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टीकमगढ़ : जतारा के कामता ने किया गैरकानूनी काम, बेच दिया PM आवास - 420 case

टीकमगढ़ जिले जतारा से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले मकान को बेचने का मामला सामने आया है, जिसकी जानकारी लगने के बाद आरोपी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज करने के लिए नगर परिषद ने थाना जतारा को एक पत्र लिखा है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

The case of selling prime house
प्रधानमंत्री आवास बेचने का मामला
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Published : Oct 17, 2020, 5:33 PM IST

टीकमगढ़। अक्सर हमें सुनने में आता है कि लोग सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं. जिनको सच में इन योजनाओं की आवश्यकता होती है, उनको इसका लाभ नहीं मिल पाता और जिन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं है उन्हें मिल जाता है. मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले जतारा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें कामता प्रसाद साहू व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर तो ले लिया, लेकिन बाद में उसने इसे किसी और को बेच दिया.

PM आवास को बेचने का मामला

कामता प्रसाद साहू को प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राही है, जिसे मकान बनाने के लिए दो किस्त दिए गए, जिसमें पहली किस्त में एक लाख रुपए और दूसरी किस्त में 60 हजार रुपए मिले थे. इन रुपयों से उसने पक्का मकान बनाया था, लेकिन इस आवास का खुद उपयोग ना करते हुए उसने इन मकान को एक महिला को बेच दिया. वहीं खरीददार को ये नहीं पता था कि ये पीएम आवास है.

प्रधानमंत्री आवास बेचने का मामला

उपयंत्री ने पुलिस को लिखा पत्र

कामता प्रसाद साहू ने चार लाख रुपए में प्लॉट बेचा है. मामला संज्ञान में आने के बाद नगर परिषद ने इसकी जांच कराई, जिसके बाद आरोपी कामता प्रसाद पर 420 का मामला दर्ज करने के लिए जतारा पुलिस को एक पत्र लिखा गया. मामले में नगर परिषद के उपयंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास को नहीं बेचा जा सकता, अगर किसी ने इसे बेचने की कोशिश की तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाती है. साथ ही आवास के नाम पर जो राशि दी जाती है, उसे भी वसूल किया जाता है.

आवास के लिए मिले थे 1 लाख 60 हजार रुपए

कामता प्रसाद साहू को गरीबी रेखा और आवास नहीं होने पर नगर परिषद जतारा द्वारा पात्र पाया गया था, जिसके बाद उसके नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत की गई थी. एक व्यक्ति के आवास बनाने के लिए सरकार दो लाख पचास हजार रुपए आबंटित करती है, जिसमें से कामता को एक लाख 60 हजार रुपए दिए गए थे, केवल एक किस्त बाकी थी. उसके पहले ही कामता ने अपना आवास एक महिला को बेच दिया.

आरोपी ने आवास बेचने से किया इनकार

मामले को लेकर जतारा थाना निरीक्षक का कहना है कि नगर परिषद से कामता प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के संबंध में पत्र मिला है. जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में आरोपी कामता प्रसाद का कहना है कि उन्होंने अपना पीएम आवास नहीं बेचा है, बल्कि वार्ड क्रमांक 14 में जो मकान है, उसे बेचा है.

ये भी पढ़े- अधिकमास की आखिरी अमावस्या पर ओंकारेश्वर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

प्रधानमंत्री आवास को खरीदने वाले रमेश राय का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी है. कामता साहू ने उन्हें ये मकान चार लाख 65 हजार में बेचा है.

पीएम आवास योजन प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत गरीबों को पक्का मकान दिया जाता है, लेकिन कामता प्रसाद ने पीएम आवास को बेचकर योजना का मजाक बना दिया. फिलहाल पुलिस ने कामता प्रसाद के मकान के कागजातों की जांच कर रही है. जिसके बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

टीकमगढ़। अक्सर हमें सुनने में आता है कि लोग सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं. जिनको सच में इन योजनाओं की आवश्यकता होती है, उनको इसका लाभ नहीं मिल पाता और जिन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं है उन्हें मिल जाता है. मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले जतारा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें कामता प्रसाद साहू व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर तो ले लिया, लेकिन बाद में उसने इसे किसी और को बेच दिया.

PM आवास को बेचने का मामला

कामता प्रसाद साहू को प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राही है, जिसे मकान बनाने के लिए दो किस्त दिए गए, जिसमें पहली किस्त में एक लाख रुपए और दूसरी किस्त में 60 हजार रुपए मिले थे. इन रुपयों से उसने पक्का मकान बनाया था, लेकिन इस आवास का खुद उपयोग ना करते हुए उसने इन मकान को एक महिला को बेच दिया. वहीं खरीददार को ये नहीं पता था कि ये पीएम आवास है.

प्रधानमंत्री आवास बेचने का मामला

उपयंत्री ने पुलिस को लिखा पत्र

कामता प्रसाद साहू ने चार लाख रुपए में प्लॉट बेचा है. मामला संज्ञान में आने के बाद नगर परिषद ने इसकी जांच कराई, जिसके बाद आरोपी कामता प्रसाद पर 420 का मामला दर्ज करने के लिए जतारा पुलिस को एक पत्र लिखा गया. मामले में नगर परिषद के उपयंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास को नहीं बेचा जा सकता, अगर किसी ने इसे बेचने की कोशिश की तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाती है. साथ ही आवास के नाम पर जो राशि दी जाती है, उसे भी वसूल किया जाता है.

आवास के लिए मिले थे 1 लाख 60 हजार रुपए

कामता प्रसाद साहू को गरीबी रेखा और आवास नहीं होने पर नगर परिषद जतारा द्वारा पात्र पाया गया था, जिसके बाद उसके नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत की गई थी. एक व्यक्ति के आवास बनाने के लिए सरकार दो लाख पचास हजार रुपए आबंटित करती है, जिसमें से कामता को एक लाख 60 हजार रुपए दिए गए थे, केवल एक किस्त बाकी थी. उसके पहले ही कामता ने अपना आवास एक महिला को बेच दिया.

आरोपी ने आवास बेचने से किया इनकार

मामले को लेकर जतारा थाना निरीक्षक का कहना है कि नगर परिषद से कामता प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के संबंध में पत्र मिला है. जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में आरोपी कामता प्रसाद का कहना है कि उन्होंने अपना पीएम आवास नहीं बेचा है, बल्कि वार्ड क्रमांक 14 में जो मकान है, उसे बेचा है.

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प्रधानमंत्री आवास को खरीदने वाले रमेश राय का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी है. कामता साहू ने उन्हें ये मकान चार लाख 65 हजार में बेचा है.

पीएम आवास योजन प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत गरीबों को पक्का मकान दिया जाता है, लेकिन कामता प्रसाद ने पीएम आवास को बेचकर योजना का मजाक बना दिया. फिलहाल पुलिस ने कामता प्रसाद के मकान के कागजातों की जांच कर रही है. जिसके बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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