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दर्जनों विस्थापितों को एस्सार कंपनी ने निकाला, पीड़ितों ने कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार - सिंगरौली

एस्सार पॉवर लिमिटेड कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहे विस्थापितों को निकाला गया है. जिसके बाद वह कलेक्टर के पास पहुंचे और मदद की गुहार लगाई.

विस्थापित
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Published : Jun 18, 2019, 9:55 PM IST

सिंगरौली। एस्सार पॉवर लिमिटेड कंपनी के विस्थापित बड़े पैमाने पर अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. विस्थापितों का आरोप है कि वह कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहे थे, लेकिन एक साल के भीतर दो दर्जन से अधिक विस्थापितों को कंपनी से निकाल दिया गया है.

दर्जनों विस्थापितों को एस्सार कंपनी ने निकाला,

लोगों का आरोप है कि कंपनी ने उनकी जमीन ले ली. न मुआवजा दिया उल्टा नौकरी से भी निकाल दिया. विस्थापितों ने आरोप लगाते हुये कहा कि कंपनी द्वारा पुनर्वास नीतियों का पाल नहीं किया जा रहा है. कंपनी के लिये दी गयी जमीन में उनके खेत चले गये हैं. अब रोजगार का दूसरा साधन नहीं बचा. रोजगार नहीं होने से विस्थापित पूरी तरह परेशान हो चुके हैं.

कई विस्थापित तो ऐसे भी हैं, जिनके लड़कों को पढ़ने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. आरोप है कि कंपनी में जाने पर कंपनी प्रबंधक द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है. मामले में कलेक्टर केवीएस चौधरी ने कहा कि कंपनी द्वारा पुर्नवास नीति का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुये कंपनी से पुनर्वास नीतियों का पालन कराने की बात कही है.

सिंगरौली। एस्सार पॉवर लिमिटेड कंपनी के विस्थापित बड़े पैमाने पर अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. विस्थापितों का आरोप है कि वह कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहे थे, लेकिन एक साल के भीतर दो दर्जन से अधिक विस्थापितों को कंपनी से निकाल दिया गया है.

दर्जनों विस्थापितों को एस्सार कंपनी ने निकाला,

लोगों का आरोप है कि कंपनी ने उनकी जमीन ले ली. न मुआवजा दिया उल्टा नौकरी से भी निकाल दिया. विस्थापितों ने आरोप लगाते हुये कहा कि कंपनी द्वारा पुनर्वास नीतियों का पाल नहीं किया जा रहा है. कंपनी के लिये दी गयी जमीन में उनके खेत चले गये हैं. अब रोजगार का दूसरा साधन नहीं बचा. रोजगार नहीं होने से विस्थापित पूरी तरह परेशान हो चुके हैं.

कई विस्थापित तो ऐसे भी हैं, जिनके लड़कों को पढ़ने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. आरोप है कि कंपनी में जाने पर कंपनी प्रबंधक द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है. मामले में कलेक्टर केवीएस चौधरी ने कहा कि कंपनी द्वारा पुर्नवास नीति का पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देते हुये कंपनी से पुनर्वास नीतियों का पालन कराने की बात कही है.

Intro:सिंगरौली आज essar कंपनी के विस्थापित बड़े पैमाने पर पहुंचे कलेक्ट्रेट और हर विस्थापित चाहता है कि उन्हें कंपनियों में रोजी रोजगार मिल जाए ताकि यह अपनी आजीविका चला सकें वहीं एसआर कंपनी के विस्थापित पुनर्वास नीतियों से है वंचित


Body:दरअसल सिंगरौली जिले के एस्सार कंपनी के विस्थापित बड़े पैमाने में आज कलेक्ट्रेट पहुंचे जो कई वर्षों से कंपनी में लगातार काम कर रहे थे इसके बाद कंपनी द्वारा 1 वर्ष से 2 दर्जन से अधिक विस्थापितों को कंपनी द्वारा निकाल दिया गया उसी को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी समस्याओं का अवगत कराते हुए कहा कि एस्सार कंपनी के द्वारा हम लोगों की जमीन ले ली गई है और कंपनी के प्रबंधक द्वारा पुनर्वास नीतियों का पालन नहीं किया जा रहा है.

वहीं विस्थापितों का कहना है कि हम लोगों की जमीन भी एस्सार कंपनी द्वारा ले ली गई है जिससे हम लोग किसानी करने से भी वंचित हो गए जिससे अपना पालन पोषण किया करते थे कई विस्थापित तो ऐसे भी हैं जिनके लड़कों को पढ़ने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं कई विस्थापित ऐसे भी हैं ना तो उनको नौकरी ही मिली है और ना ही भत्ता मिलता और कंपनी में जाने पर कंपनी प्रबंधक द्वारा धमकी भी दी जाती है

आपको बता दें कि एस्सार कंपनी मैं विस्थापन हुए 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी नौकरी और भत्ता पाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं

वही कलेक्टर kvs चौधरी का कहना है कि एस्सार कंपनी के द्वारा कई लोगों को पुनर्वास नीति का पालन नहीं किया जा रहा है जिसको हम कंपनी को बुलवा कर पुनर्वास नीति का पालन करवाया जाएगा

बाइट जिला कलेक्टर kvs चौधरी

विस्थापित ओंकार देवी
विस्थापित राजेश गुप्ता


Conclusion:
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