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विजयदशमी के त्योहार पर कोरोना का असर, घटा रावण के पुतले का कद

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Published : Oct 26, 2020, 5:21 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 7:58 PM IST

टीकमगढ़ जिले में दशहरा पर कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. जिले में हर साल 40 फिट का रावण के पुतले का दहन होता था. लेकिन इस बार सिर्फ 15 फिट का रावण ही तैयार किया गया है. परंपरा को जारी रखने के लिए लोग सिर्फ औपचारिकता ही निभा रहे हैं

Effigy of ravana
रावण का पुतला

टीकमगढ़। मध्यप्रदेश में सोमवार को दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लोगों का उत्‍साह कम ही देखने को मिल रहा है. जिले में हर साल 40 फिट के रावण का पुतला जलाया जाता था. लेकिन इस बार सिर्फ 15 फिट का रावण ही तैयार किया गया है. जिले कि परंपरा को जारी रखने के लिए लोगों ने भी केवल औपचारिकता ही निभाई है.

घटा रावण के पुतले का कद

रावण के पुतले के साथ ही मेघनाथ और कुंभकर्ण का कद भी छोटा कर दिया गया है. मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले भी 8-8 फीट के बनाए गए हैं. सोमवार की शाम को कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से रावण दहन किया जाएगा. पहले सरकार की तरफ से रावण दहन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी, लेकिन लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर परम्परा को जिंदा रखने के लिए सांकेतिक रावण दहन करने की अनुमति दी गई है.

नजर बाग मैदान में हर साल की तरह इस साल भी रावण दहन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. वहीं रावण का कद छोटा होने से पुतले में जगाए जाने वाले बम पटाखों की संख्या भी आधी हो गई है. पहले रावण के पुतले में 300 से लेकर 400 पटाखे लगाए जाते थे, लेकिन इस बार कद घटने से पुतले में अधिकतम 50 पटाखे ही लगाए जाएंगे. पुतले बनाने वालों का कहना है कि इस बार तो रावण के पुतलों की कीमत भी नहीं निकल पा रही है. कारिगरों का कहना है कि 30 हजार में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ बनाए जा रहे हैं. जिसमें कारीगरों की मेहनत तक नहीं निकल रही है.

टीकमगढ़। मध्यप्रदेश में सोमवार को दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लोगों का उत्‍साह कम ही देखने को मिल रहा है. जिले में हर साल 40 फिट के रावण का पुतला जलाया जाता था. लेकिन इस बार सिर्फ 15 फिट का रावण ही तैयार किया गया है. जिले कि परंपरा को जारी रखने के लिए लोगों ने भी केवल औपचारिकता ही निभाई है.

घटा रावण के पुतले का कद

रावण के पुतले के साथ ही मेघनाथ और कुंभकर्ण का कद भी छोटा कर दिया गया है. मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले भी 8-8 फीट के बनाए गए हैं. सोमवार की शाम को कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से रावण दहन किया जाएगा. पहले सरकार की तरफ से रावण दहन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी, लेकिन लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर परम्परा को जिंदा रखने के लिए सांकेतिक रावण दहन करने की अनुमति दी गई है.

नजर बाग मैदान में हर साल की तरह इस साल भी रावण दहन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. वहीं रावण का कद छोटा होने से पुतले में जगाए जाने वाले बम पटाखों की संख्या भी आधी हो गई है. पहले रावण के पुतले में 300 से लेकर 400 पटाखे लगाए जाते थे, लेकिन इस बार कद घटने से पुतले में अधिकतम 50 पटाखे ही लगाए जाएंगे. पुतले बनाने वालों का कहना है कि इस बार तो रावण के पुतलों की कीमत भी नहीं निकल पा रही है. कारिगरों का कहना है कि 30 हजार में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ बनाए जा रहे हैं. जिसमें कारीगरों की मेहनत तक नहीं निकल रही है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 7:58 PM IST
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