भोपाल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सौरभ शर्मा मामले में सोशल मीडिया पर वायरल कथित डायरी के पन्नों को लेकर कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "सामने आए डायरी के 6 पन्नों में 1300 करोड़ का हिसाब-किताब सामने आया है. इसमें तीन नाम शॉर्ट फार्म में लिखा है, टीसी, टीएम और सी. इनके आगे करोड़ों रुपए लिख हुए हैं. आखिर यह कौन है. कांग्रेस ने आरोप लगाया एजेंसियां इस मामले में लोगों को बचाने में जुट गई हैं. आखिर अब तक इस मामले में सौरभ शर्मा का पता क्यों नहीं लगाया जा सका और इसमें किसी भी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकी."
सरकार बताए आखिर यह पन्नें कहां से आए ?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "पिछले दिनों परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त, आयकर और ईडी की कार्रवाई के दौरान एक डायरी का जिक्र हुआ है. इस डायरी से जुड़े 6 पन्ने वायरल हो रहे हैं. इनमें परिवहन चेकपोस्ट से उगाही का लेखा-जेखा है. इसमें एक चेकपोस्ट से 1 हजार 536 करोड़ का हिसाब-किताब है. जबकि दूसरे चेकपोस्ट से 103 और 155 करोड़ का हिसाब इसमें है. इस तरह सिर्फ 6 पन्नों में ही 1300 करोड़ा का हिसाब है.
करोड़ों के घोटाले में सौरभ और डायरी, दोनों का अस्तित्व खतरे में है! क्योंकि, मप्र के इस अनोखे 'संगठित-भ्रष्टाचार' में मारने और बचाने वालों की भूमिका बदल चुकी है! pic.twitter.com/AQbfQqyI59
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) January 12, 2025
जीतू पटवारी ने कहा कि अब समझा जा सकता है कि आखिर बाकी 66 पन्नों में क्या है? कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि डायरी के पन्नों में राशि के आगे टीसी, टीएम और सी लिखा है. क्या टीसी का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और टीएम का मतलब ट्रांसपोर्ट मंत्री है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस डायरी को लेकर सरकार और एजेंसियों द्वारा अब तक नहीं बताया कि आखिर यह पन्ने कहां से आए. यह अगली हैं या नकली."
जनता जानना चाहती है भ्रष्टाचार के खिलाफ कथित लड़ाई लड़ने वाली #ED और #IT क्या मप्र के " डायरी घोटाले" को दबा रही है?
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) January 12, 2025
दो-दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में हुई करोड़ की इस "संगठित-लूट" का हिसाब अब प्रधानमंत्री को ही देना चाहिए!@narendramodi @PMOIndia pic.twitter.com/GPY8uFfUHT
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आखिर सौरभ की गिरफ्तारी क्यों नहीं?
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "वायरल हो रहे इन पन्नों से पता चलता है कि छोटे से टोल से भी 30 करोड़ और बड़े टोल से 60 करोड़ रुपए की उगाही हो रही थी. सौरभ शर्मा मामले में तीन एजेंसियांं ने कारवाई की, लेकिन आखिर अब तक सौरभ शर्मा का पता क्यों नहीं लगाया जा सका. आखिर किसी से पूछताछ और गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकी. उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां अब इस मामले में आरोपियों को बचाने में जुटी है." गौरतलब है कि लोकायुक्त और आयकर विभाग ने कार्रवाई कर 54 किलो सोना और बड़ी मात्रा में नगदी के अलावा करोड़ों की अचल संपत्ति का खुलासा किया था.