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Shivpuri बिजली कटौती से परेशान दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसान, पावर हाउस का किया घेराव

शिवपुरी में किसान बिजली कटौती से परेशान हैं (shivpuri farmer upset). दर्जनों गांवों के किसानों ने आक्रोशित होकर पावर हाउस का घेराव किया. किसानों का कहना है कि बिजली नहीं होने से खेतों की सिचाई नहीं हो पा रही है. 24 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है. वहीं बिजली विभाग कई तरह के फॉल्ट होने का बहाना बनाकर बात टाल देते हैं.

shivpuri farmer upset
बिजली कटौती से परेशान दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसान
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Published : Dec 4, 2022, 6:39 PM IST

शिवपुरी। जिले के रन्नौद तहसील के दर्जनों गांव के किसानों ने रविवार को बिजली कटौती से परेशान (shivpuri farmer upset) होकर खरेह के पावर हाउस का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की. किसानों का आरोप है कि क्षेत्र के अकोदा, मूढ़री सीतानगर, खोराना सीतानगर छावरा, राजापुर में बिजली कटौती की जा रही है. जिससे किसानों को भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है. किसान अपने खेतों में पानी देने के लिए रात-रात भर बिजली आने का इंतजार करते हैं, जब बिजली विभाग के कर्मचारियों से बात की जाती है तो वह हर रोज बिजली की लाइन में फाल्ट बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. किसानों को चौबीस घंटे में से 10 घंटे भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है. बिजली की लाइन में हर रोज फाल्ट बताकर घंटों तक बिजली की सप्लाई बंद रखी जाती है. इसके कारण उनके खेतों में खड़ी फसल के नष्ट होने का संकट गहराता जा रहा है.

बिजली सप्लाई की आंख मिचौली से परेशान किसान: किसानों का कहना है कि खेतों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होती है. बिजली की लुकाछिपी हर रोज जारी है. बिजली सप्लाई के बंद होने से कृषि पंप व बोरिंग से पानी नहीं मिल रहा. इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है. इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी (farmers angry on electricity department) मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है. बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है.

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कटौती के बता दिए जाते हैं कई कारण: किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग द्वारा की जाने वाली कटौती के कई कारण बता दिए जाते हैं. उन्हें फीडर की छोटी से लेकर बड़ी लाइन का फाल्ट बता दिया जाता है तो कहीं मुख्य केंद्र से कटौती होना बता दिया जाता है. रात के समय बिजली काट दी जाती है. जिसका फाल्ट ढूंढने में दोपहर तक का समय बिजली विभाग के कर्मचारी लगा लेते हैं. इसके बाद भी लो बोल्टेज के आने से उनके खेतों की मोटर नहीं चल पा रहीं है.

किसानों के खेतों की बुवाई नहीं हो पा रही: किसान गजराज सिंह लोधी ने बताया कि कम बिजली मिलने से सिंचाई का कार्य नहीं हो पा रहा है. बिजली की आंख मिचौली से एक बीघा खेत की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है. अधिक समय लगने से धन और पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही हाल रहा तो गेहूं की बुवाई पिछड़ना तय लग रहा है. सरकार से हमारा इतना कहना है कि आखिर ऐसी स्थिति में हम सिंचाई करे तो करें कैसे.

शिवपुरी। जिले के रन्नौद तहसील के दर्जनों गांव के किसानों ने रविवार को बिजली कटौती से परेशान (shivpuri farmer upset) होकर खरेह के पावर हाउस का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की. किसानों का आरोप है कि क्षेत्र के अकोदा, मूढ़री सीतानगर, खोराना सीतानगर छावरा, राजापुर में बिजली कटौती की जा रही है. जिससे किसानों को भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है. किसान अपने खेतों में पानी देने के लिए रात-रात भर बिजली आने का इंतजार करते हैं, जब बिजली विभाग के कर्मचारियों से बात की जाती है तो वह हर रोज बिजली की लाइन में फाल्ट बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. किसानों को चौबीस घंटे में से 10 घंटे भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है. बिजली की लाइन में हर रोज फाल्ट बताकर घंटों तक बिजली की सप्लाई बंद रखी जाती है. इसके कारण उनके खेतों में खड़ी फसल के नष्ट होने का संकट गहराता जा रहा है.

बिजली सप्लाई की आंख मिचौली से परेशान किसान: किसानों का कहना है कि खेतों की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होती है. बिजली की लुकाछिपी हर रोज जारी है. बिजली सप्लाई के बंद होने से कृषि पंप व बोरिंग से पानी नहीं मिल रहा. इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है. इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी (farmers angry on electricity department) मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है. बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है.

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कटौती के बता दिए जाते हैं कई कारण: किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग द्वारा की जाने वाली कटौती के कई कारण बता दिए जाते हैं. उन्हें फीडर की छोटी से लेकर बड़ी लाइन का फाल्ट बता दिया जाता है तो कहीं मुख्य केंद्र से कटौती होना बता दिया जाता है. रात के समय बिजली काट दी जाती है. जिसका फाल्ट ढूंढने में दोपहर तक का समय बिजली विभाग के कर्मचारी लगा लेते हैं. इसके बाद भी लो बोल्टेज के आने से उनके खेतों की मोटर नहीं चल पा रहीं है.

किसानों के खेतों की बुवाई नहीं हो पा रही: किसान गजराज सिंह लोधी ने बताया कि कम बिजली मिलने से सिंचाई का कार्य नहीं हो पा रहा है. बिजली की आंख मिचौली से एक बीघा खेत की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है. अधिक समय लगने से धन और पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही हाल रहा तो गेहूं की बुवाई पिछड़ना तय लग रहा है. सरकार से हमारा इतना कहना है कि आखिर ऐसी स्थिति में हम सिंचाई करे तो करें कैसे.

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