सिंगरौली। जिला मुख्यालय सिंगरौली से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवसर ब्लॉक के पापल गांव में कच्ची सड़क पर भरे पानी और कीचड़ के बीच बच्चे बड़ी मुश्किल से एक किलोमीटर दूर स्कूल पहुंचते हैं. बच्चों को हाथ में जूता और किताबें लेकर पैदल चलना पड़ रहा है. कई बार मांग करने के बावजूद ग्राम पंचायत की यह सड़क ना तो सरपंच बनवा पाए और ना ही जनपद सीईओ बनवा पाए. अब बरसात में गांव के बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ में से जूझते हुए जाना पड़ता है.
ग्रामीण भी परेशान : इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को भी आवागमन के लिए ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से प्राइमरी और मिडिल स्कूल की दूरी 1 किलोमीटर है. लगातार सरपंच और सीईओ से इस सड़क के बनाए जाने की मांग रखी गई परंतु कई वर्षों के बावजूद भी अब तक सड़क नहीं बन पाई. अब स्थिति यह है कि स्कूली बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए हाथ में चप्पल और जूता लेकर किताबें संभाल कर नंगे पैर स्कूल जाना पड़ता है. इसके साथ ही ग्रामीणों को भी आवागमन में भारी दिक्कतें होती हैं.
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कलेक्टर बोले-जानकारी लेंगे : ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में कभी-कभी तो स्थिति यह रहती है कि ज्यादा पानी भर जाने के कारण बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते. ये हालत है गांवों की. बीजेपी सरकार भले ही विकास के गाने गाती हो लेकिन गांवों में हालात बहुत खऱाब हैं. केवल इसी गांव की ये कहानी नहीं बल्कि ऐसे जिले में कई गांव हैंजहां मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. इस मामले में कलेक्टर अरुण परमार का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. जल्द ही ठोस निर्णय लिया जाएगा. सरपंच व जनपद सीईओ से इस बारे में बात की जाएगी.