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शिवपुरी में RTPCR टेस्ट संख्या हुई कम, CMHO ने दिया बेतुका तर्क

शिवपुरी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एल शर्मा ने आरटी पीसीआर और आरएटी सैंपलो की संख्या तय कर दी है. इसके अनुसार जिले में अब 250-250 सैंपल ही प्रतिदिन लिए जाएंगे.

RTPCR test number decreased in Shivpuri, CMHO gave absurd logic
शिवपुरी में RTPCR टेस्ट संख्या हुई कम, CMHO ने दिया बेतुका तर्क
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Published : Apr 26, 2021, 6:56 AM IST

शिवपुरी। जिले में जांच सैंपल की संख्या की गई निर्धारित 250 RTPCR एवं 250 आरएटी सैंपलिंग का लक्ष्य निर्धारित है. शिवपुरी में जैसे ही कोविड-19 के सैंपलओं की संख्या बढ़ाई गई, तो लगातार कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. इसके बाद शिवपुरी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एल शर्मा ने एक नया फरमान सुनाया है कि आप आरटी पीसीआर और आरएटी में 250-250 सैंपल लिए जाएंगे.

शिवपुरी में RTPCR टेस्ट संख्या हुई कम, CMHO ने दिया बेतुका तर्क

सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ज्यादा सैंपलिंग की कोई आवश्यकता नहीं है. कम सेंपलिंग के फैसले को लेकर लोग सोशल मीडिया इसका जमकर विरोध कर रहे है. सैंपलिंग घटाने के कारण सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है.

घंटों बाद जिला अस्पताल ने लौटाया, घर जाते वक्त मंदिर में तोड़ा दम

लोगों का मानना है कि अगर सैंपलिंग की संख्या और ज्यादा बढ़ाई जाए तो जिले में संक्रमण की स्थिति कम हो जाएगी और जो लोग संक्रमण में थे उनका भी पता चल सकेगा, लेकिन एक तरफा सैंपलिंग की संख्या को कम कर देना स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठा रहा हैं. कम सेंपलिंग के संक्रमितों की संख्या कम हो सकती है. लेकिन संक्रमण कई गुना तक फेल सकता है.

शिवपुरी। जिले में जांच सैंपल की संख्या की गई निर्धारित 250 RTPCR एवं 250 आरएटी सैंपलिंग का लक्ष्य निर्धारित है. शिवपुरी में जैसे ही कोविड-19 के सैंपलओं की संख्या बढ़ाई गई, तो लगातार कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. इसके बाद शिवपुरी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एल शर्मा ने एक नया फरमान सुनाया है कि आप आरटी पीसीआर और आरएटी में 250-250 सैंपल लिए जाएंगे.

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सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ज्यादा सैंपलिंग की कोई आवश्यकता नहीं है. कम सेंपलिंग के फैसले को लेकर लोग सोशल मीडिया इसका जमकर विरोध कर रहे है. सैंपलिंग घटाने के कारण सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है.

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लोगों का मानना है कि अगर सैंपलिंग की संख्या और ज्यादा बढ़ाई जाए तो जिले में संक्रमण की स्थिति कम हो जाएगी और जो लोग संक्रमण में थे उनका भी पता चल सकेगा, लेकिन एक तरफा सैंपलिंग की संख्या को कम कर देना स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठा रहा हैं. कम सेंपलिंग के संक्रमितों की संख्या कम हो सकती है. लेकिन संक्रमण कई गुना तक फेल सकता है.

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