सीधी। अस्पतालों में लापरवाही की खबरें आम हो गई हैं. बीते दिन कल्पना नाम की एक गर्भवती महिला को डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां बबिता खरे नाम की एक महिला डॉक्टर उनका इलाज कर रही थी. रात बारह बजे के करीब महिला कल्पना गुप्ता की अचानक मौत हो गई. परिजन डॉक्टर से बार-बार गुहार लगाते रहे कि बच्चे को गर्भ से निकाल लें, लेकिन डॉक्टर ने परिजनों की एक न सुनी, जिससे मां और बच्चा दोनों की मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
परिजनों का आरोप डॉक्टर ने इलाज के लिए मांगे 40 हजार रुपए
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर बबिता खरे 40 हजार रुपये की मांग कर रही थी. जब हमने पैसे नहीं दिये गए, तो डॉक्टर ने इलाज करने में लापरवाही बड़तनी शुरू कर दी, जिसके कारण महिला कल्पना गुप्ता और उसके बच्चे की मौत हो गई. वहीं एसडीएम नीलाम्बर मिश्रा का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही से मौत हुई है या नहीं यह जांच का विषय है. जांच के बाद जो तथ्य निकल कर आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती
जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही लगतार सामने रही हैं. यहां कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जाती है. हालांकि परिजनों द्वारा हंगामा करने के बाद महिला डॉक्टर पर लिखित रूप में मामला तो दर्ज हो गया है, लेकिन देखना यह होगा कि प्रशासन जांच में कितनी गंभीरता दिखाती है. ऐसी लापरवाह डॉक्टर पर क्या कार्रवाई की जाती है, यह देखने वाली बात होगी.