सीधी। जिला चिकित्सालय सीधी के डॉक्टरों की लापरवही के परिणाम स्वरूप एक नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. शिशु की मौत के बाद अस्पताल में अच्छा-खासा हंगामा खड़ा हो गया है. सीधी जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से आई प्रसूता के नवजात शिशु की मौत डॉक्टरों एवं नर्स की लापरवाही की वजह से हो गई. जिसके पश्चात परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और उनका गुस्सा भी फूटा. (Crying relatives demand action)
मड़वास से रेफर किया गयाः पीड़ित उमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पहले डिलीवरी के लिए अपनी पत्नी को वह नजदीकी अस्पताल मड़वास ले गए. वहां स्थिति की नजाकत को समझते हुए डॉक्टरों के द्वारा जिला चिकित्सालय सीधी के लिए रेफर कर दिया गया था. यहां जिला चिकित्सालय सीधी में अच्छे तरीके से इलाज नहीं हो पाया जिसके चलते बच्चे इस दुनियां में आते ही दम तोड़ दिया. (Referred from madwas)
CMHO की लापरवाही, कंपकंपाती ठंड में जमीन पर लेटकर इलाज करा रहे मरीज
पीड़ित ने लगाए प्रबंधन पर गंभीर आरोपः पीड़ित उमेश मिश्रा ने अस्पताल के डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टॉफ पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि बच्चे के गले में कटे हुए का निशान था. जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई. उन्होंने इसके विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कही है. ऐसा ही नहीं है कि सीधी के जिला चिकित्सालय का यह पहला मामला है. यहां के डॉक्टर एवं नर्स के कारनामे लगातार उजागर होते रहे हैं. यहां अक्सर लापरवाही के केस सामने आते रहते हैं. (victim made serious allegations against the management)
खानापूर्ति तक सीमित रह जाती है कार्यवाहीः अस्पताल प्रबंधन के ऊपर प्रशासन भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कर पाता. कार्यवाही की बात सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रह जाती है. जिसकी वजह से आए दिन ऐसी लापरवाही उजागर होती है. इस घोर लापरवाही की वजह से अस्पताल प्रबंधन एवं सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह की किरकिरी हो रही है कि आखिर किस तरह से उनके नेतृत्व में अस्पताल प्रबंधन कार्य कर रहा है. आए दिन उनके कार्यशैली को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले को लेकर जब ईटीवी द्वारा उनसे जानकारी चाही गई तो कैमरे के सामने से बचते नजर आए जिला चिकित्सालय सीधी के सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र सिंह. (action remains limited to supply of food)