सीधी। नियम के खिलाफ जाने से न सिर्फ इंसानों को सजा मिलती है, बल्कि ये नियम वन्य जीवों पर भी लागू होता है. सीधी के संजय टाइगर राष्ट्रीय उद्यान में बाघ के लिए बाड़ा बनाया गया है, जो देश के अन्य उद्यानों में देखने को नहीं मिलता. यहां बिगड़ैल किस्म के बाघों को कुछ दिन के लिए रखा जाता है, फिर उन्हें जंगलों में खुले में विचरण के लिए छोड़ दिया जाता है. ऐसे ही एक 2 साल की बाघिन इस समय बाड़े में कैद है.
सीधी का संजय टाइगर रिजर्व राष्ट्रीय उद्यान लगभग 831 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है, जो राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ से भी बड़ा इलाका कवर करता है. वैसे तो यहां अनेक वन्य जीवों को खुले में विचरण करते देखा जा सकता है. 2004 में यहां बाघों की संख्या मात्र छह थी, अब लगभग 30 से अधिक बाघ मौजूद हैं. इस उद्यान में बाघों के लिए बड़े इलाके में बाड़ा बनाया गया है, जिसे कारागृह कह सकते हैं. कटनी के ग्रामीण इलाके में एक बाघिन ने दहशत मचा रखी थी, जिसके बाद 7 मार्च 2020 को दो साल की बाघिन को यहां कैद किया गया है, जिसके सुधरने तक उसको बाड़े में रखा जाएगा. बाद में बाघ जब सुधर जाते हैं तो उन्हें जंगलों में खुले में विचरण के लिए छोड़ दिया जाता है.
बहरहाल सीधी के संजय टाइगर राष्ट्रीय उद्यान का प्रचार प्रसार ठीक से ना हो पाने की वजह से यहां पर्यटकों की संख्या कम है, हालांकि ये राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से भी बड़ा है और यहां बाघों की संख्या भी अधिक है. बावजूद इसके पर्यटकों के लिए ये राष्ट्रीय उद्यान हमेशा से तरसता रहा है.