शिवपुरी। कोलारस कस्बे के ग्राम नेतवास निवासी छात्र की 8 दिन पहले ब्राजील में मलेरिया की चपेट में आने से मौत हो गई थी. मृतक के पिता ने भारत सरकार से गुहार लगाई थी कि किसी भी तरह उसके बेटे के शव को महज 48 घंटे के भीतर भारत लाए जाने का प्रयास किया जाए. छात्र का शव सोमवार की दोपहर नेतवास पहुंचेगा, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मृतक छात्र नवजोत सिंह उम्र 23 साल के पिता शेरा सरदार का आरोप है कि दोनों देशों की सरकारों के लचर रवैया के कारण उनके बेटे का शव करीब 8 दिन बाद भारत पहुंचेगा.
सरकार से सहयोग नहीं मिला : पिता का दर्द है कि सरकार द्वारा उनके बेटे के शव को भारत मंगवाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई सहयोग नहीं किया गया. बकौल शेरा सरदार उन्होंने स्वयं 22 हजार 500 डालर करीब 18 लाख रुपये का भुगतान बेटे के शव को मंगवाने के लिए किया है. इसके बाद 1 दिसम्बर को शव ब्राजील से रवाना हुआ है. आज रात बाड़ी जर्मनी में रुकेगी और कल सुबह जर्मनी से रवाना होकर रविवार की देर रात दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहुंचेगी. वहां से एंबलेंस से गाड़ी शिवपुरी के लिए रवाना होगी और सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे नेतवास पहुंचेगी, जहां उनके फार्म हाउस पर बेटे के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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कहीं से नहीं मिली मदद : बकौल शेरा सरदार उसने तो सरकार से सिर्फ इतनी मांग की थी कि उसके बेटे के शव को समय पर उसे उपलब्ध करवाने में मदद कर दें, सरकार ने आर्थिक सहायता तो दूर की बात, किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की. अगर किसी ऐसे व्यक्ति का शव वहां फंस जाता जिसकी आर्थिक स्थिती बहुत अच्छी नहीं होती तो क्या उसे उसके स्वजन का शव नहीं मिलता? शेरा सरदार का कहना है कि उनके यहां इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के यहां से करीब तीन बार फोन आए. हमने हर बार सिर्फ यही बात कही कि बेटे के शव को भारत मंगवा दो और हर बार सिर्फ आश्वासन मिला. इसी तरह दिग्विजय सिंह भी लगभग हर रोज उससे बात करते रहे. लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाई.