएफओ आर थिरूकुरल ने चीतों के रिहायशी इलाकों में आने की घटनाओं के संबंध में एक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि अगर गांव के आसपास चीता दिखाई दे या आ जायें तो क्या करें और क्या न करें.

SHEOPUR KHAJURI TOURISM AREA FOREST
जंगल में छोड़े जाएंगे 5 और जीते (ETV Bharat)

चीतों को लेकर कूनो प्रबंधन ने जारी की एडवाइजरी
इस संबंध में कहा गया है कि, ''ऐसी स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचना दें तथा अपने गांव में संबंधित चीता मित्र से संपर्क करें. चीता दिखाई देने पर संयम बनाये रखें, चीता इंसानों के लिए खतरा नहीं हैं. ग्रामवासियों को चीते से दूरी बनाये रखने के लिए समझाये तथा अपने छोटे बच्चों एवं मवेशियों को घर के अंदर ही रखें. ऐसी स्थिति में चीते को सुरक्षित रास्ता दें, वह स्वयं ही गांव से दूर चला जायेगा. यदि चीता मवेशी पर हमला करने का प्रयास करता है तो तेज आवाज कर उसे दूर भगाने का प्रयास करें. यदि चीता किसी मवेशी को मार देता है तो मुआवजे का प्रावधान है. मुआवजा प्राप्त करने के लिए नजदीकी वन अधिकारी से तत्काल संपर्क किया जा सकता है.''

श्योपुर, (नीलमणि वैष्णव): कूनो प्रबंधन ने कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर बड़े बाड़े में बंद चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को कूनो प्रबंधक द्वारा पांच चीते और छोड़े जाएंगे, जिससे कूनो सेंचुरी में आने वाले पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा चीतों का दीदार हो सकेगा. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला और उसके दो नर शावक एवं दो अन्य नर चीता आज खुले जंगल में विचरण करने के लिए छोड़े जाएंगे.

जंगल में देखने को मिलेंगे 12 चीते
इन चीतों को खासकर खजूरी टूरिज्म क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटकों को अब पालपुर धूर्रेडी खजूरी और केरखो क्षेत्र में चीतों का दीदार हो सकेगा. आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क में 5 चीतों को छोड़ा था. इसके पहले भी अग्नि और वायु चीता को खुले जंगल में छोड़ा गया था. पर्यटकों को 7 नहीं अब 12 चीते देखने को मिलेंगे. जिसकी जानकारी मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने अपने फेसबुक और 'X' पेज से पब्लिक को दी है.

सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

सीएम मोहन यादव ने 'X' हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता संवर्द्धन की ओर एक और बड़ा कदम. नामीबिया से कूनो लाई मादा चीता ज्वाला और हाल ही में जन्मे उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा शावक) को आज खजूरी टूरिज्म क्षेत्र अंतर्गत खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से 7 चीते खुले में विचरण कर रहे है और अब 5 चीते छोड़े जाने से कुल 12 चीते खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण करेंगे जिससे निश्चित ही इस क्षेत्र में पर्यटकों का रोमांच और अधिक बढ़ेगा. यह कदम हमारी जैव विविधता को समृद्ध करने के साथ ही भारत में चीता पुनर्स्थापन के संकल्प को और मजबूती प्रदान करेगा.''

5 CHEETAHS RELEASED IN OPEN FOREST
खुली हवा में शिकार करेंगे चीते (ETV Bharat)

कैद में जन्में चीते इंसानी दखल से प्रभावित
देशी शावकों को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे ने ईटीवी भारत को बताया, ''कैप्टिविटी यानी कैद में जन्मे चीते इंसानी दखल से प्रभावित रहते हैं. पिछले ढाई सालों में चीतों के जिन शावकों ने जन्म लिया, वे सभी कैप्टिविटी में जन्मे. ऐसे में खुले या जंगल में जन्मे चीतों के मुकाबले इनकी इम्युनिटी और नेचर प्रभावित होता है. इंसानों के ज्यादा करीब रहने से ये चीते वाइल्ड नहीं रह पाते और जंगल में शिकार और सर्वाइव कर पाना मुश्किल हो जाता है. जंगल में छोड़े गए इन चीतों को वहां के माहौल में ढलने में थोड़ा टाइम लगेगा.''

INDIAN CHEETAHS DOMINATE KUNO
कूनो नेशनल पार्क का आधिकारिक लेटर (ETV Bharat)

अब तक हाथ में मिला भोजन, अब खुद करना होगा शिकार
चीतों को जंगल में छोड़े जाने को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने कहा, ''जंगल में जिंदा रहने के लिए चीतों को शिकार करना होगा. अब तक इंसानों की देखरेख में उन्हें भोजन मिलता रहा है. इससे उनकी शिकार करने की कैपेसिटी भी कमजोर पड़ती है. इनका शिकार सीमित होता है और ये छोटे हिरण और चौसिंघा को अपना शिकार बनाते हैं. हिरणों को भी यहां बाहर से लाया गया है. देखना होगा कि जंगल इन चीतों को किस तरह से स्वीकार करता है. इनमें शामिल 3 देशी शावकों पर सभी की खास निगाहें होंगी, क्योंकि इनपर चीता प्रोजेक्ट का भविष्य निर्भर करेगा.''

SHEOPUR KHAJURI TOURISM AREA FOREST
जंगल में छोड़े जाएंगे 5 और जीते (ETV Bharat)

5 फरवरी को सीएम ने जंगल में छोड़े थे चीते
बता दें कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 फरवरी को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर पांच चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में सफलतापूर्वक छोड़ा था. जिसमें मादा चीता धीरा और आशा व उसके 3 शावक शामिल थे. मौजूदा समय में खुले जंगल में चीतों की संख्या 7 है और आज जब 5 और चीतों को छोड़ा जायेगा. तब खुले जंगल मे चीतों की संख्या 12 हो जायेगी.

कूनो से भागकर रिहायशी इलाके में पहुंचा चीता
हाल ही में एक चीता कूनो नेशनल पार्क से रिहायशी इलाकों में पहुंच गया है, जिससे वहां के किसान डरे हुए हैं. किसानों ने कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों और वन विभाग की टीमों को अवगत कराया. तभी से अधिकारी चीते की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कूनो वन्यप्राणी मंडल के डीएफओ आर थिरूकुरल ने चीतों के रिहायशी इलाकों में आने की घटनाओं के संबंध में एक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि अगर गांव के आसपास चीता दिखाई दे या आ जायें तो क्या करें और क्या न करें.

SHEOPUR KHAJURI TOURISM AREA FOREST
जंगल में छोड़े जाएंगे 5 और जीते (ETV Bharat)

चीतों को लेकर कूनो प्रबंधन ने जारी की एडवाइजरी
इस संबंध में कहा गया है कि, ''ऐसी स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचना दें तथा अपने गांव में संबंधित चीता मित्र से संपर्क करें. चीता दिखाई देने पर संयम बनाये रखें, चीता इंसानों के लिए खतरा नहीं हैं. ग्रामवासियों को चीते से दूरी बनाये रखने के लिए समझाये तथा अपने छोटे बच्चों एवं मवेशियों को घर के अंदर ही रखें. ऐसी स्थिति में चीते को सुरक्षित रास्ता दें, वह स्वयं ही गांव से दूर चला जायेगा. यदि चीता मवेशी पर हमला करने का प्रयास करता है तो तेज आवाज कर उसे दूर भगाने का प्रयास करें. यदि चीता किसी मवेशी को मार देता है तो मुआवजे का प्रावधान है. मुआवजा प्राप्त करने के लिए नजदीकी वन अधिकारी से तत्काल संपर्क किया जा सकता है.''

Last Updated : Feb 21, 2025, 5:31 PM IST
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