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सीधीः दो बाबुओं के भरोसे परिवहन विभाग, सड़क पर बेखौफ दौड़ रहीं ओवरलोड, अनफिट बसें

सीधी जिले में परिवहन की बात करें तो यहां यातायात के नियमों को ताक पर रखकर अनफिट बसें ओवरलोड होकर सड़क पर बेधड़क दौड़ रही हैं. जिले में दलाली भी इतनी हावी हो गई है कि बाबुओं की जगह दलाल ऑफिस में बैठकर बेखौफ काम कर रहे हैं.

सड़कों पर दौड़ती अनफिट बसें
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Published : Mar 7, 2019, 11:59 PM IST

सीधी। जिले में ओवरलोड और अनफिट बसों की भरमार है, जिनके चलते लगातार हादसे होते रहते हैं. लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इन सब के लिए जिम्मेदार परिवहन विभाग महज दो बाबुओं के भरोसे चल रहा है. सीधी जिला परिवहन कार्यालय में वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस सहित वाहनों से संबधित कई काम होते हैं. लेकिन, यह काम सिर्फ दो बाबुओं और एक चपरासी के भरोसे चल रहा है.

आरटीओ ऑफिस में जब मीडिया का कैमरा पहुंचा तो यहां प्राइवेट पर्सन, जिनका विभाग से कोई लेना देना नहीं, वो कुर्सी पर बैठकर काम कर रहे थे. कैमरा देखते ही ये सब अपनी जगह से उठकर भागने लगे. इन लोगों से जब यहां होने की वजह पूछी गई तो पता चला कि इन्हें यहां काम के लिए रखा गया है.

सड़कों पर दौर रहीं ओवरलोड, अनफिट बसें
वहीं शहर के परिवहन की बात करें तो यहां यातायात के नियमों को ताक पर रखकर अनफिट बसें ओवरलोड होकर सड़क पर बेधड़क दौड़ रही हैं. जिले में दलाली भी इतनी हावी हो गई है कि बाबुओं की जगह दलाल ऑफिस में बैठकर बेखौफ काम कर रहे हैं. जब विभाग में पदस्थ बाबू अखिलेश सिंह से बाहरी लोगों के काम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो किसी स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी हैं, काम नहीं कर रहे और कैमरा देखकर डर गये होंगे.

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जिला परिवहन कार्यालय सीधी

काम कम छुट्टियां ज्यादा
बहरहाल, सालों से दो बाबू और एक चपरासी के भरोसे चल रहे इस आरटीओ ऑफिस में कुछ दिन पहले ही जिला आरटीओ अधिकारी की नियुक्ति हुई है. लेकिन, वह भी ड्यूटी पर कम, छुट्टियों पर ज्यादा रहते हैं. नतीजतन आरटीओ विभाग पूरी तरह बाबुओं के भरोसे छोड़ दिया गया है, जहां दलाल आम जनता की जेब खुलेआम लूट रहे हैं और प्रशासन देख कर भी अनजान बना हुआ है.

सीधी। जिले में ओवरलोड और अनफिट बसों की भरमार है, जिनके चलते लगातार हादसे होते रहते हैं. लेकिन आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इन सब के लिए जिम्मेदार परिवहन विभाग महज दो बाबुओं के भरोसे चल रहा है. सीधी जिला परिवहन कार्यालय में वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस सहित वाहनों से संबधित कई काम होते हैं. लेकिन, यह काम सिर्फ दो बाबुओं और एक चपरासी के भरोसे चल रहा है.

आरटीओ ऑफिस में जब मीडिया का कैमरा पहुंचा तो यहां प्राइवेट पर्सन, जिनका विभाग से कोई लेना देना नहीं, वो कुर्सी पर बैठकर काम कर रहे थे. कैमरा देखते ही ये सब अपनी जगह से उठकर भागने लगे. इन लोगों से जब यहां होने की वजह पूछी गई तो पता चला कि इन्हें यहां काम के लिए रखा गया है.

सड़कों पर दौर रहीं ओवरलोड, अनफिट बसें
वहीं शहर के परिवहन की बात करें तो यहां यातायात के नियमों को ताक पर रखकर अनफिट बसें ओवरलोड होकर सड़क पर बेधड़क दौड़ रही हैं. जिले में दलाली भी इतनी हावी हो गई है कि बाबुओं की जगह दलाल ऑफिस में बैठकर बेखौफ काम कर रहे हैं. जब विभाग में पदस्थ बाबू अखिलेश सिंह से बाहरी लोगों के काम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो किसी स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी हैं, काम नहीं कर रहे और कैमरा देखकर डर गये होंगे.

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जिला परिवहन कार्यालय सीधी

काम कम छुट्टियां ज्यादा
बहरहाल, सालों से दो बाबू और एक चपरासी के भरोसे चल रहे इस आरटीओ ऑफिस में कुछ दिन पहले ही जिला आरटीओ अधिकारी की नियुक्ति हुई है. लेकिन, वह भी ड्यूटी पर कम, छुट्टियों पर ज्यादा रहते हैं. नतीजतन आरटीओ विभाग पूरी तरह बाबुओं के भरोसे छोड़ दिया गया है, जहां दलाल आम जनता की जेब खुलेआम लूट रहे हैं और प्रशासन देख कर भी अनजान बना हुआ है.

Intro:एंकर--- सीधी जिले का जिला परिवहन विभाग दो बाबू की भरोसे चल रहा है यहां दलालों के मार्फत कराया जा रहा है काम दलालों की मिलीभगत से लूट रहे हैं लोग,etv भारत ने जब पड़ताल की तो कैमरा देख कर कुर्सी में बैठ कर काम कर रहे लोग उठ कर भागने लगे।क्या है पूरा मामला आइए देखते है इस रिपोर्ट में।।



Body:वाइस ओवर(1) ये है सीधी जिला परिवहन का जिला कार्यालय जहा वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस,फिटनिस सहित वाहनों से संबधित अनेक काम होते है,जहाँ पर दो बाबूओं और एक चपरासी के भरोसे चल रहा है,जब हमने कैमरा की नजर से देखा तो यहाँ पाइवेट पर्सन जिनका विभाग से कोई लेना देना नही,वो कुर्सी में बैठ कर काम कर रहे थे,जब देखा कि कैमरा चल रहा है तो अपनी जगह से उठ कर भागने लगे,दाढ़ी वाले इस सज्जन से जब हमने पूछा तो बोले हमे रखा गया है,।
वैसे भी जिले में देखा जाए तो आज कई ऐसी कमियां है,नियमो को ताक में रख कर किया जा रहा है,बसों में ओव्हर लोडिंग अनफिट बसे,खचाडा यात्री बसे भूसे की तरह भरे इंसानों को लेकर नियमो को धता बताकर सड़को पर बेख़ौफ़ दौड़ रही है,दलाली इतनी हावी की 100 की जगह हजार रुपये देने पड़ते है लोगो,बाबूओं की जगह दलाल बैठ कर ऑफीस में बेख़ौफ़ काम कर आम आदमी की जेब काट रहे है।
बाइट(1) जयभान सिंग(RTO में काम कर रहा,(विजुअल 1 में )
बाइट(2) बद्री मिश्रा(सीपीआई नेता)
वहI जब हमने विभाग में पदस्थ बाबू अखिलेश सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि वो किसी स्मार्ट चिप कंपनी के आदमी है,काम नही कर रहे आप लोगो का कैमरा चलता देख डर गए होंगे,ऐसी कोई बात नही है।।।
बाइट(3)अखिलेश सिंह(RTO का मुख्य बाबू)


Conclusion:बरहाल सालों से दो बाबू और एक चपरासी के भरोसे चल रहे इस आरटीओ विभाग में कुछ दिन पहले ही जिला आरटीओ अधिकारी की नियुक्ति हुई है लेकिन वह भी ड्यूटी कम छुट्टियों में अधिक रहते हैं इसका नतीजा यह है की आरटीओ विभाग पूरी तरह बाबू के भरोसे छोड़ दिया गया है जहां दलाल आम जनता की जेब खुलेआम लूट रहे हैं और प्रशासन देख कर भी अनजान बन रहा है शायद इसी को जंगल कानून कहते हैं अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर, टके सेर खाजा कुछ इसी तरह से सीधी का आरटीओ विभाग इन दिनों नजर आता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश।
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