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भारत भूमि पर जन्म और मनुष्य तन मिलना सबसे बड़ा सौभाग्य, बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "सनातन धर्म की शक्ति हमारी एकता में है. जात-पात को समाप्त कर हमें सनातन को संगठित करना होगा."

PANDIT DHEERENDRA SHASTRI
बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं धीरेंद्र शास्त्री (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

शिवपुरी: जिले के करैरा में सोमवार से शुरू हुई बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं धीरेंद्र शास्त्री ने श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा "हमारा और आपका सौभाग्य है कि ब्रह्मा जी ने हमें भारत भूमि पर जन्म दिया. दूसरा सौभाग्य यह है कि हमें इंसान योनि में जन्म दिया. "

युवा खुद को स्वस्थ बनाने पर ध्यान दें, ताकि अपने देश और समाज के लिए कुछ कर सकें.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "अगर भगवान हमें इंसान के बजाय कोई मवेशी बना देते तो क्या हम भागवत कथा कह या सुन पाते? इसलिए भगवान का शुक्रिया अदा करो कि भगवान हमें भारत भूमि पर इंसान के रूप में जन्म दिया है. आज का युवा सिर्फ इंटरनेट मीडिया में उलझ कर रह गया है. ऐसे में युवाओं को चाहिए कि वह इंटरनेट मीडिया से बाहर निकलकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, ताकि अपने देश, समाज और अपने धर्म के लिए कुछ कर सकें."

पं. धीरेंद्र शास्त्री (Etv Bharat)

कहा, जात-पात को समाप्त कर हमें सनातन को संगठित करना होगा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान से सीधा नाता जोड़ने और भक्ति के सरल मार्ग को अपनाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, "हमारे सनातन धर्म की शक्ति हमारी एकता में है. जात-पात को समाप्त कर हमें सनातन को संगठित करना होगा. हर भक्त को अपने भीतर भगवान को महसूस करना चाहिए और अपने जीवन में भक्ति, सेवा और समर्पण का मार्ग अपनाना चाहिए. "

जातिवाद पर किया तीखा प्रहार

शास्त्री जी ने अपने प्रवचन में जातिवाद पर तीखा प्रहार करते हुए सभी वर्गों को एक साथ लाने का संदेश दिया. उन्होंने वाल्मीकि समाज के योगदान की सराहना की और घोषणा की कि कथा की आरती अगले दिन बाल्मीकि समाज के सदस्य करेंगे. उनके इस कदम ने सभी वर्गों में समानता और समरसता का संदेश दिया.

शिवपुरी: जिले के करैरा में सोमवार से शुरू हुई बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं धीरेंद्र शास्त्री ने श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा "हमारा और आपका सौभाग्य है कि ब्रह्मा जी ने हमें भारत भूमि पर जन्म दिया. दूसरा सौभाग्य यह है कि हमें इंसान योनि में जन्म दिया. "

युवा खुद को स्वस्थ बनाने पर ध्यान दें, ताकि अपने देश और समाज के लिए कुछ कर सकें.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "अगर भगवान हमें इंसान के बजाय कोई मवेशी बना देते तो क्या हम भागवत कथा कह या सुन पाते? इसलिए भगवान का शुक्रिया अदा करो कि भगवान हमें भारत भूमि पर इंसान के रूप में जन्म दिया है. आज का युवा सिर्फ इंटरनेट मीडिया में उलझ कर रह गया है. ऐसे में युवाओं को चाहिए कि वह इंटरनेट मीडिया से बाहर निकलकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, ताकि अपने देश, समाज और अपने धर्म के लिए कुछ कर सकें."

पं. धीरेंद्र शास्त्री (Etv Bharat)

कहा, जात-पात को समाप्त कर हमें सनातन को संगठित करना होगा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान से सीधा नाता जोड़ने और भक्ति के सरल मार्ग को अपनाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, "हमारे सनातन धर्म की शक्ति हमारी एकता में है. जात-पात को समाप्त कर हमें सनातन को संगठित करना होगा. हर भक्त को अपने भीतर भगवान को महसूस करना चाहिए और अपने जीवन में भक्ति, सेवा और समर्पण का मार्ग अपनाना चाहिए. "

जातिवाद पर किया तीखा प्रहार

शास्त्री जी ने अपने प्रवचन में जातिवाद पर तीखा प्रहार करते हुए सभी वर्गों को एक साथ लाने का संदेश दिया. उन्होंने वाल्मीकि समाज के योगदान की सराहना की और घोषणा की कि कथा की आरती अगले दिन बाल्मीकि समाज के सदस्य करेंगे. उनके इस कदम ने सभी वर्गों में समानता और समरसता का संदेश दिया.

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