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शारदीय नवरात्रि की आज से शुरुआत, पहले दिन मां शैलपुत्री का होगा पूजन

पूजा अर्चना पूर्णतः विधि विधान से साफ सफाई के साथ कलश स्थापना जो गेहूं करें और पूजा पाठ करने के बाद अन्य का ध्यान करें. साथ ही शैलपुत्री की मां के मंत्रों का जाप भी करें.

मां शैलपुत्री का होगा पूजन
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Published : Sep 29, 2019, 1:42 AM IST

सिंगरौली। आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल नवरात्रि की शुरुआत अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है. पंडितों की मानें तो इस बार मां दुर्गा का आगमन सभी के लिए बेहद शुभ है और मां हर किसी की मनोकामना पूर्ण करने वाली होंगी.


शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि 'शशि सूर्ये गजारुढ़ा शनिभौमे तुरंगमे, गुरौ शुक्रे च दोलायां,बुधे नौका प्रकीर्तिता'. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में घट की स्थापना का प्रथम मुहूर्त आज मुहूर्त- सुबह 6.16 बजे से 7.40 बजे तक अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 .48 बजे से दोपहर 12.48 बजे के बीच भी आप कर सकते हैं और हो सके तो घरों में कलश स्थापना करें ज्व काली मिट्टी गेहूं को मिलाकर होने का विधान है मां शैलपुत्र को रक्त पुष्प लाल वस्त्र चढ़ाया जाता है.

मां शैलपुत्री का होगा पूजन


बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है अगर आप अपने आने वाले साल को खुशहाल समृद्ध धन-धान्य से पूर्ण बनाना चाहते हैं तो मां शैलपुत्री और मां दुर्गा के नौ रूप की पूजा कर सकते हैं. इस नवरात्रि में माता रानी को प्रसन्न करें जिससे हर आपके रुके हुए काम पूर्ण होंगे और माता मनोकामना आपकी पूर्ण जरूर करेगी.


माता शैलपुत्री को पार्वती भी कहा जाता है माता की पूजा करने के लिए आप सफेद वस्त्र धारण कर माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना करें. पूजा अर्चना पूर्णतः विधि विधान से साफ सफाई के साथ कलश स्थापना जो गेहूं करें और पूजा पाठ करने के बाद अन्य का ध्यान करें. साथ ही शैलपुत्री की मां के मंत्रों का जाप भी करें अगर आप खुद कर रहे हैं या पंडित के द्वारा कराया जा रहा है तो विधि विधान से पूजा कर अपने गुरु को भी दक्षिणा जरूर दें जिससे आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

सिंगरौली। आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल नवरात्रि की शुरुआत अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है. पंडितों की मानें तो इस बार मां दुर्गा का आगमन सभी के लिए बेहद शुभ है और मां हर किसी की मनोकामना पूर्ण करने वाली होंगी.


शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि 'शशि सूर्ये गजारुढ़ा शनिभौमे तुरंगमे, गुरौ शुक्रे च दोलायां,बुधे नौका प्रकीर्तिता'. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में घट की स्थापना का प्रथम मुहूर्त आज मुहूर्त- सुबह 6.16 बजे से 7.40 बजे तक अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 .48 बजे से दोपहर 12.48 बजे के बीच भी आप कर सकते हैं और हो सके तो घरों में कलश स्थापना करें ज्व काली मिट्टी गेहूं को मिलाकर होने का विधान है मां शैलपुत्र को रक्त पुष्प लाल वस्त्र चढ़ाया जाता है.

मां शैलपुत्री का होगा पूजन


बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है अगर आप अपने आने वाले साल को खुशहाल समृद्ध धन-धान्य से पूर्ण बनाना चाहते हैं तो मां शैलपुत्री और मां दुर्गा के नौ रूप की पूजा कर सकते हैं. इस नवरात्रि में माता रानी को प्रसन्न करें जिससे हर आपके रुके हुए काम पूर्ण होंगे और माता मनोकामना आपकी पूर्ण जरूर करेगी.


माता शैलपुत्री को पार्वती भी कहा जाता है माता की पूजा करने के लिए आप सफेद वस्त्र धारण कर माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना करें. पूजा अर्चना पूर्णतः विधि विधान से साफ सफाई के साथ कलश स्थापना जो गेहूं करें और पूजा पाठ करने के बाद अन्य का ध्यान करें. साथ ही शैलपुत्री की मां के मंत्रों का जाप भी करें अगर आप खुद कर रहे हैं या पंडित के द्वारा कराया जा रहा है तो विधि विधान से पूजा कर अपने गुरु को भी दक्षिणा जरूर दें जिससे आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

Intro:आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल नवरात्रि की शुरुआत अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है इस बार मां दुर्गा का आगमन बुधवार यारियां से यानी आज नाव से होगा । पंडितों की मानें तो इस बार मां दुर्गा का आगमन सभी के लिए बेहद शुभ है और मां हर किसी की मनोकामना पूर्ण करने वाली होंगीBody:शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि हिंदू शास्त्रों में वर्णित है कि 'शशि सूर्ये गजारुढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां,बुधे नौका प्रकीर्तिता।' उन्होंने बताया कि नवरात्रि में घट की स्थापना का प्रथम मुहूर्त आज मुहूर्त- सुबह 6.16 बजे से 7.40 बजे तक अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 .48 बजे से दोपहर 12.48 बजे के बीच भी आप कर सकते हैं। और हो सके तो घरों में कलश स्थापना करें ज्व काली मिट्टी गेहूं को मिलाकर होने का विधान है मां शैलपुत्र को रक्त पुष्प लाल वस्त्र चढ़ाया जाता है

बता देखी नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है अगर आप अपने आने वाले साल को खुशहाल समृद्ध धन-धान्य से पूर्ण बनाना चाहते हैं तो मां शैलपुत्री और मां दुर्गा के नौ रूप की पूजा कर सकते हैं इस नवरात्रि में माता रानी को प्रसन्न करें जिससे हर आपके रुके हुए काम पूर्ण होंगे और माता मनोकामना आपकी पूर्ण जरूर करेगी।
माता शैलपुत्री को पार्वती भी कहा जाता है माता की पूजा करने के लिए आप सफेद वस्त्र धारण कर माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना करें पूजा अर्चना पूर्णतः विधि विधान से साफ सफाई के साथ कलश स्थापना जो गेहूं करें और पूजा पाठ करने के बाद अन्य का ध्यान करें साथी शैलपुत्री की मां के मंत्रों का जाप भी करें अगर आप खुद कर रहे हैं या पंडित के द्वारा कराया जा रहा है तो विधि विधान से पूजा कर अपने गुरु को भी दक्षिणा जरूर दें जिससे आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होंगी

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