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पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए दो मासूमों को लेकर भटक रही विधवा

पति का सहारा छिन जाने के बाद विधवा अपने दो मासूम बच्चों के साथ अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दर-ब-दर भटक रही है.

पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए दो मासूमों को लेकर भटक रही विधवा
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Published : Aug 27, 2019, 11:31 PM IST

सीधी। कलेक्टर की जनसुनवाई में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दर-ब-दर भटक रही एक विधवा अपने दो मासूम बच्चों के साथ कलेक्टर के पास पहुंची, जहां महिला को शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के लिए जरूरी मापदंडों को पूरा करने का निर्देश दिया है.

पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए दो मासूमों को लेकर भटक रही विधवा
महिला ने बताया कि उसके पति रमेश पटेल शिक्षा विभाग में संविदा में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, जिनकी दुर्घटना में मौत हो गई थी. तब से प्रतिभा पटेल अपने दो मासूम बच्चों के साथ अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रही है, जिसके चलते वे दाने-दाने को मोहताज हैं और मजबूर होकर पड़ोसियों के घर काम कर अपने बच्चों का पेट पाल रही हैं.इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि नियमों में कुछ शर्तें होती हैं, स्कूल में शिक्षा के पद पर लाने के लिए इन्हें D.Ed-B.Ed करना होगा, उसके पहले इनकी कोई मदद नहीं की जा सकती है. बहरहाल12वीं तक पढ़ाई के बाद जिंदगी की उलझन में फंसी प्रतिभा के आगे सिर्फ एक ही मकसद है कि वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर कुछ बना सके. ऐसे में महिला की प्रशासन क्या और कब तक मदद करता है, ये देखने वाली बात होगी.

सीधी। कलेक्टर की जनसुनवाई में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दर-ब-दर भटक रही एक विधवा अपने दो मासूम बच्चों के साथ कलेक्टर के पास पहुंची, जहां महिला को शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के लिए जरूरी मापदंडों को पूरा करने का निर्देश दिया है.

पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए दो मासूमों को लेकर भटक रही विधवा
महिला ने बताया कि उसके पति रमेश पटेल शिक्षा विभाग में संविदा में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, जिनकी दुर्घटना में मौत हो गई थी. तब से प्रतिभा पटेल अपने दो मासूम बच्चों के साथ अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रही है, जिसके चलते वे दाने-दाने को मोहताज हैं और मजबूर होकर पड़ोसियों के घर काम कर अपने बच्चों का पेट पाल रही हैं.इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि नियमों में कुछ शर्तें होती हैं, स्कूल में शिक्षा के पद पर लाने के लिए इन्हें D.Ed-B.Ed करना होगा, उसके पहले इनकी कोई मदद नहीं की जा सकती है. बहरहाल12वीं तक पढ़ाई के बाद जिंदगी की उलझन में फंसी प्रतिभा के आगे सिर्फ एक ही मकसद है कि वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर कुछ बना सके. ऐसे में महिला की प्रशासन क्या और कब तक मदद करता है, ये देखने वाली बात होगी.
Intro:एंकर-- पति का साया उठ जाने के बाद एक विधवा महिला अपने दो मासूम बच्चों के साथ में लेकर अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर भटक रही है दर-दर आज जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में महिला ने अपनी गरीबी की दास्तान सुनाते हुए नौकरी के लिए गुजारिश की जहां महिला को शिक्षा विभाग में नियुक्ति के लिए जरूरी मापदंडों को पूरा करने का आदेश दिया


Body:वॉइस ओवर(1)- मजबूरी इंसान को क्या ना करा दे यह किसी से छुपा नहीं है 2 अगस्त 18 को महिला के पति रमेश की दुर्घटना में मौत हो गई रमेश पटेल शिक्षा विभाग में संविदा में शिक्षक के पद में अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रतिभा पाटिल अपने दो मासूम बच्चों को साथ में लेकर दर-दर भटक रही है दाने-दाने को मोहताज होने पर पड़ोसियों के घर में घरेलू काम कर अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही है महिला ने बताया कि उसके पति संविदा शिक्षक के उनकी मौत के बाद दो बच्चों का पेट भर भोजन दे पा रहे हैं ना शिक्षा दे पा रहे हैं अनुकंपा नियुक्ति के लिए आज कलेक्टर की जनसुनवाई मैं गुहार लगाने पहुंची है जहां किसी स्कूल में दाखिला के लिए डीएड बीएड होना जरूरी है और उसके लिए पैसे नहीं है
बाइट(1)प्रतिभा सिंग पटेल (पीड़ित महिला)
वाइस ओवर(2) वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि नियमों में कुछ शर्ते होती हैं स्कूल में शिक्षा के पद पर लाने के लिए इन्हें D.Ed B.Ed करना होगा उसके पहले इनकी कोई मदद नहीं हो सकती है।
बाइट(2)राकेश सिंह(प्रिंसिपल संकुल)


Conclusion:बहरहाल देखना होगा कि महिला लगभग 1 साल से नौकरी के लिए भटक रही है 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के बाद जिंदगी की उलझन में फंसी प्रतिभा के आगे सिर्फ एक ही मकसद है कि वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर कुछ बना सके ऐसे में महिला की प्रशासन क्या और कब तक मदद करता है यह देखने वाली बात होगी।
पवन तिवारी etv भारत सीधी मप्र
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