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सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे लापरवाह शिक्षक, छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित - absence of teachers in the government college

राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. लेकिन वेतन के नाम पर मोटी रकम पाने वाले शिक्षक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. ताजा मामला चितरंगी तहसील के सरकारी कॉलेज से सामने आया है.

शासकीय महाविद्यालय
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Published : Oct 12, 2019, 4:25 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 4:31 AM IST

सिंगरौली। प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था ठीक होने के भले ही लाख दावे करे, पर जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. ताजा मामला जिले की चितरंगी तहसील से सामने आया है, जो सूबे में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्दीक कर रहा है. आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र चितरंगी में स्थित शासकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही जोरों पर है. जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

शिक्षकों की लापरवाही से छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

हालात ये हैं कि कॉलेज में छात्र-छात्राएं तो रोज आते हैं, लेकिन लापरवाह शिक्षक उन्हें पढ़ाने की जगह वहां से नदारद रहते हैं. इतना ही नहीं कॉलेज के प्राचार्य अपने परिवार के साथ छुट्टी मना रहे हैं उन्हें छात्रों की पढ़ाई से कोई सरकोर नहीं है. छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य लंबे समय से छुट्टी पर हैं, जबकि कॉलेज के दूसरे शिक्षक पढ़ाने नहीं आते. ऐसे में कोर्स पूरा नहीं हो पाएगा और एग्जाम भी नजदीक आ रहे हैं.

कहने को तो कॉलेज में प्राचार्य सहित पांच शिक्षक पदस्थ्य हैं, लेकिन पढ़ाई के नाम पर छात्रों के साथ एक तरह से मजाक किया जा रहा है. कुछ स्टूडेंट प्रतिदिन 20 किलोमीटर दूर केवल इसलिए आते हैं कि उनका कोर्स पूरा हो जाए और वे परीक्षा में पास हो जाएं लेकिन लापरवाह शिक्षक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे.

सिंगरौली। प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था ठीक होने के भले ही लाख दावे करे, पर जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. ताजा मामला जिले की चितरंगी तहसील से सामने आया है, जो सूबे में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्दीक कर रहा है. आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र चितरंगी में स्थित शासकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही जोरों पर है. जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

शिक्षकों की लापरवाही से छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

हालात ये हैं कि कॉलेज में छात्र-छात्राएं तो रोज आते हैं, लेकिन लापरवाह शिक्षक उन्हें पढ़ाने की जगह वहां से नदारद रहते हैं. इतना ही नहीं कॉलेज के प्राचार्य अपने परिवार के साथ छुट्टी मना रहे हैं उन्हें छात्रों की पढ़ाई से कोई सरकोर नहीं है. छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य लंबे समय से छुट्टी पर हैं, जबकि कॉलेज के दूसरे शिक्षक पढ़ाने नहीं आते. ऐसे में कोर्स पूरा नहीं हो पाएगा और एग्जाम भी नजदीक आ रहे हैं.

कहने को तो कॉलेज में प्राचार्य सहित पांच शिक्षक पदस्थ्य हैं, लेकिन पढ़ाई के नाम पर छात्रों के साथ एक तरह से मजाक किया जा रहा है. कुछ स्टूडेंट प्रतिदिन 20 किलोमीटर दूर केवल इसलिए आते हैं कि उनका कोर्स पूरा हो जाए और वे परीक्षा में पास हो जाएं लेकिन लापरवाह शिक्षक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे.

Intro:सिंगरौली मध्य प्रदेश सरकार एक तरफ शिक्षा की बेहतर व्यवस्था की बात करती है तो वही सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील के शासकीय महाविद्यालयों मैं शिक्षक न होने से छात्र-छात्राएं कालेज जाते हैं और घूम घूम के घर चले जाते हैंBody:दरअसल सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र के इकलौती कॉलेज है जहां 5 शिक्षकों के सहारे कॉलेज का संचालन किया जा रहा है जिसमें एक पुरा चार और चार अति शिक्षक हैं तो वही प्राचार्य लंबे समय से छुट्टी पर हैं तो वही अति शिक्षकहड़ताल पर बैठे हुए हैं जिससे छात्र-छात्राएं काफी परेशान हैं वहीं छात्रों का कहना है कि हमारे कॉलेज में एक प्रिंसिपल और चार अति शिक्षक हैं जिसमें प्राचार्य छुट्टी पर हैं तो अति शिक्षक पूरे हड़ताल में है एग्जाम का डेट नजदीक आने वाले हैं और कोर्स पूरा नहीं कराया गया है जिससे छात्र काफी परेशान हो रहे हैं कुछ छात्र छात्राएं महाविद्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर से आते हैं


आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में लगी हुई है तो वहीं सिंगरौली जिले के जिला प्रशासन उदासीन दिखाई दे रहा है अब देखना होगा कि सिंगरौली जिले के जिला प्रशासन कब कुंभकरण की नींद से जगता है

बाइट महाविद्यालय के छात्रों कीConclusion:
Last Updated : Oct 12, 2019, 4:31 AM IST
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