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दाऊसाहब के संपर्क में आकर नेता बने थे अजीत जोगी, उनका निधन व्यक्तिगत क्षति: अजय सिंह - भोपाल न्यूज

अजय सिंह ने अजीत जोगी के निधन पर श्रृद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा 'परमात्मा से दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और शोकाकुल परिजन को यह आघात सहने की सामर्थ्य प्रदान करें.'

Ajit Jogi, Arjun Singh, Ajay Singh
अजीत जोगी, अर्जुन सिंह, अजय सिंह
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Published : May 29, 2020, 9:45 PM IST

भोपाल। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया. उन्होंने भोपाल स्थित मैनिट में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास की और कलेक्टर बने. सीधी में कलेक्टर रहते हुए वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के निकट आए और फिर राजनीति में प्रवेश किया. अर्जुन सिंह के पुत्र पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अजीत जोगी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया है.

मध्यप्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. अजय सिंह ने कहा 'अजीत जोगी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है, सीधी के कलेक्टर रहते हुए वे पूज्य दाऊसाब के संपर्क में आकर उनके विश्वस्त बन गए और बाद में आईएएस की सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आकर उनके निकट सहयोगियों में से रहे. संयुक्त मध्यप्रदेश में राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. उनका अवसान मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है, जिसकी पूर्ति होना संभव नहीं है.' अजय सिंह ने उन्हें श्रृद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा 'परमात्मा से दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और शोकाकुल परिजन को यह आघात सहने की सामर्थ्य प्रदान करें.'

दिमाग में सूजन आने की वजह से जोगी कोमा में चले गए थे. गंगा इमली का बीच उनके गले में फंस गया था, जिसकी वजह से उनकी सांस रुक गई थी. निजी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम जोगी का इलाज कर रही थी लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. उनके बेटे अमित जोगी ने भी कहा था कि उनके पिता को दवाओं से ज्यादा दुआओं की जरूरत है. अजीत जोगी को ऑडियो थेरेपी भी दी गई थी लेकिन कोई असर नहीं हुआ. अस्पताल में बेटे अमित के अलावा पत्नी रेणु जोगी उनका लगातार ख्याल रख रही थीं. डॉक्टरों ने भी अजीत जोगी को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन छत्तीसगढ़ की सियायत का ये सितारा छोड़कर चला गया.

जोगी के सफर पर एक नजर-

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ था.1968 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए.1974 से 1986 तक मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में जोगी ने प्रशासनिक सेवाएं दी थी.1986 में अजीत जोगी ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की.1987 में जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था.इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया.नवंबर 2000 को नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी.

भोपाल। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया. उन्होंने भोपाल स्थित मैनिट में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास की और कलेक्टर बने. सीधी में कलेक्टर रहते हुए वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के निकट आए और फिर राजनीति में प्रवेश किया. अर्जुन सिंह के पुत्र पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अजीत जोगी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया है.

मध्यप्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. अजय सिंह ने कहा 'अजीत जोगी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है, सीधी के कलेक्टर रहते हुए वे पूज्य दाऊसाब के संपर्क में आकर उनके विश्वस्त बन गए और बाद में आईएएस की सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आकर उनके निकट सहयोगियों में से रहे. संयुक्त मध्यप्रदेश में राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. उनका अवसान मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है, जिसकी पूर्ति होना संभव नहीं है.' अजय सिंह ने उन्हें श्रृद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा 'परमात्मा से दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और शोकाकुल परिजन को यह आघात सहने की सामर्थ्य प्रदान करें.'

दिमाग में सूजन आने की वजह से जोगी कोमा में चले गए थे. गंगा इमली का बीच उनके गले में फंस गया था, जिसकी वजह से उनकी सांस रुक गई थी. निजी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम जोगी का इलाज कर रही थी लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. उनके बेटे अमित जोगी ने भी कहा था कि उनके पिता को दवाओं से ज्यादा दुआओं की जरूरत है. अजीत जोगी को ऑडियो थेरेपी भी दी गई थी लेकिन कोई असर नहीं हुआ. अस्पताल में बेटे अमित के अलावा पत्नी रेणु जोगी उनका लगातार ख्याल रख रही थीं. डॉक्टरों ने भी अजीत जोगी को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन छत्तीसगढ़ की सियायत का ये सितारा छोड़कर चला गया.

जोगी के सफर पर एक नजर-

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ था.1968 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए.1974 से 1986 तक मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में जोगी ने प्रशासनिक सेवाएं दी थी.1986 में अजीत जोगी ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की.1987 में जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था.इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया.नवंबर 2000 को नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी.

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