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जानवरों को ओरछा के जंगल में शिफ्ट करने की तैयारी, विधायक ने जताया विरोध

टीकमगढ़ जिले के जंगल से चीतल और हिरण को ओरछा के जंगल में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. जिसे लेकर जिले के विधायक राकेश गिरि ने विरोध जताते हुए मोर्चा खोल दिया है. विधायक ने कहा है कि जानवरों को यहां से नहीं जाने दिया जाएगा.

MLA protests against preparing to shift animals to Orchha forest
जंगली जानवरों को ओरछा शिफ्ट करने का विधायक ने जताया विरोध
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Published : Feb 6, 2020, 5:19 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 6:36 PM IST

टीकमगढ़। जिले के जंगल से चीतल और हिरण को निवाड़ी जिले के ओरछा जंगल में शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है. जिस पर जिले के विधायक राकेश गिरि ने विरोध जताया है और वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक का कहना है कि कैसे वन विभाग यहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों से सलाह किये बिना जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.

जंगली जानवरों को ओरछा शिफ्ट करने का विधायक ने जताया विरोध


300 जानवरों को भेजा जा रहा ओरछा
जिले के खेराई जंगल में सैकड़ों की संख्या में हिरण, चीतल, शहीत जैसे कई जानवर हैं. इन जानवरों से खेराई के जंगल की शोभा बढ़ जाती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. वन विभाग जंगल से करीब 300 जानवर ओरछा के जंगल में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. हिरण और चीतल को पकड़कर ले जाने के लिए मंडला से टीमें भी आ चुकी हैं, जो जानवरों को पकड़ने की तैयारियां कर रही है.

MLA protests against preparing to shift animals to Orchha forest
विधायक ने कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों को लिखा पत्र


बोमा पद्धति से जानवरों को पकड़ने की तैयारी
ये टीम जानवरों को बोमा पद्धति से पकड़कर विशेष प्रकार के ट्रकों में ओरछा ले जाएंगे, जहां इनकों सेंचुरी में छोड़ा जाएगा. जिसके बाद जिले के विधायक ने इसका खुलकर विरोध किया है और टीकमगढ़ कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर इन जानवरों को रोकने की मांग की है. साथ ही विधायक ने कहा कि ओरछा में ये जानवर सुरक्षित नहीं रहेंगे, क्योंकि ओरछा में जंगल सिर्फ नाम का है. पहले ओरछा में हजारों की संख्या में जानवर हुआ करते थे, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते सभी जानवरों का शिकार कर लिया गया है, जिसे छिपाने के लिए जहां से जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.


विधायक ने खोला मोर्चा
विधायक का कहना है कि कुंडेश्वर मंदिर के चलते यहां का विकास किया जाना है. जिसे लेकर कलेक्टर के निर्देशन में विकास का प्लान बनाया जा रहा है. जिसको लेकर जंगल में सेंचुरी का भी निर्माण किया जाएगा और ऐसे में यहां पर भी जानवरों की आवश्यक्ता होगी. इसके बावजूद यहां से जबरन वन विभाग जंगल से हिरण और चीतलों को पकड़कर ले जाने की तैयारी कर रहे है. विधयाक राकेश गिरि का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए यहां से जानवरों को शिकार के लिए ओरछा के जंगलों में नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए सड़क पर बैठकर आंदोलन ही क्यों न करना पड़े. अगर यहां से ये जानवर चले गए तो यहां के जंगल सुने और खाली हो जाएंगे.

टीकमगढ़। जिले के जंगल से चीतल और हिरण को निवाड़ी जिले के ओरछा जंगल में शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है. जिस पर जिले के विधायक राकेश गिरि ने विरोध जताया है और वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विधायक का कहना है कि कैसे वन विभाग यहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों से सलाह किये बिना जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.

जंगली जानवरों को ओरछा शिफ्ट करने का विधायक ने जताया विरोध


300 जानवरों को भेजा जा रहा ओरछा
जिले के खेराई जंगल में सैकड़ों की संख्या में हिरण, चीतल, शहीत जैसे कई जानवर हैं. इन जानवरों से खेराई के जंगल की शोभा बढ़ जाती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. वन विभाग जंगल से करीब 300 जानवर ओरछा के जंगल में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. हिरण और चीतल को पकड़कर ले जाने के लिए मंडला से टीमें भी आ चुकी हैं, जो जानवरों को पकड़ने की तैयारियां कर रही है.

MLA protests against preparing to shift animals to Orchha forest
विधायक ने कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों को लिखा पत्र


बोमा पद्धति से जानवरों को पकड़ने की तैयारी
ये टीम जानवरों को बोमा पद्धति से पकड़कर विशेष प्रकार के ट्रकों में ओरछा ले जाएंगे, जहां इनकों सेंचुरी में छोड़ा जाएगा. जिसके बाद जिले के विधायक ने इसका खुलकर विरोध किया है और टीकमगढ़ कलेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर इन जानवरों को रोकने की मांग की है. साथ ही विधायक ने कहा कि ओरछा में ये जानवर सुरक्षित नहीं रहेंगे, क्योंकि ओरछा में जंगल सिर्फ नाम का है. पहले ओरछा में हजारों की संख्या में जानवर हुआ करते थे, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते सभी जानवरों का शिकार कर लिया गया है, जिसे छिपाने के लिए जहां से जानवरों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं.


विधायक ने खोला मोर्चा
विधायक का कहना है कि कुंडेश्वर मंदिर के चलते यहां का विकास किया जाना है. जिसे लेकर कलेक्टर के निर्देशन में विकास का प्लान बनाया जा रहा है. जिसको लेकर जंगल में सेंचुरी का भी निर्माण किया जाएगा और ऐसे में यहां पर भी जानवरों की आवश्यक्ता होगी. इसके बावजूद यहां से जबरन वन विभाग जंगल से हिरण और चीतलों को पकड़कर ले जाने की तैयारी कर रहे है. विधयाक राकेश गिरि का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए यहां से जानवरों को शिकार के लिए ओरछा के जंगलों में नहीं जाने दिया जाएगा. इसके लिए सड़क पर बैठकर आंदोलन ही क्यों न करना पड़े. अगर यहां से ये जानवर चले गए तो यहां के जंगल सुने और खाली हो जाएंगे.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ जिले के जंगल से निवाडी जिले के ओरछा जंगल मे चीतल ओर हिरण जानवरो को शिफ्ट करने की प्लानिग का टीकमगढ़ विधायक ने जताया बिरोध


Body:वाईट /01राकेश गिरी विधायक टीकमगढ़ भारतीय जनता पार्टी


वाइस ओबर/ टीकमगढ़ विधयाक राकेश गिरी ने बन बिभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है !और टीकमगढ़ विधयाक का कहना रहा की बन बिभाग टीकमगढ़ जिले से बगैर यहां के लोगो ओर जनप्रतिनिधियों के सला मशविरा के कैसे यहां से जंगली जानवर निवाडी जिले के ओरछा में पकड़ कर ले जाने की तैयारिया कर रहे है !यह सरासर गलत है !टीकमगढ़ जिले का धार्मिक और पवित्र स्थल शिवधाम कुंडेश्वर में मन्दिर के पीछे से लगा खेराई जंगल मे सैकड़ों की संख्या में हिरण, चीतल,शहीत तमाम् जानबर है !और इन जानवरों से खेराई के जंगल मे सोंदर्य बहुत ही सुंदर लगता जब यह जानबर दौड़ दौड़कर कुलांचे मारते है !जिससे जंगल की सोभा में चार चांद लगते है !जिसे देखने दृर दृर से लोग आते है !जो लोग विश्व के इस अनोखे शिवलिंग के दर्शन आते वह मंदिर के वाद जंगल मे जाकर इन जानवरो को जरूर देख कर लुफ्त उठाते है !और यह जंगली जानवर लोगो की जागरूकता के चलते सुरक्षित है !लेकिन फिर भी वन बिभाग इस जंगल से 300 के लगभग यह जानवर ओरछा के जंगल मे लेजाने की तैयारी में जुटा हुआ है !और उसको लेकर मंडला के जंगल से हिरण ओर चीतलों को पकड़ने की टीमें में भी टीकमगढ़ आचुकि है !और चीतलों को पकड़ने की तैयारियां जोरों पर है !और जंगल मे जिस इलाके में यह जानबर है !वहां पर फेंसिंग की जा रही है !फेंसिंग के वाद सारे जानवरो को फेंसिंग के अंदर कर बोमा पद्धति से पकड़कर इनको बिसेस प्रकार के ट्रकों में पकड़कर ओरछा ले जाया जाबेगा ओर फिर इनको ओरछा के सेंच्यूरी में छोड़ा जाबेगा लोगो को देखने के लिए मगर टीकमगढ़ विधायक ने इसका खुलकर विरोध किया और टीकमगढ कलेक्टर ओर वनविभाग के अधिकारी को पत्र लिखकर इन जानवरों को रोकने की मांग की गई है !और कहा कि ओरछा में यह जानवर सुरक्षित नही रहेंगे क्योकि ओरछा में जंगल सिर्फ नाम का है !इसके पहिले ओरछा में हजारो की संख्या में यह जानबर हुआ करते थे !मगर राजनीतिक संरक्षण के चलते सारे जानवरों का शिकार कर ख़ालिये गए और अब अपनी कमियां छिपाने के लिये टीकमगढ़ जिले से यह जानबर ले जाने की तैयारियां चल रही क्योंकि फिर राजनीतिक संरक्षण के चलते यह जानबर भी शिकार हो जाबेगे जिसको लेकर विधायक ने खुलकर विरोध किया है !




Conclusion:टीकमगढ विधायक का कहना रहा कि कुण्डेश्वर मन्दिर के चलते यहां का विकास किया जाना है !और उसको लेकर कलेक्टर के निर्देशन में विकास का प्लान बनाया जा रहा है !और टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर को धर्मिकता ओर टूरिज्म को लेकर डब्लप किया जाना है !जिसको लेकर जंगल मे सेंचुरी का भी निर्माण किया जाबेगा और ऐसे में यहां पर भी जानवरों की आवश्यक्ता होगी लेकिन फिर भी यहां से जबरन बन बिभाग जंगल से हिरण, ओर चीतलों को पकड़कर ले जाने की जुगत बना रहे है !जो गलत है !विधयाक राकेश गिरी का कहना रहा कि चाहे कुछ भी हो यहां से जानवरो को शिकार के लिए ओरछा के जंगलों में नहीं जाने दिया जाबेगा चाहे सड़क पर बैठकर आंदोलन ही क्यो न करना पड़े यदि यहां से यह जानवर चले गए तो यहां के जंगल सुने ओर खाली हो जाबेगे और जगलो की सुंदरता खत्म हो जाबेगी!
Last Updated : Feb 6, 2020, 6:36 PM IST
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