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MP High Court : श्मशान घाट की जमीन अपने नाम कराने का मामला हाईकोर्ट में, अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद - गली सुनवाई दो सप्ताह बाद

श्मशान घाट की जमीन सरकारी अभिलेख में निजी व्यक्तियों के नाम (land cremation ground personnel name) दर्ज होने तथा उनके द्वारा निर्माण कार्य किये जाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष अनावेदकों ने जवाब पेश किया. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है. ये मामला टीकमगढ़ जिले के जतारा का है.

matter of land cremation ground
श्मशान घाट की जमीन अपने नाम कराने का मामला हाईकोर्ट में
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Published : Nov 10, 2022, 8:15 PM IST

जबलपुर। श्मशान घाट की जमीन पर कब्जा करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. याचिकाकर्ता सिद्दीकी खान की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि टीकमगढ़ जिले के जतारा स्थित कब्रिस्तान की जमीन सरकारी अभिलेख में मरघट में दर्ज थी. शासकीय अभिलेख में फेरबदल करते हुए अनावेदक मोहन लाल गुप्ता तथा गुलाब गुप्ता ने अपने नाम दर्ज करवा ली. अनावेदकों द्वारा कब्रिस्तान की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. याचिका में कहा गया था कि जतारा स्थित उक्त कब्रिस्तान में समाज विशेष के मृत व्यक्तियों को दफनाया जाता है.

इनको बनाया अनावेदक : इस संबंध में शिकायत करने के वावजूद कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गयी. याचिका में राज्य सरकार के गूह विभाग, पंचायत विभाग, नगरीय प्रशासन तथा विकास विभाग, संभागयुक्त सागर सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया था. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी पैरवी कर रहे हैं.

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कोविड काल की राशि का दुरुपयोग : कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से प्रदान की गयी करोड़ों की राशि का बुरहानपुर में दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को लोकायुक्त के समक्ष शिकायत करने की स्वत्रंता दी है. याचिकाकर्ता बालचंद्र शिंदे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान केन्द्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को एक-एक लाख करोड़ से अधिक की सहायता राशि उपलब्ध करायी थी. जिसमें से प्रदेश को 1 लाख 54 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, जिसमें से 12 करोड़ की राशि बुरहानपुर जिले को मिली थी. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि उक्त सहायता राशि का जिला कलेक्टर व सीएमएचओं ने दुरुपयोग किया और कई निजी लोगों के खातों में उक्त राशि स्थानातंरित हुई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी ने पक्ष रखा.

जबलपुर। श्मशान घाट की जमीन पर कब्जा करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. याचिकाकर्ता सिद्दीकी खान की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि टीकमगढ़ जिले के जतारा स्थित कब्रिस्तान की जमीन सरकारी अभिलेख में मरघट में दर्ज थी. शासकीय अभिलेख में फेरबदल करते हुए अनावेदक मोहन लाल गुप्ता तथा गुलाब गुप्ता ने अपने नाम दर्ज करवा ली. अनावेदकों द्वारा कब्रिस्तान की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. याचिका में कहा गया था कि जतारा स्थित उक्त कब्रिस्तान में समाज विशेष के मृत व्यक्तियों को दफनाया जाता है.

इनको बनाया अनावेदक : इस संबंध में शिकायत करने के वावजूद कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गयी. याचिका में राज्य सरकार के गूह विभाग, पंचायत विभाग, नगरीय प्रशासन तथा विकास विभाग, संभागयुक्त सागर सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया था. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी पैरवी कर रहे हैं.

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कोविड काल की राशि का दुरुपयोग : कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से प्रदान की गयी करोड़ों की राशि का बुरहानपुर में दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को लोकायुक्त के समक्ष शिकायत करने की स्वत्रंता दी है. याचिकाकर्ता बालचंद्र शिंदे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान केन्द्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को एक-एक लाख करोड़ से अधिक की सहायता राशि उपलब्ध करायी थी. जिसमें से प्रदेश को 1 लाख 54 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, जिसमें से 12 करोड़ की राशि बुरहानपुर जिले को मिली थी. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि उक्त सहायता राशि का जिला कलेक्टर व सीएमएचओं ने दुरुपयोग किया और कई निजी लोगों के खातों में उक्त राशि स्थानातंरित हुई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी ने पक्ष रखा.

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