शिवपुरी। केंद्र सरकार ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन को प्रतिबंधित किया है. 28 सिंतबर 2022 को नोटिफिकेशन प्रकाशित किया गया था. इस संबंध में उच्च न्यायालय दिल्ली के माननीय न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित न्यायाधिकरण द्वारा पीएफआई संगठन और सहयोगी संगठनों को नोटिस जारी किया गया है.(Shivpuri action taken on pfi), इसे भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत 28 सितंबर, 2022 को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.
शिवपुरी में पीएफआई से जुड़े हैं दो व्यक्ति: शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया कि, शिवपुरी जिले में पीएफआई संगठन से जुड़े दो लोगों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है. नोटिफिकेशन के प्रति कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी चस्पा जारी किया गया है. इसके अलावा रिहायशी एरिया में लाउडस्पीकर के माध्यम से और रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से सूचना दी गई है.
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PFI के लोगों को जारी नोटिस: शिवपुरी जिले में पीएफआई संगठन से जुड़े वार्ड क्रमांक 2 के आदिल शिवानी और हरदौल बाबा मंदिर के पास रहने वाले पीएफआई के संस्थापक सदस्य अब्दुल आरिफ खान को नोटिस जारी किया गया है(Shivpuri pfi active and founder member fir lodge). अब्दुल आरिफ खान के विरुद्ध देहात थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत प्रकरण भी दर्ज किया गया है.
क्या है PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था, इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. पीएफआई खुद को गैर लाभकारी संगठन बताता था, इस पर अक्सर भारत सरकार द्वारा राष्ट्र विरोधी और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.