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Allegations on SDM Pichhore : महिला हॉस्टल वार्डन का आरोप, हर रात एक छात्रा को बंगले पर भेजने को कहा, बोले न भेज पाओ तो तुम आना

शिवपुरी में सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने वर्तमान पिछोर एसडीएम बिजेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाये हैं. अधीक्षिका ने बताया कि उससे कहा गया कि- "हर रात एक छात्रा को भेजना बंगले पर और न भेज पाओ तो तुम्हे आना होगा." (Allegations on SDM Pichhore)

Shivpuri Hostel Warden serious allegations on SDM Pichhore Brijendra Yadav
शिवपुरी में सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने वर्तमान पिछोर एसडीएम बिजेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाये
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Published : Aug 9, 2022, 5:57 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 6:40 PM IST

शिवपुरी। आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने गंभीर आरोप लगाया है. अधीक्षिका का आरोप है कि तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक ने छात्राओं सहित उसकी अस्मत मांगी थी. जब वह अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने नियमों को ताक पर रखते हुए छात्रावास को ही बंद करवा दिया.

'एक छात्रा रात के समय बंगले पर भेज दिया करो': कन्या छात्रावास की पीड़ित अधीक्षिका ने बताया कि तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक एवं हाल में पिछोर में पदस्थ एसडीएम बिजेंद्र यादव ने मई के महीने में छात्रावास का निरीक्षण किया था. जिसके बाद उन्होंने दबाव बनाते हुए कहा था कि- " हर रात को एक छात्रा को उनके बंगले पर भेजा करो और सुबह उस छात्रा को वापस ले जाया करो. जब वह इस बात पर तैयार नहीं हुई, तो उन्होंने कहा कि जब तक छात्राओं को नहीं भेज रही हो तो खुद उनके बंगले पर आ जाओ."

आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर गंभीर आरोप

छात्रावास को बंद करवा दिया: जब कन्या छात्रावास की तत्कालीन अधीक्षिका इस बात पर राजी नहीं हुई, तो नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक ने छात्रावास को बंद करवा दिया. इस छात्रावास की छात्राओं को एक अन्य छात्रावास कमलागंज में शिफ्ट करवा दिया गया और अधीक्षिका काे छात्रावास से आफिस में अटैच कर दिया गया है. इसकी शिकायत तत्कालीन अधीक्षिका ने 50 रुपए के स्टाम्प पर शपथ पूर्वक कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की है.

रात के अंधेरे में लगाते थे छात्रावास के चक्कर: तत्कालीन अधीक्षिका ने एसडीएम पिछोर पर ये भी आरोप लगाए हैं कि- " एसडीएम रात के अंधेरे में छात्रावास आ जाते थे, वह निरीक्षण के नाम पर अपने गंदे अरमानों को पूरा करना चाहते थे जबकि कोई भी पुरुष या पुरुष अधिकारी कन्या छात्रावासों का निरीक्षण करने के लिए नहीं जा सकता है. छात्रावास अधीक्षिका ने इस संबंध में कुछ फोटो भी शिकायत के साथ उपलब्ध करवाया है." (Allegations on SDM Pichhore)

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आरोप पर एसडीएम पिछोर की सफाई: इस पूरे मामले में एसडीएम पिछोर बिजेंद्र यादव का कहना है कि- "वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए छात्रावासों के निरीक्षण पर जाते थे. जो आरोप लगाए गए हैं निराधार हैं. छात्रावास की अधीक्षिका का ट्रांसफर प्रक्रिया का हिस्सा था और इसी बात से नाराज होकर वह इस तरह के उल्टे सीधे आरोप लगा रही हैं ". एसडीएम के अनुसार उनके द्वारा भी कलेक्टर से निवेदन किया गया है कि इस मामले की पूरी जांच करवाई जाए और जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई होने चाहिए.

एसडीएम के समर्थन में कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं आईं : वहीं, एसडीएम बिजेंद्र यादव की शिकायत किए जाने के बाद कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं भी एसडीएम के समर्थन में उतर आई हैं. छात्रावास अधीक्षिका मोनिका तोमर, कविता कुशवाह, डॉ. रजनी आर्य, अनीता तिम्मी, पुष्पा देवी आर्य आदि ने कलेक्टर को लिखित में एसडीएम बिजेंद्र यादव काे चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा है कि उनका व्यवहार महिलाओं के प्रति बहुत अच्छा है. वह महिलाओं का सम्मान करते हैं. लिखित बयानों में यहां तक लिखा गया है कि उक्त छात्रावास अधीक्षिका ने जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं. (Shivpuri Hostel Warden serious allegations)

शिवपुरी। आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर सीनियर कन्या छात्रावास प्रथम की तत्कालीन अधीक्षिका ने गंभीर आरोप लगाया है. अधीक्षिका का आरोप है कि तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक ने छात्राओं सहित उसकी अस्मत मांगी थी. जब वह अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने नियमों को ताक पर रखते हुए छात्रावास को ही बंद करवा दिया.

'एक छात्रा रात के समय बंगले पर भेज दिया करो': कन्या छात्रावास की पीड़ित अधीक्षिका ने बताया कि तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक एवं हाल में पिछोर में पदस्थ एसडीएम बिजेंद्र यादव ने मई के महीने में छात्रावास का निरीक्षण किया था. जिसके बाद उन्होंने दबाव बनाते हुए कहा था कि- " हर रात को एक छात्रा को उनके बंगले पर भेजा करो और सुबह उस छात्रा को वापस ले जाया करो. जब वह इस बात पर तैयार नहीं हुई, तो उन्होंने कहा कि जब तक छात्राओं को नहीं भेज रही हो तो खुद उनके बंगले पर आ जाओ."

आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक व वर्तमान पिछोर एसडीएम पर गंभीर आरोप

छात्रावास को बंद करवा दिया: जब कन्या छात्रावास की तत्कालीन अधीक्षिका इस बात पर राजी नहीं हुई, तो नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन प्रभारी जिला संयोजक ने छात्रावास को बंद करवा दिया. इस छात्रावास की छात्राओं को एक अन्य छात्रावास कमलागंज में शिफ्ट करवा दिया गया और अधीक्षिका काे छात्रावास से आफिस में अटैच कर दिया गया है. इसकी शिकायत तत्कालीन अधीक्षिका ने 50 रुपए के स्टाम्प पर शपथ पूर्वक कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की है.

रात के अंधेरे में लगाते थे छात्रावास के चक्कर: तत्कालीन अधीक्षिका ने एसडीएम पिछोर पर ये भी आरोप लगाए हैं कि- " एसडीएम रात के अंधेरे में छात्रावास आ जाते थे, वह निरीक्षण के नाम पर अपने गंदे अरमानों को पूरा करना चाहते थे जबकि कोई भी पुरुष या पुरुष अधिकारी कन्या छात्रावासों का निरीक्षण करने के लिए नहीं जा सकता है. छात्रावास अधीक्षिका ने इस संबंध में कुछ फोटो भी शिकायत के साथ उपलब्ध करवाया है." (Allegations on SDM Pichhore)

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आरोप पर एसडीएम पिछोर की सफाई: इस पूरे मामले में एसडीएम पिछोर बिजेंद्र यादव का कहना है कि- "वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए छात्रावासों के निरीक्षण पर जाते थे. जो आरोप लगाए गए हैं निराधार हैं. छात्रावास की अधीक्षिका का ट्रांसफर प्रक्रिया का हिस्सा था और इसी बात से नाराज होकर वह इस तरह के उल्टे सीधे आरोप लगा रही हैं ". एसडीएम के अनुसार उनके द्वारा भी कलेक्टर से निवेदन किया गया है कि इस मामले की पूरी जांच करवाई जाए और जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई होने चाहिए.

एसडीएम के समर्थन में कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं आईं : वहीं, एसडीएम बिजेंद्र यादव की शिकायत किए जाने के बाद कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं भी एसडीएम के समर्थन में उतर आई हैं. छात्रावास अधीक्षिका मोनिका तोमर, कविता कुशवाह, डॉ. रजनी आर्य, अनीता तिम्मी, पुष्पा देवी आर्य आदि ने कलेक्टर को लिखित में एसडीएम बिजेंद्र यादव काे चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा है कि उनका व्यवहार महिलाओं के प्रति बहुत अच्छा है. वह महिलाओं का सम्मान करते हैं. लिखित बयानों में यहां तक लिखा गया है कि उक्त छात्रावास अधीक्षिका ने जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं. (Shivpuri Hostel Warden serious allegations)

Last Updated : Aug 9, 2022, 6:40 PM IST
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