टीकमगढ़। जिले के जंगल से चीतल और हिरण को निवाड़ी जिले के ओरछा जंगल में शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है. जिस पर जिले के विधायक राकेश गिरि ने विरोध जताया है और वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक का कहना है कि कैसे वन विभाग यहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों से सलाह किये बिना जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.
300 जानवरों को भेजा जा रहा ओरछा
जिले के खेराई जंगल में सैकड़ों की संख्या में हिरण, चीतल, शहीत जैसे कई जानवर हैं. इन जानवरों से खेराई के जंगल की शोभा बढ़ जाती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. वन विभाग जंगल से करीब 300 जानवर ओरछा के जंगल में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. हिरण और चीतल को पकड़कर ले जाने के लिए मंडला से टीमें भी आ चुकी हैं, जो जानवरों को पकड़ने की तैयारियां कर रही है.
बोमा पद्धति से जानवरों को पकड़ने की तैयारी
ये टीम जानवरों को बोमा पद्धति से पकड़कर विशेष प्रकार के ट्रकों में ओरछा ले जाएंगे, जहां इनकों सेंचुरी में छोड़ा जाएगा. जिसके बाद जिले के विधायक ने इसका खुलकर विरोध किया है और टीकमगढ़ कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर इन जानवरों को रोकने की मांग की है. साथ ही विधायक ने कहा कि ओरछा में ये जानवर सुरक्षित नहीं रहेंगे, क्योंकि ओरछा में जंगल सिर्फ नाम का है. पहले ओरछा में हजारों की संख्या में जानवर हुआ करते थे, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते सभी जानवरों का शिकार कर लिया गया है, जिसे छिपाने के लिए जहां से जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.
विधायक ने खोला मोर्चा
विधायक का कहना है कि कुंडेश्वर मंदिर के चलते यहां का विकास किया जाना है. जिसे लेकर कलेक्टर के निर्देशन में विकास का प्लान बनाया जा रहा है. जिसको लेकर जंगल में सेंचुरी का भी निर्माण किया जाएगा और ऐसे में यहां पर भी जानवरों की आवश्यक्ता होगी. इसके बावजूद यहां से जबरन वन विभाग जंगल से हिरण और चीतलों को पकड़कर ले जाने की तैयारी कर रहे है. विधयाक राकेश गिरि का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए यहां से जानवरों को शिकार के लिए ओरछा के जंगलों में नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए सड़क पर बैठकर आंदोलन ही क्यों न करना पड़े. अगर यहां से ये जानवर चले गए तो यहां के जंगल सुने और खाली हो जाएंगे.