सिंगरौली। मध्यप्रदेश में जब सड़कों की बात आती है तो शिवराज सरकार अपनी पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ती. लेकिन मध्यप्रदेश में सीधी-सिंगरौली को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 एक दशक से ज्यादा समय होने के बावजूद भी अब तक अधूरा है. इस बात की तस्दीक खुद केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में की है. गडकरी ने इसे स्वीकारते हुए कहा कि यह एक ऐसी सड़क है, जिस पर किताब लिखी जा सकती है. संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री ने बताया कि वह इस सड़क मार्ग को लेकर 6 से 7 बार वह मीटिंग कर चुके हैं.
संसद में लगातार उठे सवाल : सीधी से सिंगरौली को जोड़ने वाले इस सड़क मार्ग को लेकर संसद में कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं. एक कंपनी को लापरवाही के कारण हटाया गया. इसके बाद दूसरी कंपनी को टेंडर दिया गया, लेकिन सड़क की स्थिति जस की तस है. यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस हाइवे पर धूल के गुबार उड़ते हैं. प्रदूषण से हालात इतने खराब हैं कि बाइक सवारों का चलना दुश्वार हो गया है. यहां से गुजरने वाले वाहन सवारों का कहना है कि इस सड़क का काम शायद कभी नहीं हो पाएगा. वाहनचालकों का कहना है कि हमने इस सड़क को लेकर सपने संजाए थे और उम्मीद थी कि देश के अन्य नेशनल हाइवे जैसा ये भी सुविधायुक्त होगा. लेकिन सारी उम्मीदें पानी में बह गईं.
केंद्रीय मंत्री गडकरी भी लाचार : इस हाइवे की हालत इतनी खस्ता है कि कोई दुर्घटना हो जाए तो घायल को या किसी मरीज को अस्पताल ले जाना हो तो वह रास्ते में ही दम तोड़ देता है. यह कोई पहली दफा नहीं है, जब सड़क परिवहन मंत्री को राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के बारे में जवाब देना पड़ रहा हो. इससे पहले भी लोकसभा एवं राज्यसभा में स्थानीय सांसदों द्वारा इस सड़क के मुद्दे को उठाया गया और जवाब में केंद्रीय मंत्री का आश्वासन मिलता रहा. परंतु सड़क का कार्य अब तक अधूरा है. मजबूर होकर केंद्रीय मंत्री गडकरी को कहना पड़ा कि वह बहुत गिल्टी फील कर रहे हैं. गडकरी ने सदन में सांसदों को आश्वासन देते हुए कहा है कि जल्द ही सीधी-सिंगरौली को जोड़ने वाले सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 39 का कार्य दिसंबर 2023 तक लगभग 99% पूरा कर लिया जाएगा.
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पूरे रोड पर धूल का गुबार : राष्ट्रीय राजमार्ग 39 पर आए दिन सड़क हादसे होते हैं. स्थिति इतनी खराब है कि एक वाहन के निकलने के बाद एक किलोमीटर तक धूल इतनी उड़ती है कि कुछ भी दिखाई नहीं देता. बीच सड़क पर ही गाड़ियां खराब हो जाती हैं. सड़क किनारे बसे लोगों का कहना है कि इस सड़क से इतनी धूल और मिट्टी उड़ती है कि यहां रहना मुश्किल हो गया है. हमारे पीने के पानी में और खाने तक में धूल और मिट्टी मिल जाती है, जिससे आए दिन बच्चों को बीमारियां होती हैं. सिंगरौली के समाजसेवी राजेश सिंह ने बताया कि ये क्षेत्र सबसे ज्यादा रेवेन्यू सरकार को देता है. सबसे ज्यादा कोयला भारत सरकार को ये क्षेत्र देता है. उसके बावजूद एक सड़क मार्ग का निर्माण भी नहीं हो पाया है.