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Shivpuri Scam: कंप्यूटर ऑपरेटर का बड़ा घोटाला, करीब 24 जिंदा लोगो को बताया मृत, लाखों की राशि का किया गबन - शिवपुरी में कंप्यूटर ऑपरेटर लाखों का घोटाला

शिवपुरी में जनपद पंचायत में पदस्थ निजी कंप्यूटर ऑपरेटर का एक कारनामा सामने आया है. जहां कंप्यूटर ऑपरेटर ने संबल योजना के तहत जिंदा मजदूरों को मृत घोषित कर लाखों का गबन किया.

Shivpuri Scam
भ्रष्टाचार
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Published : Jun 27, 2023, 9:30 PM IST

शिवपुरी। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश में नए-नए भ्रष्टाचार आए दिन सामने आ रहे हैं. अब शिवपुरी जिले से जो मामला सामने आया है. वह आपको चौका देगा है. जहां जिंदा लोगों को मृत बताकर लाखों रुपए का घोटाला कर लिया गया. ऐसा करने वाला कोई और नहीं बल्कि जनपद पंचायत में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर है. मामले का खुलासा होने के बाद जिले में जिंदा लोगों को मृत बताकर लाखों रुपए की राशि का घोटाला करने वाले तत्कालीन दो जिला पंचायत सीईओ सहित 5 पर मामला दर्ज हुआ है. जनपद पंचायत सीओई प्रशांत शर्मा ने इस मामले की शिकायत कोतवाली में की थी.

कंप्यूटर ऑपरेटर की अहम भूमिका: एमपी भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता के नाम पर शिवपुरी जनपद में 93.56 लाख रुपए की राशि का गबन हुआ है. जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा इस मामले की जांच की गई तो जांच रिपोर्ट में 26 लोगों के नाम पर केस बनाकर राशि को खुर्दबुर्द करना पाया गया. पकड़े गए कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है. कम्प्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार द्वारा दो जनपद सीईओ को डिजिटल सिग्नेचरों के जरिए राशि जारी कर दी थी.

संबल योजना के तहत लाखों का घोटाला: जनपद पंचायत में पदस्थ निजी कंप्यूटर ऑपरेटर की सैलरी तो महज 10 हजार रुपए है, लेकिन उसकी लाइफ स्टाइल अलग है. इस निजी कंप्यूटर ऑपरेटर के पास तीन लग्जरी कार और ढाई लाख की बाइक है. बता दें मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उसे अपने अधिकार दे रखे थे. वह खुद जनपद पंचायत चला रहा था. इसी का फायदा उठाकर संबल योजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर ने जिंदा मजदूरों को मृत बताकर लाखों का घोटाला किया. खास बात यह है कि 4 साल तक इस गड़बड़ी की भनक जिम्मेदारों की नहीं लगी. साल 2022 में जब कलेक्टर अक्षय सिंह ने जांच बिठाई तो मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने कंप्यूटर ऑपरेटर से अब तक ग्वालियर इंदौर से के 1-1 वीआईपी कार बरामद की है. पुलिस इस मामले में अन्य शेष फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

यहां पढ़ें...

इन पर हुई कार्रवाई: मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार को पुलिस ने ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है. सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने शिवपुरी में रहे जिला पंचायत सीईओ, गगन वाजपेई और जिला पंचायत सीईओ राजीव बाजपेयी सहित कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार, शाखा प्रभारी साधना चौहान सहायक ग्रेड 3, लता दुबे सहायक ग्रेड 3 पर धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया है.

शिवपुरी। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश में नए-नए भ्रष्टाचार आए दिन सामने आ रहे हैं. अब शिवपुरी जिले से जो मामला सामने आया है. वह आपको चौका देगा है. जहां जिंदा लोगों को मृत बताकर लाखों रुपए का घोटाला कर लिया गया. ऐसा करने वाला कोई और नहीं बल्कि जनपद पंचायत में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर है. मामले का खुलासा होने के बाद जिले में जिंदा लोगों को मृत बताकर लाखों रुपए की राशि का घोटाला करने वाले तत्कालीन दो जिला पंचायत सीईओ सहित 5 पर मामला दर्ज हुआ है. जनपद पंचायत सीओई प्रशांत शर्मा ने इस मामले की शिकायत कोतवाली में की थी.

कंप्यूटर ऑपरेटर की अहम भूमिका: एमपी भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता के नाम पर शिवपुरी जनपद में 93.56 लाख रुपए की राशि का गबन हुआ है. जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा इस मामले की जांच की गई तो जांच रिपोर्ट में 26 लोगों के नाम पर केस बनाकर राशि को खुर्दबुर्द करना पाया गया. पकड़े गए कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है. कम्प्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार द्वारा दो जनपद सीईओ को डिजिटल सिग्नेचरों के जरिए राशि जारी कर दी थी.

संबल योजना के तहत लाखों का घोटाला: जनपद पंचायत में पदस्थ निजी कंप्यूटर ऑपरेटर की सैलरी तो महज 10 हजार रुपए है, लेकिन उसकी लाइफ स्टाइल अलग है. इस निजी कंप्यूटर ऑपरेटर के पास तीन लग्जरी कार और ढाई लाख की बाइक है. बता दें मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उसे अपने अधिकार दे रखे थे. वह खुद जनपद पंचायत चला रहा था. इसी का फायदा उठाकर संबल योजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर ने जिंदा मजदूरों को मृत बताकर लाखों का घोटाला किया. खास बात यह है कि 4 साल तक इस गड़बड़ी की भनक जिम्मेदारों की नहीं लगी. साल 2022 में जब कलेक्टर अक्षय सिंह ने जांच बिठाई तो मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने कंप्यूटर ऑपरेटर से अब तक ग्वालियर इंदौर से के 1-1 वीआईपी कार बरामद की है. पुलिस इस मामले में अन्य शेष फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

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इन पर हुई कार्रवाई: मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार को पुलिस ने ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है. सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने शिवपुरी में रहे जिला पंचायत सीईओ, गगन वाजपेई और जिला पंचायत सीईओ राजीव बाजपेयी सहित कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र परमार, शाखा प्रभारी साधना चौहान सहायक ग्रेड 3, लता दुबे सहायक ग्रेड 3 पर धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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