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प्यास बुझाने के लिए शहरवासियों को महीनों करना पड़ेगा इंतजार, समय से पूरा नहीं हुआ काम

सिंगरौली में पेयजल आपूर्ति को लेकर निर्माण कंपनी को दी गई हिदायद बेअसर हो रही है. ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं कर पाया है. जिससे पेयजल आपूर्ति निर्माण काम अधर में लटका है.

ठेकेदार की लेटलतीफाशाही से पेयजल आपूर्ति निर्माण कार्य में देरी
ठेकेदार की लेटलतीफाशाही से पेयजल आपूर्ति निर्माण कार्य में देरी
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Published : Nov 28, 2019, 2:01 PM IST

सिंगरौली। पेयजल आपूर्ति को लेकर निर्माण कंपनी को दी गई हिदायद बेअसर होती जा रही है. कलेक्टर ने आयुक्त शिवेंद्र सिंह से नियमित मॉनिटरिंग की बात भी कही थी, इसके बावजूद ठेकेदार ने समय पर काम पूरा नहीं किया. नतीजा पेयजल आपूर्ति निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

प्यास बुझाने के लिए शहरवासियों को महीनों करना पड़ेगा इंतजार

कलेक्टर केवीएस चौधरी की ओर से दी गई डेडलाइन के तहत बैढ़न में अक्टूबर के अंत तक हर हाल में जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ सकता है. कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कई काम अभी भी बाकी है.

बैढ़न में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब 150 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य काम शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ के चलते जलापूर्ति शुरु नहीं हो सकी. इस मामले में महापौर का कहना है कि अमृत पेयजल योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाना था, जोकि पैसे के अभाव में पूरा नहीं हो सका है, लेकिन काम दोबारा शुरु कराकर लोगों की प्यास बुझाई जाएगी.

सिंगरौली। पेयजल आपूर्ति को लेकर निर्माण कंपनी को दी गई हिदायद बेअसर होती जा रही है. कलेक्टर ने आयुक्त शिवेंद्र सिंह से नियमित मॉनिटरिंग की बात भी कही थी, इसके बावजूद ठेकेदार ने समय पर काम पूरा नहीं किया. नतीजा पेयजल आपूर्ति निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

प्यास बुझाने के लिए शहरवासियों को महीनों करना पड़ेगा इंतजार

कलेक्टर केवीएस चौधरी की ओर से दी गई डेडलाइन के तहत बैढ़न में अक्टूबर के अंत तक हर हाल में जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ सकता है. कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कई काम अभी भी बाकी है.

बैढ़न में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब 150 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य काम शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ के चलते जलापूर्ति शुरु नहीं हो सकी. इस मामले में महापौर का कहना है कि अमृत पेयजल योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाना था, जोकि पैसे के अभाव में पूरा नहीं हो सका है, लेकिन काम दोबारा शुरु कराकर लोगों की प्यास बुझाई जाएगी.

Intro:सिंगरौली. निर्माण एजेंसी पर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की हिदायत बेअसर साबित हुई है। कलेक्टर की ओर से दी गई डेडलाइन खत्म होने में चंद रोज बाकी हैं, लेकिन अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बात नगर निगम की जल प्रदाय योजना की कर रहे हैं।
कलेक्टर केवीएस चौधरी की ओर से दी गई डेडलाइन के मद्देनजर योजना के तहत बैढऩ शहर में अक्टूबर के अंत तक हर हाल में जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन हालात के मद्देनजर यह जान पड़ता है कि रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कई कार्य अभी बाकी हैं।Body:पेयजल आपूर्ति को लेकर शहर में चल रहे निर्माण कार्य की कछुआ चाल को देखते हुए करीब दो महीने पहले कलेक्टर ने निर्माण एजेंसी को हिदायत दी थी कि अक्टूबर तक हर हाल में बैढऩ में भी जलापूर्ति शुरू कर दी जाए। आयुक्त शिवेंद्र सिंह से कलेक्टर ने नियमित मॉनिटरिंग की बात भी कही थी। इसके बावजूद ठेकेदार ने समय पर कार्य पूरा नहीं किया। नतीजा पेयजल की आपूर्ति अभी अधर में ही है।
डेढ़ सौ करोड़ की योजना, वर्ष 2013 से है स्वीकृत
बैढऩ में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब डेढ सौ करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। वर्ष 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कार्य को शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ शुरू हुआ कार्य छह वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। जबकि वर्ष 2018 में ही जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी। योजना मोरवा व बैढऩ दोनों जोन के लिए बनाई गई थी। मोरवा में जैसे-तैसे जलापूर्ति शुरू है, लेकिन बैढऩ में यह सपना अभी अधूरा है।
अधिकारियों की ये है कहना
पेयजल आपूर्ति अभी तक शुरू नहीं हो सकी है।इस संबंध में योजना के नोडल व नगर निगम सहायक यंत्री का तर्क है कि पूर्व में बजट की कमी के चलते कार्य में रूकावट आ गई थी। डीएमएफ से बजट मिलने पर कार्य दोबारा शुरू हुआ है। माजन मोड के आगे पाइप लाइन बिछायी जा चुकी थी, लेकिन सडक़ निर्माण के चलते फिर से यह कार्य भी दोबारा करना है।
स्टीमेट निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही दोबारा पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा करने के साथ जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। रिहंद में बनाए गए इंटकबेल के लिए पंप सहित सहित सामग्री आ गई है। वहां एनटीपीसी का ऐश डैम फूटने से रास्ता खराब हो गया है। रास्ता बनने के साथ ही पंप भी फिट कर दिया जाएगा। उम्मीद है एक महीने में सभी कार्य पूरे हो जाएंगे।
बैढऩ में जल प्रदाय योजना का फैक्ट
बजट 135 करोड़ रुपए का
जलापूर्ति की क्षमता 62.6 एमएलडी
कार्य स्वीकृत हुआ वर्ष 2013 में
कार्य पूरा करने की निर्धारित अवधि 2018

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि नगर पालिक निगम के द्वारा बनाई जा रही है पाइपलाइन के द्वारा हम लोगों को पानी नहीं मिल पाएगा पाइपलाइन कंपनी के द्वारा रोड के किनारे आधा अधूरा काम करके चले गए हैं इसे नहीं नगर निगम के अधिकारी और ना ही कंपनी के अधिकारी देखने आते हैं कि सड़कों के किनारे गड्ढा खोद कर चले जाने से आम लोगों के आवागमन में काफी दिक्कत भी पड़ती है और आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती है

वही नगर पालिक निगम सिंगरौली के महापौर प्रेमवती खैरवार का कहना है कि अमृत पेयजल योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाना था जो कि पैसे के अभाव से कार्य पूरा नहीं हो पाया अभी डी यम एफ फंड से कुछ पैसे मिले हैं और काम को जल्द से जल्द पूरा कराकर लोगों को पानी की सप्लाई दी जाएगी

वाइट प्रेमवती खैरवार नगर पालिक निगम महापौर
बाइट शास्त्री शर्मा रहवासीConclusion:
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