जबलपुर। सीधी जिले के शिवसेना के नगर अध्यक्ष विवेक पांडे ने जिला बदर की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 18 सितम्बर को जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ जिला बदर का आदेश पारित किया था. जिसके खिलाफ उन्होंने संभागायुक्त के समक्ष अपील की थी. संभागायुक्त ने भी राजनीतिक प्रभाव के कारण उनके अपील को निरस्त कर दिया था. जिला बदर की कार्रवाई उसके खिलाफ 6 आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के आधार पर की गयी थी. HC fine Sidhi Collector
कोई गवाही भी नहीं हुई : याचिका में बताया गया कि उसके खिलाफ अंतिम अपराध साल 2020 में दर्ज हुआ था. सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 में स्पष्ट है कि बल व हिंसा का प्रयोग तथा भदस 1860 के अध्याय 5,12,16,17 या धारा 506 व 509 के तहत दंडित अपराध करने में या दुष्प्रेरण करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई ने गवाही नहीं हुई. जिसका कारण याचिकाकर्ता का भय बताया गया. HC fine Sidhi Collector
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बिना किसी सबूत के जिला बदर : इसी आधार पर कलेक्टर ने उसके खिलाफ जिला बदर का आदेश पारित कर दिया. जिला कलेक्टर ने दिमाग नहीं लगाते हुए सिर्फ कागज में लिखी लाइन के आधार पर आदेश पारित कर दिया, जो कानून की दृष्टि में उचित नहीं है. संभागायुक्त ने भी दायर अपील को खारिज कर दिया. एकलपीठ ने संभागायुक्त व कलेक्टर पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगते हुए जिला बदर के आदेश को निरस्त कर दिया. एकलपीठ ने कॉस्ट की रकम दिनों दिनों में याचिकाकर्ता को प्रदान करने के आदेश जारी किये हैं. राज्य सरकार दोनों अधिकारियों से कॉस्ट की रकम वसूलने के लिए स्वतंत्र है. HC fine Sidhi Collector