शिवपुरी। मध्यप्रदेश में हाल ही में होम राशन और भोजन योजना में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है. यह घोटाला सीएजी की रिपोर्ट में हुआ था. इस घोटाले के सामने आने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है. वहीं शिवपुरी के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन बांटने के बदले रिश्वत मांगने वाली टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी को चार साल की सजा सुनाई है. साथ ही सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित कर दिया है. अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने का फैसला सुनाया गया है. अभियोजना की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक हजारी लाल बैरवा ने की थी.
नोटिस निरस्त करवाने के बदले मांगे थे 25 हजार: शासकीय माध्यमिक विद्यालय बडारा में इंद्रा गांधी स्वसहायता समूह द्वारा मध्यान भोजन वितरण का कार्य किया जाता है. उक्त समूह में उसकी मां रती बाई अध्यक्ष तथा सावित्री चिढार सचिव है. आवेदक समूह के कार्य में सहायता करता है. 5 अक्टूबर 2016 को जिला पंचायत शिवपुरी में पदस्थ एमडीएम टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने विद्यालयों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था, नोटिस का जबाब 18 अक्टूबर 2016 को दे दिया गया था. परन्तु टास्क मैनेजर कीनल त्रिपाठी ने नोटिस निरस्त करवाने के बदले 25 हजार रुपये की मांग की थी.
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20 हजार की रिश्वत लेते कीनल त्रिपाठी गिरफ्तार: कीनल त्रिपाठी द्वारा रिश्वत मांगने की पूरी रिकॉर्डिंग रमेश जाटव ने अपने मोबाइल में कर ली थी. जिसकी शिकायत 13 नवम्बर 2016 को लोकायुक्त ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक से की थी. उसी मामले में उचित कार्रवाई के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 1 दिसम्बर 2016 को आरोपित कीनल त्रिपाठी को जिला पंचायत कार्यालय में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था.
कोर्ट ने सुनाई सजा: लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में कीनल त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचार के बाद न्यायाधीश ने आरोपित को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 13 (1) डी/13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है.
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