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Shivpuri मध्याह्न भोजन वितरण के नाम पर रिश्वत लेना पड़ा महंगा, एमडीएम टास्क मैनेजर को चार साल की सजा

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Published : Sep 7, 2022, 9:46 AM IST

Updated : Sep 8, 2022, 11:23 AM IST

मध्यान भोजन वितरण के नाम पर रिश्वत की मांग करने वाली एमडीएम टास्क मैनेजर को कोर्ट ने चार साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचार के बाद आरोपी मैनेजर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 13 (1) डी/13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है. Shivpuri Bribery case, Punishment for taking Bribe

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एमडीएम टास्क मैनेजर को सजा

शिवपुरी। मध्यप्रदेश में हाल ही में होम राशन और भोजन योजना में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. यह घोटाला सीएजी की रिपोर्ट में हुआ था. इस घोटाले के सामने आने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है. वहीं शिवपुरी के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन बांटने के बदले रिश्वत मांगने वाली टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया है. अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने का फैसला सुनाया गया है. अभियोजना की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक हजारी लाल बैरवा ने की थी.

नोटिस निरस्त करवाने के बदले मांगे थे 25 हजार: शासकीय माध्यमिक विद्यालय बडारा में इंद्रा गांधी स्वसहायता समूह द्वारा मध्यान भोजन वितरण का कार्य किया जाता है. उक्त समूह में उसकी मां रती बाई अध्यक्ष तथा सावित्री चिढार सचिव है. आवेदक समूह के कार्य में सहायता करता है. 5 अक्टूबर 2016 को जिला पंचायत शिवपुरी में पदस्थ एमडीएम टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने विद्यालयों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था, नोटिस का जबाब 18 अक्टूबर 2016 को दे दिया गया था. परन्तु टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने नोटिस निरस्त करवाने के बदले 25 हजार रुपये की मांग की थी.

Chhindwara Crime News बेटे के हत्यारों को न्यायालय ने सुनाई सजा, फैसला सुनकर पिता ने कटवाए दाढ़ी बाल

20 हजार की रिश्वत लेते कीनल त्रिपाठी गिरफ्तार: कीनल त्रिपाठी द्वारा रिश्वत मांगने की पूरी रिकॉर्डिंग रमेश जाटव ने अपने मोबाइल में कर ली थी. जिसकी शिकायत 13 नवम्बर 2016 को लोकायुक्त ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक से की थी. उसी मामले में उचित कार्रवाई के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 1 दिसम्बर 2016 को आरोपित कीनल त्रिपाठी को जिला पंचायत कार्यालय में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था.

कोर्ट ने सुनाई सजा: लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में कीनल त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचार के बाद न्यायाधीश ने आरोपित को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 13 (1) डी/13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है.
Shivpuri Bribery case, Shivpuri bribe Mid Day Meal Distribution, MDM Task Manager Sentenced to four years, Punishment for taking Bribe

शिवपुरी। मध्यप्रदेश में हाल ही में होम राशन और भोजन योजना में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. यह घोटाला सीएजी की रिपोर्ट में हुआ था. इस घोटाले के सामने आने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है. वहीं शिवपुरी के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन बांटने के बदले रिश्वत मांगने वाली टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया है. अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने का फैसला सुनाया गया है. अभियोजना की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक हजारी लाल बैरवा ने की थी.

नोटिस निरस्त करवाने के बदले मांगे थे 25 हजार: शासकीय माध्यमिक विद्यालय बडारा में इंद्रा गांधी स्वसहायता समूह द्वारा मध्यान भोजन वितरण का कार्य किया जाता है. उक्त समूह में उसकी मां रती बाई अध्यक्ष तथा सावित्री चिढार सचिव है. आवेदक समूह के कार्य में सहायता करता है. 5 अक्टूबर 2016 को जिला पंचायत शिवपुरी में पदस्थ एमडीएम टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने विद्यालयों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था, नोटिस का जबाब 18 अक्टूबर 2016 को दे दिया गया था. परन्तु टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने नोटिस निरस्त करवाने के बदले 25 हजार रुपये की मांग की थी.

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20 हजार की रिश्वत लेते कीनल त्रिपाठी गिरफ्तार: कीनल त्रिपाठी द्वारा रिश्वत मांगने की पूरी रिकॉर्डिंग रमेश जाटव ने अपने मोबाइल में कर ली थी. जिसकी शिकायत 13 नवम्बर 2016 को लोकायुक्त ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक से की थी. उसी मामले में उचित कार्रवाई के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 1 दिसम्बर 2016 को आरोपित कीनल त्रिपाठी को जिला पंचायत कार्यालय में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था.

कोर्ट ने सुनाई सजा: लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में कीनल त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचार के बाद न्यायाधीश ने आरोपित को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 13 (1) डी/13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है.
Shivpuri Bribery case, Shivpuri bribe Mid Day Meal Distribution, MDM Task Manager Sentenced to four years, Punishment for taking Bribe

Last Updated : Sep 8, 2022, 11:23 AM IST
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