सिंगरौली। जिले में रिलायंस पावर प्लांट के ऐश डैम टूटने से हुई तबाही के मामले में पुलिस ने कंपनी के CEO सहित छह लोगों पर FIR दर्ज कर ली है. इस मामले में 3 बच्चों सहित 6 लोगों की मौत हुई थी. दरअसल सिंगरौली स्थित रिलायंस पावर प्लांट का दो महीने पहले फ्लाइ ऐश बांध टूटने से कई गांव की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी, वहीं करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी. दो माह के बाद SP टीके विद्यार्थी ने बताया की डैम हादसे में रिलायंस कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि दो माह बाद उन्होंने कंपनी की लापरवाही को स्वीकार कर लिया है. वहीं तात्कालीन कलेक्टर KVS चौधरी ने एक टीम गठित की जो दोनों पक्षों के लोगों का बयान दर्ज कर रही है. अब देखना होगा कि कमेटी का क्या फैसला होगा.
क्या है ऐश डैम
सिंगरौली में बिजली बनाने में ज्यादातर कोयले का इस्तेमाल किया जाता है. कोयले से जो राख निकलती है, उसे फ्लाइ ऐश भी कहते हैं. राख का यह मलबा काफी खतरनाक होता है, जिसे एक तालाब में जमा किया जाता है. NGT के मुताबिक इस राख के तालाब में भारी धातु सिलिका, आर्सेनिक, एल्युमिनियम, पारा जैसे तत्व होते हैं, इससे अस्थमा, फेंफड़े, टीबी और कैंसर की बीमारी होती है.
केंद्र सरकार का निर्देश
केंद्र सरकार का कहना है कि बिजली बनाने के दौरान निकलने वाली राख का पूरा इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन सिंगरौली में ऐसा नहीं हो रहा है. खेतों में राख जमने से जमीन खराब हो गई है और जमीन पर राख की मोटी परत जम जाने से मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट हो रही है.
मानवाधिकार ने नोटिस जारी कर मांगा जबाब
मानवाधिकार आयोग ने SP से आरोपियों पर कार्रवाई के बारे में नोटिस जारी करके जानकारी ली है. आयोग ने रिलायंस पावर कंपनी के CMD सहित केंद्रीय ऊर्जा सचिव को नोटिस जारी किया है.
कांग्रेस जिला महासचिव ने की थी जांच की मांग
कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोगों ने शुरू से ही यह मांग की थी कि आरोपियों के खिलाफ FIR होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देर से ही सही कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो हुई.
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने की मुआवजे की मांग
बीजेपी के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कहा कि वे कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल पर गए थे. स्थानीय लोगों की मांग थी कि, कंपनी प्रबंधन के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए. कई लोगों की जमीनें राख की वजह से बंजर हुई हैं, साथ ही जनधन की हानि हुई है. गोयल का कहना है कि नुकसान का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.