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मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, 12 किमी तक गरीब परिवार ठेले पर लेकर गया शव

कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मध्यप्रदेश के सीधी जिले में देखने को मिली है. जहां गरीब मजबूर परिवार अपने परिजन का शव 12 किलोमीटर तक हाथ ठेले पर लेकर गया.

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Published : Jun 29, 2020, 10:50 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 1:40 PM IST

dead body in handcart
मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

सीधी। कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मध्यप्रदेश के सीधी जिले में देखने को मिली है. जहां गरीब मजबूर परिवार अपने परिजन का शव 12 किलो मीटर तक हाथ ठेले से लेकर गया. इतना ही नहीं इस मजबूर परिवार की मदद न जिला प्रशासन, न सांसद न विधायक और न ही नगरपालिका ने की है, जिसके चलते परिजन ने शव को अंतिम संस्कार की जगह सोन नदी में विसर्जित कर दिया.

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

दरअसल सीधी शहर के कोटहा नगर में एक आदिवासी परिवार में बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गई. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सोन नदी ले जाना था, नगर पालिका से वाहन मांगा गया लेकिन नगर पालिका के रसूखदार के यहां किसी काम से वाहन गया हुआ था और सीएमओ ने वाहन देने से साफ मना कर दिया. इसके बाद मजबूरी में परिजन शव हाथ ठेले से 12 किलो मीटर लेकर गए.

वहीं परिजनों का कहना है कि उनकी किसी तरह से किसी ने कोई मदद नहीं की है. बहरहाल सीधी शहर में नगर पालिका की लापरवाही आये दिन सामने आती रहती है. गरीबों को हक न मिलते हुए रसूखदार शासकीय योजना का लाभ उठाते हैं. गौरतलब है कि मानवता को शर्मसार करने वाली ये पहली तस्वीर नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन और जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता है.

सीधी। कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मध्यप्रदेश के सीधी जिले में देखने को मिली है. जहां गरीब मजबूर परिवार अपने परिजन का शव 12 किलो मीटर तक हाथ ठेले से लेकर गया. इतना ही नहीं इस मजबूर परिवार की मदद न जिला प्रशासन, न सांसद न विधायक और न ही नगरपालिका ने की है, जिसके चलते परिजन ने शव को अंतिम संस्कार की जगह सोन नदी में विसर्जित कर दिया.

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

दरअसल सीधी शहर के कोटहा नगर में एक आदिवासी परिवार में बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गई. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सोन नदी ले जाना था, नगर पालिका से वाहन मांगा गया लेकिन नगर पालिका के रसूखदार के यहां किसी काम से वाहन गया हुआ था और सीएमओ ने वाहन देने से साफ मना कर दिया. इसके बाद मजबूरी में परिजन शव हाथ ठेले से 12 किलो मीटर लेकर गए.

वहीं परिजनों का कहना है कि उनकी किसी तरह से किसी ने कोई मदद नहीं की है. बहरहाल सीधी शहर में नगर पालिका की लापरवाही आये दिन सामने आती रहती है. गरीबों को हक न मिलते हुए रसूखदार शासकीय योजना का लाभ उठाते हैं. गौरतलब है कि मानवता को शर्मसार करने वाली ये पहली तस्वीर नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन और जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता है.

Last Updated : Jun 30, 2020, 1:40 PM IST
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