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रिलायंस कंपनी के विस्थापितों ने शुरू की हड़ताल, नीतियों में बदलाव की मांग

सिंगरौली में रिलायंस कंपनी की नीतियों के खिलाफ विस्थापित मोर्चा खोले हुए हैं. पिछले 72 घंटे से हड़ताल कर रहे विस्थापितों का आरोप है कि कंपनी ने उनके साथ धोखा किया है.

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Published : Oct 7, 2019, 6:37 AM IST

विस्थापितों ने नीतियों में बदलाव की मांग

सिंगरौली। रिलायंस कंपनी के विस्थापितों की हड़ताल जारी है. पिछले तीन दिनों से क्रमिक हड़ताल पर बैठे विस्थापितों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन प्रशासन और विस्थापितों के बीच हुए पुनर्वास नीति के बावजूद एमयू का पालन नहीं कर रहा है. हालांकि कंपनी प्रबंधन ने विस्थापितों की हड़ताल को गलत करार दिया है.

विस्थापितों ने शुरू की हड़ताल


रिलायंस कंपनी को आए हुए एक दशक से ज्यादा का वक्त हो गया. इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन विस्थापितों को सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा मुहैया कराने में असफल रही. इतना ही नहीं कुछ विस्थापित नौकरी के लिए कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं. लिहाजा अब उन्होंने हड़ताल करने का रास्ता अपनाया है.


विस्थापित संदीप शाह का कहना है कि जिला प्रशासन और रिलायंस कंपनी ने विस्थापितों के साथ धोखा किया है. संदीप शाह ने आरोप लगाया कि विस्थापितों की मांगों को नजर अंदाज किया गया.


इस पूरे मामले में एसडीएम का कहना है कि कंपनी प्रबंधन और विस्थापितों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था. लेकिन बात नहीं बनी. अब कल फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत कराई जाएगी और सुलह का कोई रास्ता निकाला जाएगा.

सिंगरौली। रिलायंस कंपनी के विस्थापितों की हड़ताल जारी है. पिछले तीन दिनों से क्रमिक हड़ताल पर बैठे विस्थापितों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन प्रशासन और विस्थापितों के बीच हुए पुनर्वास नीति के बावजूद एमयू का पालन नहीं कर रहा है. हालांकि कंपनी प्रबंधन ने विस्थापितों की हड़ताल को गलत करार दिया है.

विस्थापितों ने शुरू की हड़ताल


रिलायंस कंपनी को आए हुए एक दशक से ज्यादा का वक्त हो गया. इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन विस्थापितों को सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा मुहैया कराने में असफल रही. इतना ही नहीं कुछ विस्थापित नौकरी के लिए कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं. लिहाजा अब उन्होंने हड़ताल करने का रास्ता अपनाया है.


विस्थापित संदीप शाह का कहना है कि जिला प्रशासन और रिलायंस कंपनी ने विस्थापितों के साथ धोखा किया है. संदीप शाह ने आरोप लगाया कि विस्थापितों की मांगों को नजर अंदाज किया गया.


इस पूरे मामले में एसडीएम का कहना है कि कंपनी प्रबंधन और विस्थापितों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था. लेकिन बात नहीं बनी. अब कल फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत कराई जाएगी और सुलह का कोई रास्ता निकाला जाएगा.

Intro:सिंगरौली रिलायंस कंपनी के नीतियों के खिलाफ विस्थापित 3 दिनों से क्रमिक हड़ताल पर बैठे हुए हैं विस्थापितों का आरोप है कि रिलायंस कंपनी प्रबंधन प्रशासन व विस्थापितों के बीच हुए पुनर्वास नीति के तहत एमयू का पालन नहीं कर रही है. विस्थापित 72 घंटे से क्रमिक हड़ताल पर बैठे है जिससे रिलायंस और प्रशासन मिलकर धोखा कर हड़ताल को बंद करायाBody:दरअसल रिलायंस कंपनी को आए हुए एक दशक से ऊपर हो गया है बावजूद इसके रिलायंस प्रबंधन कंपनी विस्थापितों को मूलभूत सुविधा सड़क पानी बिजली स्वास्थ्य शिक्षा मुहैया कराने में असफल रहा है
तो वहीं दूसरी तरफ विस्थापित पढ़ लिख कर नौकरी पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर है लगातार सरकार के नुमाइंदों से भी कंपनी की नीतियों के की शिकायत करने के बावजूद विस्थापितों को किसी प्रकार से लाभ नहीं मिला यही वजह है कि अब विस्थापित रिलायंस कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और धरने पर बैठ गए हैं. विस्थापितों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन मनमानी कर रही है और विस्थापितों का शोषण करने में लगी है।


वही विस्थापित संदीप शाह का कहना है कि हम लोगों को अनिश्चित हड़ताल को धोखा देकर बंद करा कर जिला प्रशासन व रिलायंस के बीच समझौता करने के लिए बुलाया गया इसके बाद मेरे मांगों पर किसी भी प्रकार की कोई चर्चा नहीं की गई गुमराह किया जा रहा है इसलिए कल से फिर हड़ताल पर हम लोग बैठेंगे

वही सिंगरौली का कहना है कि रिलायंस के विस्थापितों को आपस में विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था पर रिलायंस कंपनी के द्वारा उनके मांगो को नहीं मानने पर विस्थापित तो के बारे में कल विचार विमर्श किया जाएगा
बाइक सिंगरौली एसडीएम
बाइट --संदीप शाह--- विस्थापित नेता
वाइट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जागबलि वैश्यConclusion:
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